{"_id":"68ece3f2cf318284d60efea2","slug":"students-with-less-than-75-attendance-will-not-be-allowed-to-take-the-exam-governor-says-this-on-live-in-re-2025-10-13","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं दे पाएंगे परीक्षा : 'लिव इन रिलेशन' पर राज्यपाल ने कही ये बात, पढ़ें बयान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं दे पाएंगे परीक्षा : 'लिव इन रिलेशन' पर राज्यपाल ने कही ये बात, पढ़ें बयान
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: आकाश द्विवेदी
Updated Mon, 13 Oct 2025 05:12 PM IST
विज्ञापन
सार
Governor in Ayodhya :अयोध्या में राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत कठिन हृदय से एक निर्णय लिया है। 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जाएगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन
विस्तार
प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा, बहुत कठिन हृदय से एक निर्णय लिया है कि कक्षाओं में 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जाएगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को इस व्यवस्था का बहुत कड़ाई से पालन करना पड़ेगा। अवध विश्वविद्यालय को प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनाएंगे।
राज्यपाल सोमवार को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थीं। इस दौरान कुलाधिपति ने 125 मेधावी छात्र-छात्राओं को 140 स्वर्ण पदक प्रदान किया। उन्होंने स्नातक व परास्नातक की 1,89,119 उपाधि और अंक पत्र को डिजी लॉकर में अपलोड किया।
उन्होंने कहा कि मैने उत्तर प्रदेश में अपने सात साल के अनुभवों से जाना है कि यहां विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र-छात्राएं आना पसंद नहीं करते हैं। उन्हें मौज-मस्ती करना अच्छा लगता है। इन्हीं परिस्थितियों में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता का निर्णय लेना पड़ा। एक और वजह यह रही कि छात्र कहते हैं कि कक्षा में अध्यापक नहीं आते और अध्यापक बताते हैं कि छात्र नहीं रहते हैं।

राज्यपाल सोमवार को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थीं। इस दौरान कुलाधिपति ने 125 मेधावी छात्र-छात्राओं को 140 स्वर्ण पदक प्रदान किया। उन्होंने स्नातक व परास्नातक की 1,89,119 उपाधि और अंक पत्र को डिजी लॉकर में अपलोड किया।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने कहा कि मैने उत्तर प्रदेश में अपने सात साल के अनुभवों से जाना है कि यहां विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र-छात्राएं आना पसंद नहीं करते हैं। उन्हें मौज-मस्ती करना अच्छा लगता है। इन्हीं परिस्थितियों में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता का निर्णय लेना पड़ा। एक और वजह यह रही कि छात्र कहते हैं कि कक्षा में अध्यापक नहीं आते और अध्यापक बताते हैं कि छात्र नहीं रहते हैं।

अयोध्या पहुंची राज्यपाल
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
अवध विश्वविद्यालय को प्रदेश में बनाएंगे सर्वश्रेष्ठ और आदर्श
कुलाधिपति ने कहा कि अवध विश्वविद्यालय को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ और आदर्श विश्वविद्यालय बनाने के लिए यहां पर क्वालिटी और कौशल दोनों है। यहां के अफसर और शिक्षक ऐसा करना भी चाहते हैं लेकिन प्रतिबद्धता का अभाव है। इस खामी को दूर करना होगा।
विश्वविद्यालय में अभी तक इन्क्यूबेशन और रिसर्च सेंटर नहीं हैं तो फिर विद्यार्थी कहां जाएंगे, इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार है। पहली बार यदि देश के किसी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में खुद राज्यपाल ने बैठकर निर्णय कराए तो वह अवध विश्वविद्यालय ही है। आप हमें स्वीकार करो या न करो, हम यहां की तस्वीर बदलकर रहेंगे।
ड्रग्स व शराब के साथ लिव इन रिलेशन की अपसंस्कृति से बचें युवा
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में युवा ड्रग्स व शराब के सेवन में लिप्त हो रहे हैं। विश्वविद्यालयों के हॉस्टलों में ड्रग्स व बोतलें मिल रही हैं। इस तरह के अंधकार से स्वयं को दूर रखें। पढ़ना है तो बहुत अच्छा पढ़ो, खराब आदतें छोड़ दो। माता-पिता व समाज के लिए एक आदर्श संतान के रूप में खुद को स्थापित करें।
लिव इन रिलेशन पर भी युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने इसे रोकने के लिए अच्छी पहल की है। अब वहां पर इसके लिए माता-पिता की अनुमति होनी जरूरी है। भावुक अपील करते हुए कहा कि एक राज्यपाल होने के नाते न सही एक महिला या दादी होने के वास्ते आप सभी इस अपसंस्कृति से बचें। जीवन में अपने माता-पिता व दादा-दादी के अनुभव से सीखें।
कुलाधिपति ने कहा कि अवध विश्वविद्यालय को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ और आदर्श विश्वविद्यालय बनाने के लिए यहां पर क्वालिटी और कौशल दोनों है। यहां के अफसर और शिक्षक ऐसा करना भी चाहते हैं लेकिन प्रतिबद्धता का अभाव है। इस खामी को दूर करना होगा।
विश्वविद्यालय में अभी तक इन्क्यूबेशन और रिसर्च सेंटर नहीं हैं तो फिर विद्यार्थी कहां जाएंगे, इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार है। पहली बार यदि देश के किसी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में खुद राज्यपाल ने बैठकर निर्णय कराए तो वह अवध विश्वविद्यालय ही है। आप हमें स्वीकार करो या न करो, हम यहां की तस्वीर बदलकर रहेंगे।
ड्रग्स व शराब के साथ लिव इन रिलेशन की अपसंस्कृति से बचें युवा
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में युवा ड्रग्स व शराब के सेवन में लिप्त हो रहे हैं। विश्वविद्यालयों के हॉस्टलों में ड्रग्स व बोतलें मिल रही हैं। इस तरह के अंधकार से स्वयं को दूर रखें। पढ़ना है तो बहुत अच्छा पढ़ो, खराब आदतें छोड़ दो। माता-पिता व समाज के लिए एक आदर्श संतान के रूप में खुद को स्थापित करें।
लिव इन रिलेशन पर भी युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने इसे रोकने के लिए अच्छी पहल की है। अब वहां पर इसके लिए माता-पिता की अनुमति होनी जरूरी है। भावुक अपील करते हुए कहा कि एक राज्यपाल होने के नाते न सही एक महिला या दादी होने के वास्ते आप सभी इस अपसंस्कृति से बचें। जीवन में अपने माता-पिता व दादा-दादी के अनुभव से सीखें।

अयोध्या के कार्यक्रम में राज्यपाल ने संबोधित किया
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विश्वविद्यालयों की मदद से पाक्सो एक्ट की 200 पीड़ित बच्चियों का होगा पुनर्वास
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के एक जज की पहल पर लखनऊ में उन्होंने पाक्सो एक्ट की 200 पीड़ित बच्चियों से मुलाकात की। इनमें से कई अपने ही पिता, मामा और चाचा से पीड़ित थीं। वे वापस अपने घर भी नहीं जाना चाहती हैं। आगे की पढ़ाई भी करना चाहती हैं।
कई बेटियां ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने प्रेमी के लिए घर छोड़ दिया और उन्हें मां बनाने के बाद वह छोड़ कर चला गया। इन सभी के पुनर्वास के लिए मदद करनी है। इसके लिए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजा है। इनके रहने और खाने के साथ पढ़ाई का भी इंतजाम करवाया जाएगा।
25 नवंबर को श्रीराम मंदिर का ध्वजारोहण बेहद खास अवसर
राज्यपाल ने कहा कि 25 नवंबर को श्रीराम मंदिर का ध्वजारोहण होने जा रहा है। यह बेहद खास अवसर है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा में लाखों लोगों ने बलिदान दिया और इसे पाने के लिए सतत संघर्ष चलता रहा। हम सभी भारतवासी अब पूर्ण रूप से बनकर तैयार राम मंदिर में दर्शन-पूजन कर पाएंगे।
सभी विद्यार्थी श्रीराम का आदर्श जीवन में अपनाए। ज्यादातर लोग जीवन में कर्म करने की तो बात करते हैं लेकिन उसे पूरे मनोयोग से पूरा करने में पीछे रह जाते हैं, जो हमारा दायित्व है, उसे हम अवश्य पूरा करें। यही भगवान राम का भी संदेश है।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के एक जज की पहल पर लखनऊ में उन्होंने पाक्सो एक्ट की 200 पीड़ित बच्चियों से मुलाकात की। इनमें से कई अपने ही पिता, मामा और चाचा से पीड़ित थीं। वे वापस अपने घर भी नहीं जाना चाहती हैं। आगे की पढ़ाई भी करना चाहती हैं।
कई बेटियां ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने प्रेमी के लिए घर छोड़ दिया और उन्हें मां बनाने के बाद वह छोड़ कर चला गया। इन सभी के पुनर्वास के लिए मदद करनी है। इसके लिए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजा है। इनके रहने और खाने के साथ पढ़ाई का भी इंतजाम करवाया जाएगा।
25 नवंबर को श्रीराम मंदिर का ध्वजारोहण बेहद खास अवसर
राज्यपाल ने कहा कि 25 नवंबर को श्रीराम मंदिर का ध्वजारोहण होने जा रहा है। यह बेहद खास अवसर है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा में लाखों लोगों ने बलिदान दिया और इसे पाने के लिए सतत संघर्ष चलता रहा। हम सभी भारतवासी अब पूर्ण रूप से बनकर तैयार राम मंदिर में दर्शन-पूजन कर पाएंगे।
सभी विद्यार्थी श्रीराम का आदर्श जीवन में अपनाए। ज्यादातर लोग जीवन में कर्म करने की तो बात करते हैं लेकिन उसे पूरे मनोयोग से पूरा करने में पीछे रह जाते हैं, जो हमारा दायित्व है, उसे हम अवश्य पूरा करें। यही भगवान राम का भी संदेश है।