{"_id":"68187a7f25ea02741d040a35","slug":"rabindranath-tagore-jayanti-2025-kab-hai-know-interesting-facts-about-rabindranath-tagore-ka-jivan-parichay-2025-05-05","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Rabindranath Tagore Jayanti 2025: रवींद्रनाथ टैगोर जयंती कब है, जानिए उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें","category":{"title":"Lifestyle","title_hn":"लाइफ स्टाइल","slug":"lifestyle"}}
Rabindranath Tagore Jayanti 2025: रवींद्रनाथ टैगोर जयंती कब है, जानिए उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Mon, 05 May 2025 05:20 PM IST
सार
मई माह में टैगोर की जयंती मनाई जाती हैं। आइए जानते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2025 में कब है और टैगोर के जीवन से जुड़ी रोचक बातें।
विज्ञापन
रवींद्रनाथ टैगोर
- फोटो : Adobe
विज्ञापन
विस्तार
Rabindranath Tagore Jayanti 2025: रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय साहित्य, कला और दर्शन के ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व थे, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को अपनी रचनाओं से प्रभावित किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रवींद्रनाथ टैगोर एक प्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार, नाटककार, दार्शनिक, संगीतकार, चित्रकार और समाज सुधारक थे। रवींद्रनाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। सभी जानते हैं कि भारत के राष्ट्रगान जन-गण-मन की रचना टैगोर ने की थी लेकिन वह दो देशों के राष्ट्रगान के रचयिता है। साहित्य के लिए टैगोर को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन से जुड़ी कई बातें हैं जो ज्यादा लोगों को पता नहीं हैं। मई माह में टैगोर की जयंती मनाई जाती हैं। आइए जानते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2025 में कब है और टैगोर के जीवन से जुड़ी रोचक बातें।
साल 2025 में रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती कब है?
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी में हुआ था। पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में उनकी जयंती को बंगाली कैलेंडर के अनुसार 'पोइला बोइशाख' के आसपास मनाया जाता है। इस साल रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती 7 मई 2025, बुधवार को मनाई जा रही है।
Mothers Day 2025 : इस साल मदर्स डे कब है? तारीख जानकर सेलिब्रेशन के लिए करें तैयारी
रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय
रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर था। उनकी माता शारदा देवी थीं। रवींद्रनाथ 14 भाई बहनों में सबसे छोटे थे। वह बचपन से पढ़ाई में होनहार थे। टैगोर ने प्रतिष्ठित सेंट जेवियर स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। उनका सपना बैरिस्टर बनने का था, जिसे पूरा करने के लिए टैगोर ने 1878 में इंग्लैंड के ब्रिजस्टोन पब्लिक स्कूल में दाखिला दिया। लंदन कॉलेज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की लेकिन 1880 में बिना डिग्री लिए ही भारत वापस आ गए।
टैगोर का लेखन और करियर
रवींद्रनाथ टैगोर को बचपन से ही कविताएं और कहानियां लिखने का शैक था। जब वह महज आठ साल के थे, तब उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी। वहीं 16 साल की उम्र में टैगोर की पहली लघुकथा प्रकाशित हो गई थी। जब वह पढ़ाई करके वापस भारत आए तो उन्होंने फिर से लिखना शुरू किया।
टैगोर ने 1901 में पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र में शांतिनिकेतन स्थित एक प्रायोगिक विद्यालय की स्थापना की थी। इस विद्यालय में पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा का समन्वय किया गया। 1921 में यह विद्यालय विश्व भारती विश्वविद्यालय बन गया।
Travel: दिल्ली से सिर्फ पांच घंटे की दूरी पर है छोटा सा हिल स्टेशन, शिमला-मनाली को भी देता है टक्कर
टैगोर की प्रमुख रचनाएं
रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
Trending Videos
साल 2025 में रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती कब है?
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी में हुआ था। पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में उनकी जयंती को बंगाली कैलेंडर के अनुसार 'पोइला बोइशाख' के आसपास मनाया जाता है। इस साल रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती 7 मई 2025, बुधवार को मनाई जा रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
Mothers Day 2025 : इस साल मदर्स डे कब है? तारीख जानकर सेलिब्रेशन के लिए करें तैयारी
रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय
रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर था। उनकी माता शारदा देवी थीं। रवींद्रनाथ 14 भाई बहनों में सबसे छोटे थे। वह बचपन से पढ़ाई में होनहार थे। टैगोर ने प्रतिष्ठित सेंट जेवियर स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। उनका सपना बैरिस्टर बनने का था, जिसे पूरा करने के लिए टैगोर ने 1878 में इंग्लैंड के ब्रिजस्टोन पब्लिक स्कूल में दाखिला दिया। लंदन कॉलेज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की लेकिन 1880 में बिना डिग्री लिए ही भारत वापस आ गए।
टैगोर का लेखन और करियर
रवींद्रनाथ टैगोर को बचपन से ही कविताएं और कहानियां लिखने का शैक था। जब वह महज आठ साल के थे, तब उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी। वहीं 16 साल की उम्र में टैगोर की पहली लघुकथा प्रकाशित हो गई थी। जब वह पढ़ाई करके वापस भारत आए तो उन्होंने फिर से लिखना शुरू किया।
टैगोर ने 1901 में पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र में शांतिनिकेतन स्थित एक प्रायोगिक विद्यालय की स्थापना की थी। इस विद्यालय में पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा का समन्वय किया गया। 1921 में यह विद्यालय विश्व भारती विश्वविद्यालय बन गया।
Travel: दिल्ली से सिर्फ पांच घंटे की दूरी पर है छोटा सा हिल स्टेशन, शिमला-मनाली को भी देता है टक्कर
टैगोर की प्रमुख रचनाएं
- टैगोर के प्रमुख काव्य संग्रह में गीतांजलि, सोनार तरी, मानसी, बालाका शामिल हैं।
- उन्होंने गोरा, घरे-बाइरे, चोखेर बाली आदि उपन्यास लिखे।
- टैगोर के कहानी संग्रह में कहानी और गल्पगुच्छ प्रमुख हैं।
- वहीं डाकघर, राजा और रक्तकरबी प्रमुख नाटक संग्रह हैं।
- इसके अलावा टैगोर ने लगभग 2230 रवींद्र संगीत की रचना भी की।
रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
- टैगोर भारत के राष्ट्रगान 'जन गण मन' के रचयिता हैं। उन्होंने भारत के अलावा बांग्लादेश के लिए भी राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' की रचना की।
- उनकी काव्यकृति गीतांजलि के लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला, जो किसी भी एशियाई व्यक्ति द्वारा प्राप्त पहला नोबेल पुरस्कार था।
- रवींद्रनाथ टैगोर को 1915 में ब्रिटिश सरकार ने नाइटहुड की उपाधि दी, लेकिन 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में उन्होंने यह सम्मान लौटा दिया।
- बहुत कम लोगों को पता होगा कि रवींद्रनाथ टैगोर को कलर ब्लांडनेस था।