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Bhopal:आरिफ मसूद मामले को सिंघार ने बताया साजिश, बोले-सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहींं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 22 Aug 2025 06:40 PM IST
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सार
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब मैंने स्वयं नियमों को शिथिल करते हुए महाविद्यालय खोलने की अनुमति दी थी

विधान सभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी भोपाल की मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिलने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस उनके समर्थन में उतर आई है। जहां नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं, वही मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने पीसीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब मैने स्वयं नियमों को शिथिल करते हुए आरिफ मसूद को महाविद्यालय खोलने की अनुमति दी थी।। दरअसल सोमवार को मप्र हाईकोर्ट जबलपुर ने विधायक मसूद के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। मसूद के वकील विवेक तन्खा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया है।
सच्चाई और ईमानदारी का प्रमाण
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को माननीय सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलना उनकी सच्चाई और ईमानदारी का प्रमाण है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एफआईआर की जांच पर रोक लगाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सत्य को दबाया नहीं जा सकता। उन पर दर्ज मुकदमा साजिश और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होता है। कांग्रेस पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है और हमें देश की न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
यह भी पढे़ं-सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को राहत, एफआईआर और SIT जांच पर रोक
सोची-समझी राजनीतिक साजिश
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा है कि प्रदेश में चुन–चुनकर अल्पसंख्यक समुदाय की संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को झूठे आरोपों और मनगढ़ंत मुकदमों के सहारे निशाना बनाया जा रहा है। यह भाजपा सरकार की सोची-समझी राजनीतिक साज़िश है, जिसका उद्देश्य समाज को बांटना और लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करना है।
यह भी पढ़ें- 83 हजार स्कूलों में 29 अगस्त को बनेगी शाला प्रबंधन समितियां, दो साल का होगा कार्यकाल
मैंने स्वयं नियमों को शिथिल करते दी थी अनुमति
नायक ने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब मैने स्वयं नियमों को शिथिल करते हुए आरिफ मसूद को महाविद्यालय खोलने की अनुमति दी थी। उस समय अनेक महाविद्यालयों को भी भवन, जमीन या एफडी न होने के बावजूद मान्यता प्रदान की गई थी ताकि शिक्षा का प्रसार हो सके और गरीब बच्चों को अवसर मिल सके। आरिफ मसूद के विश्वविद्यालय में 300 से अधिक गरीब छात्र निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही दस्तावेज गायब कर दिए और झूठे आरोप लगाकर संस्था को बंद कर दिया। यह दुर्भाग्य है कि सिर्फ अल्पसंख्यक होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

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सच्चाई और ईमानदारी का प्रमाण
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को माननीय सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलना उनकी सच्चाई और ईमानदारी का प्रमाण है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एफआईआर की जांच पर रोक लगाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सत्य को दबाया नहीं जा सकता। उन पर दर्ज मुकदमा साजिश और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होता है। कांग्रेस पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है और हमें देश की न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
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मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा है कि प्रदेश में चुन–चुनकर अल्पसंख्यक समुदाय की संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को झूठे आरोपों और मनगढ़ंत मुकदमों के सहारे निशाना बनाया जा रहा है। यह भाजपा सरकार की सोची-समझी राजनीतिक साज़िश है, जिसका उद्देश्य समाज को बांटना और लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करना है।
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मैंने स्वयं नियमों को शिथिल करते दी थी अनुमति
नायक ने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब मैने स्वयं नियमों को शिथिल करते हुए आरिफ मसूद को महाविद्यालय खोलने की अनुमति दी थी। उस समय अनेक महाविद्यालयों को भी भवन, जमीन या एफडी न होने के बावजूद मान्यता प्रदान की गई थी ताकि शिक्षा का प्रसार हो सके और गरीब बच्चों को अवसर मिल सके। आरिफ मसूद के विश्वविद्यालय में 300 से अधिक गरीब छात्र निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही दस्तावेज गायब कर दिए और झूठे आरोप लगाकर संस्था को बंद कर दिया। यह दुर्भाग्य है कि सिर्फ अल्पसंख्यक होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।