मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। छात्र संघ चुनाव बहाल करने, किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देने, छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कराने और पीपीपी मोड पर बन रहे मेडिकल कॉलेज को सरकारी कॉलेज में परिवर्तित करने की मांग को लेकर कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट की ओर मार्च कर रहे थे।
प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए कलेक्ट्रेट के पास बैरिकेडिंग की व्यवस्था की, लेकिन कार्यकर्ता आगे बढ़ते रहे। हालात नियंत्रण से बाहर न हों, इसके लिए पुलिस ने वाटर कैनन (पानी की बौछार) का प्रयोग किया। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर कलेक्ट्रेट गेट तक पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़े रहे। जब प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश नाकाम रही तो पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को वाहन में बैठाकर शहर से कुछ दूरी पर छोड़ दिया।
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एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे और जिला कांग्रेस अध्यक्ष निलय डागा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए। प्रशासन की ओर से एसडीएम अभिजीत सिंह ने बताया कि प्रदर्शन की सूचना पहले से थी और शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन का उपयोग करना पड़ा। एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे का कहना है कि हम छात्र संघ चुनाव बहाली और छात्रों-किसानों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मिलने आए थे, लेकिन हमें रोकने और गिरफ्तार करने की कोशिश की गई। हमारे कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने वाहनों में बैठाकर दूर छोड़ दिया।
एसडीएम अभिजीत सिंह का कहना है कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति ली थी, लेकिन भीड़ अधिक होने से स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग किया गया। किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई।

छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर एनएसयूआई का प्रदर्शन
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