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MP News: चार साल से नहीं हुई नर्सिंग की परीक्षा, नाराज विद्यार्थियों ने नेशनल हाईवे किया जाम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बैतूल
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Sat, 02 Mar 2024 05:40 PM IST
सार
MP News: नागपुर-भोपाल नेशनल हाईवे पर सैकड़ों नर्सिंग के छात्र सड़क पर बैठ गए और चक्काजाम कर दिया। बताया जा रहा है कि नेशनल हाईवे पर चक्काजाम की सूचना मिलते ही बैतूल के एसडीएम अभिषेक चौरसिया, तहसीलदार अमित श्रीवास्तव, एसडीओपी शालिनी परस्ते, और कोतवाली टीआई देवकरण डहेरिया मौके पर पहुंचे और विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की।
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चार साल से नहीं हुई नर्सिंग की परीक्षा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने प्रदेश के नर्सिंग कालेजों की जांच की थी। उसके बाद कोर्ट ने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसके अनुसार बड़ी संख्या में नर्सिंग कालेजों को अनसूटेबल पाया गया। इस परिणामस्वरूप बैतूल के 12 नर्सिंग कालेजों में से 8 को अनसूटेबल माना गया और 4 में कमियां पाई गई। इन नर्सिंग कालेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों में नाराजगी व्यक्त की जा रही है। उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है और 4 साल से नर्सिंग की परीक्षा भी नहीं हुई है। पिछले दिनों, नर्सिंग के छात्रों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, लेकिन उसके बाद उनकी नाराजगी बढ़ती गई। आज छात्रों ने नेशनल हाईवे 47 पर भारत भारती में चक्काजाम किया।
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बता दें कि फोर लेन के दोनों साइड पर सैकड़ों नर्सिंग के छात्र सड़क पर बैठ गए और चक्काजाम कर दिया, जिससे नागपुर-भोपाल नेशनल हाईवे पर बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन ठप हो गए। इन वाहनों में ट्रक, यात्री बस के अलावा छोटे और बड़े वाहनों के साथ ही एम्बुलेंस भी जाम में फंस गई। जानकारी के अनुसार, दोनों दिशाओं में सैकड़ों वाहन खड़े हो गए थे।
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नेशनल हाईवे पर चक्काजाम की सूचना मिलते ही बैतूल के एसडीएम अभिषेक चौरसिया, तहसीलदार अमित श्रीवास्तव, एसडीओपी शालिनी परस्ते, और कोतवाली टीआई देवकरण डहेरिया मौके पर पहुंचे और विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की। इसके परिणामस्वरूप, नर्सिंग के छात्रों और एवीबीपी के कार्यकर्ताओं में उत्तेजना बढ़ गई और उनके बीच अधिकारियों के साथ नोकझोंक भी हुई।
अधिकारियों ने की कई बार समझाने की कोशिश
नर्सिंग के छात्र और एबीवीपी के कार्यकर्ता चक्काजाम में शामिल थे। आंदोलन का नेतृत्व नर्सिंग की छात्राएं कर रही थीं। उनका कहना था कि जब तक उन्हें परीक्षा संबंधित संतुष्टिकर उत्तर नहीं मिलता, तब तक चक्का जाम जारी रहेगा। अधिकारियों ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्राओं का कहना था कि उनका भविष्य खराब हो रहा है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों की परीक्षा को जल्दी से जल्दी आयोजित करना चाहिए।