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Wedding Tips: शादी से पहले इन 20 नियमों को याद रखना जरूरी, वरना रिश्ता बोझ बन जाएगा
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Fri, 19 Dec 2025 01:14 PM IST
सार
Wedding Tips: शादी करने जा रहे हैं तो पहले शादी के जुड़े 20 नियमों के बारे में जान लें। ये नियम अपनाकर ही सुखी वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त कर सकते हैं।
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शादी
- फोटो : adobe stock
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विस्तार
Wedding Tips: सफल और खुशहाल वैवाहिक जीवन के कुछ नियम हैं, जिनके बारे में अगर आप जान लें और अपने जीवन में शामिल कर लें तो आपका रिश्ता मजबूत और सुखी बना रहता है। ये नियम न तो आपको शादी के दिन मंडप के नीचे सिखाए जाते हैं और न ही फेरों और वादों में शामिल होते हैं। कई दंपत्तियों के वैवाहिक जीवन के अनुभव के आधार पर ये नियम बनाए गए हैं। शादी करने जा रहे हैं तो आपको ऐसी 20 बातों का ध्यान रखना चाहिए जिसे शादी के बाद अपनाना बहुत जरूरी है।
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विवाह जीवन में बड़े बदलाव लेकर आता है। शादी से पहले तक लड़के या लड़की के लिए यह समझ पाना मुश्किल होता है कि विवाह के बाद सिर्फ उन्हें एक साथी नहीं मिलता, बल्कि जिम्मेदारियां, भावनाओं का उतार चढ़ाव भी मिलता है। उन्हें सिर्फ खाना बनाना, परिवार संभालना, एक दूसरे की देखभाल व प्यार करना नहीं आना चाहिए, बल्कि रिश्ते को संभालने के लिए कुछ सच्चाई को भी अपनाना आना चाहिए।
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अगर आपकी शादी होने वाली है तो उसके पहले विवाह के 20 नियमों को गांठ बांध लें ताकि आपका जीवन खुशहाल रहे।
ये रहे शादी के 20 नियम
- प्यार पर्याप्त नहीं- प्यार रिश्तों को शुरू करता है, अनुशासन उन्हें जिंदा रखता है। भावनाएं फीकी पड़ सकती हैं, दिनचर्या निरस हो सकती और गुस्सा बढ़ सकता है। लेकिन सिर्फ वही जोड़े अंत तक टिक पाएंगे जो प्यार कमजोर होने पर भी साथ निभाते हैं।
- सम्मान रोमांस से अधिक जरूरी- रोमांस आपको उत्साहित रखता है, लेकिन सम्मान सुरक्षित रखता है। सम्मान के बिना प्यार नाराजगी में बदल जाता है। जल्दबाजी या गुस्से में कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति से शादी न करें, जिसकी आप प्रशंसा नहीं करते।
- संवाद जरूरी- चुप रहना, चिल्लाने से ज्यादा जल्दी रिश्ता खत्म करता है। अगर आप शादी से पहले पैसों, भावनाओं या उम्मीदों पर बात नहीं कर सकते हैं, तो शादी के बाद गलतफहमियों में डूब जाएंगे।
- रूप नहीं चरित्र चुनें- आकर्षण कम हो सकता है लेकिन ईमानदारी, धैर्य और सहानुभूति कभी कम नहीं होती है। सही साथी आकर्षक या रूपवान नहीं, बल्कि चरित्रवान होता है, जो स्थायी रहता है।
- शादी एक दिन का वादा नहीं- शादी का बंधन में बंधने में भले ही एक दिन का वक्त लगे लेकिन इस बंधन में बंध जाने के बाद हजारों-लाखों सुबह एक साथ बितानी होती हैं। यानी शादी एक रोज में होती हैं, पर निभाना हर रोज पड़ता है। प्रतिबद्धता का अर्थ है, तब भी उपस्थित रहना जब यह असुविधाजनक हो।
- संभावित से विवाह न करें- वे जैसे हैं, वैसे ही शादी करें। ये न सोचे कि वह आपकी उम्मीद के मुताबिक ढल जाएं। प्यार आलस्य, अहंकार और अपरिपक्वता को ठीक नहीं करता है।
- भावनात्मक सुरक्षा आकर्षण से पहले - अगर आप उनके सामने कमजोर नहीं पड़ सकते, रो नहीं सकते, अपना दर्द नहीं दिखा सकते हैं तो यह प्यार नहीं, सिर्फ दिखावा है। शारीरिक आकर्षण से ज्यादा शादी में भावनात्मक सुरक्षा मायने रखती हैं।
- शादी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं- शादी कोई स्कोरबोर्ड नहीं है। इसमें एक जीतता है तो दोनों जीतते हैं। जब एक हारता है तो दोनों को उसकी कीमत चुकानी पड़ती है। कपल एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं होते, बल्कि एक ही टीम में खिलाड़ी होते हैं।
- खूबियां नहीं, आदतें देखें- वे वेटरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, तनाव में कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और दूसरों के बारे में कैसे बात करते हैं, ये देखकर शादी करें। खूबसूरती, स्टाइल, आकर्षण और आदतें बदल सकती हैं लेकिन आदतें जीवनभर साथ रहती हैं।
- क्षमा करें, पर सबक न भूलें- द्वेष आत्मीयता को नष्ट कर देता है। सबक सीखो, क्रोध को त्याग दो। क्षमा करना कमजोरी नहीं, यह बुद्धिमता है।
- तर्क करें, अनादर नहीं- स्वस्थ जोड़ें लड़ाई निष्पक्षता से करते हैं। वे समझने के लिए बहस करते हैं, हावी होने के लिए नहीं। आपका लक्ष्य जीतना नहीं, बल्कि रिश्ते को ठीक रखना है।
- समस्याएं बाहर न ले जाएं- आपके दोस्तों और परिवार को आपके विवाह के बारे में जीवनसाथी से ज्यादा जानकारी कभी नहीं होनी चाहिए। अपने रिश्ते को सार्वजनिक सलाह बनाने से बचें।
- डेट करना बंद न करें- शादी से रोमांस खत्म नहीं होता, बल्कि उपेक्षा से खत्म होता है। उन छोटी- छोटी चीजों को करते रहिए जिनसे आपको प्यार हुआ था। हमेशा एक दूसरे को चुने, हर दिन-हर पल।
- सही साथी का चयन- ऐसे व्यक्ति से शादी करें जो समस्याएं पैदा न करें, बल्कि समाधान करें। जीवनसाथी अराजकता में शांति लाने वाला हो, न कि उसे बढ़ाने वाला। सही साथी वह है जो तूफान में भी आपका हाथ थामे रखे।
- वफादारी चुनें- जीवनसाथी की अनुपस्थिति में भी उनकी और रिश्ते की रक्षा करना कर्तव्य बनाएं। उनके नाम की इज्जत रखना, जब कोई न देख रहा हो तब भी अपनी प्राथमिकताओं को सीधा रखना है।
- सीमाएं प्रेम को स्वस्थ रखती हैं- बहुत ज्यादा नजदीकियां दम घोंट देती हैं। बहुत ज्यादा दूरी दिल मार देती है। अपने समय, अपनी निजता और अपने व्यक्तित्व की रक्षा करें। यहां तक कि वैवाहिक जीवन में भी स्वस्थ सीमाएं ही रिश्ते को सांस देती हैं।
- शारीरिक अंतरंगता के लिए भावनात्मक जुड़ाव जरूरी- यदि दिल करीब नहीं हैं तो शरीर भी ज्यादा समय तक करीब नहीं रह पाएंगे। अंतरंगता हमेशा भावनात्मक सुरक्षा से शुरू होती है, वासना से नहीं। सुरक्षित दिल ही सच्चा स्पर्श स्वीकार करता है।
- विवाह से ठीक होने की उम्मीद न करें- अगर आप शादी से पहले अकेले, असुरक्षित या गुस्सैल हैं तो वही दर्द आप रिश्ते में भी लेकर आएंगे। शादी किसी को ठीक नहीं करती, वह पहले से मौजूद चीजों को और स्पष्ट कर देती है। पहले खुद को ठीक करें, तभी रिश्ता खिलता है।
- हास्य को जीवित रखें- हंसी तनाव को हल्का कर देती है। यह मुश्किल हालातों को भी सहने लायक बनाती है। जो जोड़े साथ मिलकर हंस सकते हैं, वे लगभग हर तूफान का सामना कर सकते हैं। हास्य रिश्ते की धड़कन है।
- एक साथ बढ़ें- लोग समय के साथ बदलते हैं, विकसित होते हैं। जुड़े रहने का एकमात्र तरीका है, एक ही दिशा में बढ़ना, मानसिकता में मूल्यों में और प्राथमिकताओं में। साथ बढ़ेंगे तभी साथ रहेंगे।