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Bhopal News: भोपल नगर निगम में ABAS में पंजियन के बाद भी ढ़ाई हजार कर्मचारी अनुपस्थित, सिस्टम फेल या व्यवस्था?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 21 Nov 2025 12:02 PM IST
सार
भोपाल नगर निगम में उपस्थिति का नया डिजिटल सिस्टम कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए लागू हुआ था। परंतु लगातार 2,500 कर्मचारी रोज अनुपस्थित दिखना यह संकेत देता है कि या तो सिस्टम को दरकिनार किया जा रहा है, या फिर निगम की तैनाती व्यवस्था ही अव्यवस्थित है।
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बीएमसी भोपाल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भोपाल नगर निगम (बीएमसी) में चालू किया गया फेस अटेंडेंस सिस्टम (ABAS) कर्मचारियों की उपस्थिति को दुरुस्त करने की जगह नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है। लगभग एक महीने के आंकड़ों से साफ है कि उपस्थिति को लेकर निगम की आंतरिक व्यवस्था बेहद कमजोर हो चुकी है। रोजाना 2,000 से 2,500 कर्मचारी हाजिरी से बाहर दिख रहे हैं, जबकि सिस्टम में 16,000 से ज्यादा कर्मचारी पंजीकरण करवा चुके हैं। स्थिति यह है कि खुद प्रशासन यह तय नहीं कर पा रहा कि रोज अनुपस्थित दिखने वाले ये कर्मचारी वास्तव में ड्यूटी पर नहीं आते, या फिर सिस्टम से बाहर रहकर कहीं और तैनात कर दिए जाते हैं।
50 मीटर के दायरे में मौजूद होकर भी उपस्थिति गायब
नियमों के मुताबिक कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल के 50 मीटर के दायरे में फेस अटेंडेंस लगाना अनिवार्य है। लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी उसी दायरे में मौजूद होने के बावजूद हाजिरी दर्ज नहीं करवा रहे।निगम अधिकारियों का कहना है कि कई मामलों में कर्मचारी अपने काम पर आते हैं, लेकिन जानबूझकर अटेंडेंस नहीं लगाते, ताकि बाद में वेतन कटने पर विवाद खड़ा किया जा सके।
वेतन कटने की खबरों से प्रशासन में हड़कंप
पिछले दिनों निगम के अंदर यह चर्चा फैल गई कि दर्जनों दैनिक वेतनभोगियों का 15 दिन का वेतन काट लिया गया है। कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी, जिसके बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए 100% उपस्थिति सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। इसके बावजूद उपस्थिति में सुधार नहीं हुआ। उच्च अधिकारियों का कहना है कि सिस्टम की समस्या से ज्यादा यह मानव संसाधन प्रबंधन की समस्या है।
बंगले पर तैनाती भी बड़ी वजह
बीएमसी सूत्रों के अनुसार सैकड़ों कर्मचारी अपने मूल कार्यस्थल से हटाकर मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों के सरकारी आवासों पर घरेलू व अन्य कामों के लिए तैनात कर दिए जाते हैं। ऐसे कर्मचारियों की लोकेशन कार्यस्थल से बाहर रहती है, और फेस अटेंडेंस सिस्टम उन्हें स्वतः अनुपस्थित मान लेता है। इस तरह असल कामकाज वाले विभागों की ताकत कम हो जाती है और मैदान में कर्मचारियों की भारी कमी महसूस होती है।
यह भी पढ़ें-RGPV की NAAC ग्रेडिंग पर बड़ा विवाद, SSR रिपोर्ट में गड़बड़ियों के आरोप, कुलपति ने भेजा इस्तीफा
16,600 कर्मचारियों में से 12,400 अस्थायी
नगर निगम में कुल 16,600 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें 12,400 अस्थायी कर्मचारी (29-दिन, 89-दिन और अनुबंध पर) 4,200 स्थायी कर्मचारी आईटी सेल द्वारा लगभग सभी का पंजीकरण पूरा हो चुका है, लेकिन सबसे ज्यादा अनियमितता अस्थायी कर्मचारियों में पाई जा रही है।
यह भी पढ़ें-MP में रिकॉर्डतोड़ ठंड, 12 शहर 10 डिग्री से नीचे, राजगढ़ में सबसे ठंड़ा,आज शीतलहर का अलर्ट
सवाल, व्यवस्था या सिस्टम-कौन जिम्मेदार?
फेस अटेंडेंस सिस्टम लागू होने के पीछे उद्देश्य था कर्मचारियों की उपस्थिति पारदर्शी बनाना और फर्जी हाजिरी रोकना एवं फील्ड में तैनाती सही ढंग से मॉनिटर करना लेकिन सिस्टम पूरी तरह तभी काम करता है, जब कर्मचारी अपने तय कार्यस्थल पर हों। जब बड़ी संख्या में कर्मचारी घर-गृहस्थी के कामों के लिए नेताओं-अधिकारियों के बंगले पर भेज दिए जाएं, तो सिस्टम अनियमितता दिखाएगा ही।
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50 मीटर के दायरे में मौजूद होकर भी उपस्थिति गायब
नियमों के मुताबिक कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल के 50 मीटर के दायरे में फेस अटेंडेंस लगाना अनिवार्य है। लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी उसी दायरे में मौजूद होने के बावजूद हाजिरी दर्ज नहीं करवा रहे।निगम अधिकारियों का कहना है कि कई मामलों में कर्मचारी अपने काम पर आते हैं, लेकिन जानबूझकर अटेंडेंस नहीं लगाते, ताकि बाद में वेतन कटने पर विवाद खड़ा किया जा सके।
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पिछले दिनों निगम के अंदर यह चर्चा फैल गई कि दर्जनों दैनिक वेतनभोगियों का 15 दिन का वेतन काट लिया गया है। कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी, जिसके बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए 100% उपस्थिति सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। इसके बावजूद उपस्थिति में सुधार नहीं हुआ। उच्च अधिकारियों का कहना है कि सिस्टम की समस्या से ज्यादा यह मानव संसाधन प्रबंधन की समस्या है।
बंगले पर तैनाती भी बड़ी वजह
बीएमसी सूत्रों के अनुसार सैकड़ों कर्मचारी अपने मूल कार्यस्थल से हटाकर मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों के सरकारी आवासों पर घरेलू व अन्य कामों के लिए तैनात कर दिए जाते हैं। ऐसे कर्मचारियों की लोकेशन कार्यस्थल से बाहर रहती है, और फेस अटेंडेंस सिस्टम उन्हें स्वतः अनुपस्थित मान लेता है। इस तरह असल कामकाज वाले विभागों की ताकत कम हो जाती है और मैदान में कर्मचारियों की भारी कमी महसूस होती है।
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16,600 कर्मचारियों में से 12,400 अस्थायी
नगर निगम में कुल 16,600 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें 12,400 अस्थायी कर्मचारी (29-दिन, 89-दिन और अनुबंध पर) 4,200 स्थायी कर्मचारी आईटी सेल द्वारा लगभग सभी का पंजीकरण पूरा हो चुका है, लेकिन सबसे ज्यादा अनियमितता अस्थायी कर्मचारियों में पाई जा रही है।
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फेस अटेंडेंस सिस्टम लागू होने के पीछे उद्देश्य था कर्मचारियों की उपस्थिति पारदर्शी बनाना और फर्जी हाजिरी रोकना एवं फील्ड में तैनाती सही ढंग से मॉनिटर करना लेकिन सिस्टम पूरी तरह तभी काम करता है, जब कर्मचारी अपने तय कार्यस्थल पर हों। जब बड़ी संख्या में कर्मचारी घर-गृहस्थी के कामों के लिए नेताओं-अधिकारियों के बंगले पर भेज दिए जाएं, तो सिस्टम अनियमितता दिखाएगा ही।