भोपाल लव जिहाद केस: गिरोह के सरगना फरहान और साहिल के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में आरोप तय, अब सजा से बचना मुश्किल
Bhopal: पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत की न्यायाधीश नीलम मिश्रा ने फरहान और साहिल के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इस मामले में पुलिस पहले ही चालान प्रस्तुत कर चुकी है। साक्ष्य और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की जा चुकी है।

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राजधानी भोपाल के एक निजी कॉलेज की छात्राओं को दोस्ती के नाम पर जाल में फंसाकर दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने के संगीन मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड फरहान और उसके साथी साहिल के खिलाफ भोपाल जिला अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय कर दिए हैं। आरोपियों पर एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने और उसका अश्लील वीडियो बनाकर धमकाने का आरोप है। अदालत में पेश चालान के अनुसार, पीड़िता ने अपनी नाबालिग बहन को आरोपियों से बचाने के लिए इंदौर भेजा था। इसके बावजूद फरहान इंदौर पहुंच गया और किराए के कमरे में घुसकर उसके साथ मारपीट और दुष्कर्म किया।
प्रेम-प्रसंग का दिखावा कर रहा था आरोपी
मामले की जांच में यह भी सामने आया कि फरहान पीड़िता से प्रेम-प्रसंग का नाटक कर उसे अपने साथ रखने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहा था। जब पीड़िता ने विरोध किया, तो उसे और उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी गई। इंदौर में हुई घटना की शिकायत पीड़िता की नाबालिग बहन ने पुलिस से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद वह भोपाल में अपनी बड़ी बहन के पास आई और दोनों बहनों ने अप्रैल 2025 में इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराई। इसी के बाद फरहान और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आए।
25 जुलाई को गवाहों की सूची पेश होगी
पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत की न्यायाधीश नीलम मिश्रा ने फरहान और साहिल के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इस मामले में पुलिस पहले ही चालान प्रस्तुत कर चुकी है। साक्ष्य और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की जा चुकी है। 25 जुलाई को गवाहों की सूची पेश की जाएगी। कानूनी जानकारों के मुताबिक, पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता के बयान और साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को सजा मिलना लगभग तय माना जा रहा है, भले ही कुछ गवाह अदालत में उपस्थित न हों।
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आधा दर्जन छात्राएं बनीं थीं शिकार
इस साल अप्रैल में भोपाल के बागसेवनिया, जहांगीराबाद और अशोका गार्डन थानों में फरहान, साहिल, अबरार, नबील और साद सहित कई अन्य आरोपियों के खिलाफ कई लड़कियों ने शिकायतें दर्ज कराई थीं। आरोप है कि इन युवकों ने पहले दोस्ती की, फिर विश्वास जीतकर दुष्कर्म किया, अश्लील वीडियो बनाए और फिर धर्म परिवर्तन के लिए मानसिक दबाव बनाया।भोपाल पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। इसके अलावा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार को सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपी है। आयोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इस गंभीर मामले में शुरुआत में लापरवाही बरती।
दीदी के दोस्त ने किया नाबालिग से दुष्कर्म
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि फरहान उसकी बड़ी बहन का कॉलेज मित्र था और बहाने से उसके कमरे पर आता-जाता था। एक दिन वह बहन के कॉलेज चले जाने के बाद आया और उसे घुमाने के बहाने बाहर ले गया। वहीं अशोका गार्डन क्षेत्र में उसने जबरन दुष्कर्म किया और घटना का वीडियो बना लिया। इसके बाद जब पीड़िता भोपाल से बाहर गई, तो वहां भी फरहान पहुंच गया और धमकाकर वीडियो दिखाते हुए दबाव बनाया। साहिल ने भी उसी वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया। फरहान ने माता-पिता और भाई को जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने को मजबूर कर दिया। जब अत्याचार हद से ज्यादा बढ़ गया, तब उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।