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12 Jyotirlinga: सावन में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से मिलता है पुण्य, जानें महत्व और इनसे जुड़ी कथाएं

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Tue, 08 Jul 2025 03:22 PM IST
सार

12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा और दर्शन करना अत्यंत पुण्य दायक माना गया है। आइए विस्तार से जानते हैं इन ज्योतिर्लिंगों के स्थान, महत्व और उनसे जुड़ी कथाओं के बारे में...

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भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगन - फोटो : Amar Ujala
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12 Jyotirlinga Darshan: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाना, रुद्राभिषेक करना और शिव नाम का जाप विशेष फलदायी होता है। सावन माह में भगवान शिव की आराधना का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मास में शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाने से दोषों का नाश, पापों से मुक्ति, और शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

विशेष रूप से अगर कोई भक्त देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से किसी एक के भी दर्शन कर ले, तो उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा और दर्शन करना अत्यंत पुण्य दायक माना गया है। आइए विस्तार से जानते हैं इन ज्योतिर्लिंगों के स्थान, महत्व और उनसे जुड़ी कथाओं के बारे में...

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1- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग - फोटो : Amar Ujala
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है और इसे भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। मान्यता है कि चंद्र देवता ने अपने श्राप से मुक्ति पाने के लिए यहां भगवान शिव की तपस्या की थी। सोमनाथ की पूजा करने से चंद्र दोष और मन से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलती है। यह स्थान कई बार नष्ट हुआ, लेकिन हर बार श्रद्धा से दोबारा निर्मित हुआ।
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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग - फोटो : Amar Ujala
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश)
यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है और इसे दक्षिण भारत का कैलाश कहा जाता है। यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां शिव और पार्वती दोनों के मंदिर एक साथ हैं। यह श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से मन की शांति और पारिवारिक सौहार्द प्राप्त करने का स्थान है।

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - फोटो : Amar Ujala
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग महाकाल के रूप में पूजित है, जो "कालों के भी काल" हैं। यह शिवलिंग स्वयंभू माने जाते हैं और यहां हर रोज सुबह की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
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ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग - फोटो : Amar Ujala
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
यह पवित्र स्थान नर्मदा नदी के बीच एक द्वीप पर स्थित है, जिसका आकार "ॐ" जैसा है। मान्यता है कि भगवान शिव रात्रि विश्राम के लिए यहां पधारते हैं और माता पार्वती के साथ चौसर खेलते हैं। यहां का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है।

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