गजब, शराब न पीने पर भी शरीर में बन रहा है अल्कोहल
आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह सच है कि बिना शराब पिए भी शरीर में अल्कोहल बन सकता है। हैरान कर देने वाले एक मामले के तहत ये नई जानकारी सामने आई है जिसने लोगों के होश फाख्ता कर दिए।
मामला न्यूयार्क का है जहां गाड़ी चला रही एक महिला को टैफिक पुलिस ने यह कहकर रोक लिया कि वो शराब पीकर गाड़ी चला रही है। महिला ने तर्क दिया कि उसने शराब नहीं पी। इस पर पुलिस ने अल्कोहल मैपिंग यंत्र के जरिए महिला की सांस की जांच की और पाया कि उसके शरीर 0.33 प्रतिशत एल्होहल पाया गया जोकि निर्धारित सीमा से चार गुना ज्यादा था।
उधऱ वो महिला चिल्ला- चिल्लाकर यही कहती रही कि उसने शराब नहीं पी और वो कभी भी शराब नहीं पीती। पुलिस ने उसकी बात नहीं मानी और उस पर जुर्माना ठोक दिया। महिला इस जुर्माने के खिलाफ अदालत चली गई।
मामला अदालत तक पहुंचा तो डॉक्टरों की एक टीम ने महिला की जांच की और कहा कि जिंदगी में कभी भी शराब न पीने के बावजूद इस महिला के शरीर में खुद ब खुद शराब बन जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि महिला जो भी खाना खाती है वह उसके शरीर में जाकर अल्कोहल बन जाता है। महिला के शरीर में क्यों बनता है एल्कोहल जानने के लिए देखें अगली स्लाइड।
'ऑटो ब्रेवरी सिंड्रोम' खाने को बनाता है शराब
डॉक्टरों का कहना है कि महिला 'ऑटो ब्रेवरी सिंड्रोम' से पीड़ित है। इस कंडीशन में व्यक्ति कुछ भी खाता है वो शरीर में जाकर अल्कोहल में बदल जाता है। इस सिंड्रोम को जानने के लिए महिला को बाकायदा एक दिन की निगरानी में रखा गया और उसे केवल पानी और भोजन दिया गया।
अगले दिन महिला का फिर चैकअप किया गया तो डॉक्टरों ने पाया कि महिला के खून में सामान्य लिमिट से चार गुना से भी ज्यादा अल्कोहल है। बहरहाल पिछले ही माह महिला ने पुलिस के खिलाफ कानूनी जंग जीत ली है।
दूसरी तरफ 'ऑटो ब्रेवरी सिंड्रोम' को लेकर वैज्ञानिक जगत में चर्चा छिड़ गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस सिंड्रोम से पीड़ित लोग कुछ भी खाते हैं तो शरीर में एक विशेष प्रकार के एंजाइम का प्रवाह होता है जिससे खाना पहले रसायन और फिर अल्कोहल जैसे रसायन में तब्दील हो जाता है।
इस बीमारी को गट फर्मंटेशन सिंड्रोम भी कहते हैं क्योंकि यह पेट की चयापचय की व्यवस्था पर खासा असर डालता है और खाना पचने के साथ साथ वो अल्कोहल में तब्दील होता रहता है। कहा जा रहा है कि फिलहाल कुछ लाख लोग इस सिंड्रोम से पीड़ित हैं लेकिन व्यक्ति की पहचान करना काफी मुश्किल होता है।
केवल उन्हीं लोगों की पहचान हो पाती है जो कभी शराब नहीं पीते और फिर भी शराब पीकर गाडी़ चलाने के जुर्म में पकडे़ जाते हैं।