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MP में 10 लाख PM आवास: प्राइवेट बिल्डर के EWS घरों पर भी अब 2.50 लाख का अनुदान, रेंटल हाउस बनेंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Tue, 04 Feb 2025 07:42 PM IST
सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग की प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 को स्वीकृति दी गई। इसमें पांच साल में 10 लाख आवास बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस बार पीएम आवास में दूसरे शहरों से कामकाज करने, पढ़ने आने वाले लोगों को सस्ते घर उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा निजी बिल्डर के ईडब्ल्यूएस घरों पर भी अब 2.20 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
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डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। योजना में प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के हितग्राही परिवारों को योजना का लाभ चार घटकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के तहत प्रदेश में पांच साल में 10 लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा।
अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी)- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र परिवार को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों तथा निजी/ डेवलपर के द्वारा निर्माण करने पर प्रदान किया जाएगा। इसके तहत निजी डेवलपर वाइटलिस्टेड/ ओपन मार्केट परियोजनाओं में हितग्राही के आवास खरीदने पर उनको 2.50 लाख रुपये का अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाएगा।
अर्फोडेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) - इस बार गांव या शहर से किसी दूसरे शहर काम या मजदूरी करने जाने या पढ़ने आने वाले लोगों के लिए सरकार ने उनको कम किराए पर मकान उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया है। इसमें कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों, बेघर, निराश्रितों, छात्रों एवं अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए किराए पर आवास बनाकर उपलब्ध कराए जाएगे। इसके लिए अभी भारत सरकार से दिशा निर्देश आने है। हालांकि इसका क्रियान्वयन नगरीय प्रशसन विभाग करेगा। इसमें यदि कोई किराए पर आवास देने के लिए नई टेक्नोलॉजी यानी बिना ईट के मकान बनाता है तो उसको डेढ़ लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई सरकारी एजेंसी या विभाग आवास बनाता है तो उसके लिए क्या प्रावधान होगे इस पर अभी काम होना बाकी है।
बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी)- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र परिवार के पास स्वयं की भूमि होने और उस पर निर्माण करने पर सरकार अनुदान देगी।
इंटरेस्ट सबसिडी स्कीम (आईएसएस)- इसके तहत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी वर्ग के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान की राशि बैंक/ एचएफसी के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
इनको दी जाएगी प्राथमिकता-
योजना के तहत विधवा महिलाओं, सिंगल वुमन, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति/ जनजाति, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को प्राथमिकता में रखा जाएगा। साथ ही सफाई कर्मियों, पीएम स्वधिन योजना के अंतर्गत चिन्हित स्ट्रीट वेंडरों, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों तथा मलिन बस्ती/चॉल के निवासियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
10 लाख आवास पर 23 हजार करोड़ की सब्सिडी
बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन के तहत प्रत्येक हितग्राही को 2.50 लाख रुपये प्रति आवास मिलेंगे। प्रदेश में 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए अनुमानित राशि 50 हजार करोड़ का निवेश संभावित है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार से अनुमानित अनुदान राशि 23,025 करोड़ रुपये दी जाएगी।
पीएम आवास योजना-शहरी 2.0 में यह प्रावधान
- आवास निर्माण की स्वयं जियो टैगिंग अनिवार्य।
- Technology Innovation Grant (TIG) का नया प्रावधान।
- अविवाहित कमाऊ वयस्क सदस्य अब परिवार से अलग लाभ नहीं ले सकेंगे।
- EWS के लिए न्यूनतम कारपेट एरिया 30 वर्ग मीटर, अधिकतम 45 वर्ग मीटर।
- पांच वर्ष की लॉक-इन अवधि, जिसमें आवास स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा।
- भूमिहीन हितग्राहियों को पट्टे पर भूमि आवंटित कर BLC घटक का लाभ।
- बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने के लिए PPP मॉडल अपनाया जाएगा।
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अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी)- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र परिवार को नगरीय निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों तथा निजी/ डेवलपर के द्वारा निर्माण करने पर प्रदान किया जाएगा। इसके तहत निजी डेवलपर वाइटलिस्टेड/ ओपन मार्केट परियोजनाओं में हितग्राही के आवास खरीदने पर उनको 2.50 लाख रुपये का अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाएगा।
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अर्फोडेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) - इस बार गांव या शहर से किसी दूसरे शहर काम या मजदूरी करने जाने या पढ़ने आने वाले लोगों के लिए सरकार ने उनको कम किराए पर मकान उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया है। इसमें कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों, बेघर, निराश्रितों, छात्रों एवं अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए किराए पर आवास बनाकर उपलब्ध कराए जाएगे। इसके लिए अभी भारत सरकार से दिशा निर्देश आने है। हालांकि इसका क्रियान्वयन नगरीय प्रशसन विभाग करेगा। इसमें यदि कोई किराए पर आवास देने के लिए नई टेक्नोलॉजी यानी बिना ईट के मकान बनाता है तो उसको डेढ़ लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई सरकारी एजेंसी या विभाग आवास बनाता है तो उसके लिए क्या प्रावधान होगे इस पर अभी काम होना बाकी है।
बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी)- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र परिवार के पास स्वयं की भूमि होने और उस पर निर्माण करने पर सरकार अनुदान देगी।
इंटरेस्ट सबसिडी स्कीम (आईएसएस)- इसके तहत ईडब्ल्यूएस, एलआईजी एवं एमआईजी वर्ग के पात्र परिवारों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान की राशि बैंक/ एचएफसी के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
इनको दी जाएगी प्राथमिकता-
योजना के तहत विधवा महिलाओं, सिंगल वुमन, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति/ जनजाति, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित वर्गों के व्यक्तियों को प्राथमिकता में रखा जाएगा। साथ ही सफाई कर्मियों, पीएम स्वधिन योजना के अंतर्गत चिन्हित स्ट्रीट वेंडरों, पीएम विश्वकर्मा योजना के विभिन्न कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों तथा मलिन बस्ती/चॉल के निवासियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
10 लाख आवास पर 23 हजार करोड़ की सब्सिडी
बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन के तहत प्रत्येक हितग्राही को 2.50 लाख रुपये प्रति आवास मिलेंगे। प्रदेश में 10 लाख आवासों के निर्माण के लिए अनुमानित राशि 50 हजार करोड़ का निवेश संभावित है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार से अनुमानित अनुदान राशि 23,025 करोड़ रुपये दी जाएगी।
पीएम आवास योजना-शहरी 2.0 में यह प्रावधान
- आवास निर्माण की स्वयं जियो टैगिंग अनिवार्य।
- Technology Innovation Grant (TIG) का नया प्रावधान।
- अविवाहित कमाऊ वयस्क सदस्य अब परिवार से अलग लाभ नहीं ले सकेंगे।
- EWS के लिए न्यूनतम कारपेट एरिया 30 वर्ग मीटर, अधिकतम 45 वर्ग मीटर।
- पांच वर्ष की लॉक-इन अवधि, जिसमें आवास स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा।
- भूमिहीन हितग्राहियों को पट्टे पर भूमि आवंटित कर BLC घटक का लाभ।
- बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने के लिए PPP मॉडल अपनाया जाएगा।