Heart Attack: धमनियों में ब्लॉकेज नहीं है फिर भी हो सकता है हार्ट अटैक? सच जानना है तो पढ़ें ये रिपोर्ट
- मिनोका यानी मायोकार्डियल इन्फार्क्शन विद नो ऑब्सट्रक्टिव कोरोनरी आर्टरी डिजीज। ये हार्ट अटैक की वह स्थिति है जिसमें धमनियों में कोई ब्लॉकेज तो नहीं होता है फिर भी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ जाता है।
विस्तार
दुनियाभर में कैंसर और हृदय रोग, दो ऐसी स्थितियां हैं जिसके कारण हर साल सबसे ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। हाल के वर्षों में हृदय रोग के मामलों में और भी तेजी से उछाल आया है। डॉक्टर कहते हैं, युवा और मध्यम आयु के लोग भी हार्ट अटैक, एंजाइना और हार्ट फेलियर जैसी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं, जोकि काफी चिंताजनक है। इसके पीछे हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और धमनियों में ब्लॉकेज की समस्याएं सबसे प्रमुख मानी जाती है।
हृदय रोगों के बढ़ते मामलों के संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञ मिनोका (MINOCA) की स्थिति को लेकर भी चिंता जता रहे हैं। आखिर ये समस्या क्या है और किस तरह से हमारे दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा रही है? आइए इस बारे में समझते हैं।
क्या है मिनोका?
मिनोका यानी मायोकार्डियल इन्फार्क्शन विद नो ऑब्सट्रक्टिव कोरोनरी आर्टरी डिजीज। ये हार्ट अटैक की वह स्थिति है जिसमें धमनियों में कोई ब्लॉकेज तो नहीं होता है फिर भी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ सकता है। मरीजों का जब एंजियोग्राम (धमनियों में रुकावट की जांच) टेस्ट किया जाता है तो वह तो नार्मल रहता है, इसके बावजूद व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।
डॉक्टर कहते हैं आमतौर पर इस तरह की स्थिति का समय पर निदान नहीं हो पाता है जिससे मरीज का जरूरी उपचार नहीं हो पाता। यही कारण है कि मिनोका घातक भी हो सकती है।
आर्टरी ब्लॉकेज और हार्ट अटैक
हार्ट अटैक तब होता है जब कोलेस्ट्रॉल, फैट और कैल्शियम मिलकर धमनियों में जम जाते हैं और दिल तक खून के संचार को बाधित कर देते हैं, इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। इस वजह से सीने में दर्द, सांस फूलने और अचानक हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं होती हैं।
हार्ट अटैक की स्थिति में जांच के दौरान भी आपने ब्लॉकेज शब्द के बारे में जरूर सुना होगा। हालांकि इसके विपरीत मिनोका की समस्या में बिना किसी ब्लॉकेज के भी हार्ट अटैक हो सकता है।
बिना ब्लॉकेज के भी हो सकता है हार्ट अटैक
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दिल के दौरे के लक्षणों जैसे सीने में दर्द, सांस फूलने या पसीना आने की शिकायत के साथ कई मरीज अस्पताल में आते हैं। ऐसे मरीजों की जब जांच की जाती है तो स्पष्ट तौर पर हृदय संबंधित क्षति नजर आती है। हालांकि जब हार्ट अटैक की स्थिति को समझने के लिए धमनियों की जांच की जाती है तो कोई भी ब्लॉकेज नहीं दिखता है। यह मरीजों के लिए कन्फ्यूज करने वाला और चिंताजनक हो सकता है, क्योंकि यह हार्ट अटैक के ब्लॉकेज वाले पैरामीटर पर फिट नहीं बैठता है।
आखिर क्यों होती है ऐसी दिक्कत?
बिना ब्लॉकेज वाले हार्ट अटैक कई तरह से हो सकते हैं। उदाहरण के लिए कुछ लोगों के रक्च वाहिकाएं सिकुड़ी हो सकती है या उसमें ऐंठन आ सकती है, जिससे कुछ समय के लिए खून का बहाव रुक जाता है। कभी-कभी, दिल की सबसे छोटी नसें ठीक से काम नहीं करतीं, भले ही बड़ी आर्टरीज नॉर्मल दिखें। इमोशनल शॉक या बहुत ज्यादा तनाव की स्थिति भी दिल को कुछ समय के लिए कमजोर कर सकता है, इसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है।
मिनोका की स्थिति वाले लोगों में असली वजह के आधार पर डॉक्टर खून की नसों को खोलने या स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए दवाएं दे सकते हैं। तो ये समझना कि हार्ट अटैक सिर्फ हार्ट ब्लॉकेज के कारण ही होता है, पूरी तरह सही नहीं है।
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स्रोत:
What an Interventionalist Needs to Know About MI with Non-obstructive Coronary Arteries
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