Janmashtami 2022 Live: जन्माष्टमी पर इस समय करेंगे पूजा तो मिलेगा दोगुना लाभ, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: योगेश साहू
Updated Thu, 18 Aug 2022 07:44 PM IST
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खास बातें
Shri Krishna Janmashtami 2022 Live News Update in Hindi: इस बार रक्षाबंधन की तरह जन्माष्टमी को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है कि आखिरकार जन्माष्टमी कब मनाई जाए। 18 या 19 अगस्त को। दरअसल हिंदू धर्म में कोई भी त्योहार या व्रत तिथि के आधार पर मनाई जाती है ऐसे में उदया तिथि में अंतर आने की वजह से व्रत-त्योहार में दिनों का फर्क हो जाता है। अष्टमी तिथि आज यानी 18 अगस्त को रात 9 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है। वहीं अष्टमी तिथि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
- फोटो : अमर उजाला

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राष्ट्रपति मुर्मू ने दी शुभकामनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने प्रार्थना की कि त्योहार सभी को मन, वचन और कर्म में सदाचार के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करे। राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान कृष्ण का जीवन व शिक्षाएं भलाई व नैतिकता की सीख देते हैं।06:28 PM, 18-Aug-2022
संतान की कामना के लिए जन्माष्टमी की रात करें इस मंत्र का जाप
गुणवान संतान की कामना रखने वाले दंपति जन्माष्टमी की रात इस मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आपका होने वाला बच्चा गुणी और बुद्धिमान होगा।देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
04:10 PM, 18-Aug-2022
जन्माष्टमी पूजा सामग्री
धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, यज्ञोपवीत , कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खड़ा धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन, बाजोट या झूला (चौकी, आसन), पंच पल्लव, पंचामृत, केले के पत्ते, औषधि, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर, गणेशजी की तस्वीर, अम्बिका जी की तस्वीर, भगवान के वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने के लिए वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने के लिए वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, ताम्बूल, नारियल, चावल, गेहूं, गुलाब और लाल कमल के फूल, दूर्वा, अर्घ्य पात्र आदि।03:08 PM, 18-Aug-2022
जन्माष्टमी पर इस तरह करें पूजा
- जन्माष्टमी वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि सभी तरह के कार्यों को निपटा लें।- फिर घर के मंदिर का साफ-सफाई कर लें।
- इसके बाद सभी देवी-देवताओं का आवहन करते हुए दीप प्रज्वलित करें।
- फिर बाद में लड्डू गोपाल के पूजन आरंभ कर दें।
- लड्डू गोपाल को जल से अभिषेक कर चंदन और भोग लगाएं।
- इसके बाद लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
- फिर रात्रि का इंतजार करते हुए दिन भर कृष्ण मंत्रों का जाप करें।
- रात्रि में 12 बजे भगवान का जन्म दिन मनाएं
- कान्हा को दूध,दही, घी, शहद, पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
-अंत में बाल गोपाल की आरती उतारे हुए मंगल गीत गाएं।
02:20 PM, 18-Aug-2022
भगवान श्रीकृष्ण ने सफलता पाने के लिए बताएं हैं 5 सूत्र
श्री कृष्ण का संपूर्ण जीवन ही एक प्रबंधन की किताब है,जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के लिए जीवन जीने के लिए श्रेष्ठम सूत्र हैं। अगर आप दिमाग को शांत और मन को स्थिर रखने की कोशिश करें तो बुरी परिस्थितियों में भी आप अपने लिए कुछ बहुत बेहतरीन हल निकाल पाएंगे,1.जीवन संघर्ष है,मुकावला करो
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कृष्ण जन्माष्टमी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाता है। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं हो पा रहा है। अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम के 09 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है जो 19 अगस्त की रात 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म हो जाएगी।12:26 PM, 18-Aug-2022
जन्माष्टमी पर पूजा का समय

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
- फोटो : amar ujala
पंचांग के अनुसार इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त को है,लेकिन कुछ जगहों पर उदया तिथि के आधार पर 19 अगस्त को भी मना रहे हैं। अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम के 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो रही है और 19 अगस्त को रात के 10 बजकर 59 मिनट पर खत्म हो रही है। शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत और जन्मोत्सव दोनों अलग-अलग चीज है। जिस रात निशीथ काल में यानी मध्यरात्रि में अष्टमी तिथि आरंभ होती है उस समय व्रत और अगले दिन जन्मोत्सव मनाना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादों के महीने में अष्टमी तिथि के आधी रात और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस कारण से हर साल भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव रात्रि में मनाई जाती है। पंचांग की गणना के अनुसार 18 अगस्त को रात के समय करीब 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक निशीथ काल का समय रहेगा। ऐसे में इस समय पूजा करना सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी रहेगा। निशीथ काल में भगवान काव पंचामृत से अभिषेक करें।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादों के महीने में अष्टमी तिथि के आधी रात और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस कारण से हर साल भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव रात्रि में मनाई जाती है। पंचांग की गणना के अनुसार 18 अगस्त को रात के समय करीब 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक निशीथ काल का समय रहेगा। ऐसे में इस समय पूजा करना सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी रहेगा। निशीथ काल में भगवान काव पंचामृत से अभिषेक करें।
11:56 AM, 18-Aug-2022
आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए घर पर भगवान कृष्ण की ऐसी तस्वीर लगाएं
अगर आप अंदर आत्मविश्वास की कमी है तो अपने घर की उत्तर दिशा में अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए श्रीकृष्ण की तस्वीर लगाएं और रोज पूजा करें, इससे आपमें आत्मविश्वास आएगा।साथ ही किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देते वक्त आप नहीं घबराएंगे।11:39 AM, 18-Aug-2022
घर पर लड्डू गोपाल को जन्मदिन पर ऐसे सजाएं
- कृष्ण जन्माष्टमी पर घर पर बालगोपाल की मूर्ति के लिए नए वस्त्र जरूर खरीदें और उन्हे पहनाएं।- मोरमुकुट, मोरपंख, आभूषण,बांसुरी और माला जरूर लाएं।
- जन्मदिन पर बालगोपाल की पूजा और आरती जरूर उतारें और माथे पर टीका लगाएं।
- जन्माष्टमी पर बाल गोपाल के लिए झूले लाएं और उन्हें झूला झूलाएं।