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Bhopal News: 9 बच्चों की मौत के बाद मचा हड़कंप,सियासत गरमाई, कांग्रेस ने सरकार को घेरा, डिप्टी सीएम ने दी सफाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 03 Oct 2025 06:35 PM IST
सार
छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से नौ बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले ने प्रदेशभर में हड़कंप मचा दिया है।कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथों लिया है, जबकि उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जांच पूरी होने तक संयम बरतने की अपील की है।
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डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल, पूर्व सीएम कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से नौ बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले ने प्रदेशभर में हड़कंप मचा दिया है। इस दर्दनाक घटना ने जहां प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, वहीं इस पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथों लिया है, जबकि उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जांच पूरी होने तक संयम बरतने की अपील की है।
रिपोर्ट आने दीजिए,अभी कोई निष्कर्ष जल्दबाजी होगी
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि,अब तक करीब 12 प्रकार की दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 3 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें किसी घातक रसायन की पुष्टि नहीं हुई है। शेष 9 सैंपलों की रिपोर्ट आज शाम तक आने की संभावना है। जांच NEERI और भारत सरकार की प्रयोगशालाओं में हो रही है। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।”
कांग्रेस का दावा डायएथिलीन ग्लाइकोल से बच्चों की किडनी फेल
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कफ सिरप के कुछ सैंपल में डायएथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) की मौजूदगी पाई गई है, जो एक औद्योगिक सॉल्वेंट होता है। इसका उपयोग पेंट, ब्रेक ऑयल और वार्निश जैसी वस्तुओं में किया जाता है। इस रसायन के कारण बच्चों की किडनी फेल होने की आशंका जताई जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- यह बेहद दर्दनाक
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक है कि छिंदवाड़ा में कफ सिरप के कारण अब तक 7 बच्चों की जान जा चुकी है। यह वही रसायन है जिससे गाम्बिया और इंडोनेशिया में भी बच्चों की मौतें हो चुकी हैं। सवाल यह है कि क्या MP की मोहन सरकार को इस हादसे की जानकारी है?”
यह भी पढ़ें-किडनी फेल होने से 20 दिन में नौ बच्चों की मौत, दो कफ सिरप बैन; जिम्मेदारों को 'खुराक' कब?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उठाए गंभीर सवाल
पूर्व सीएम ने एक्स पर लिखा कि यह जानकर स्तब्ध हूं कि बच्चों की दवा में ब्रेक ऑयल जैसे जहरीले सॉल्वेंट का उपयोग हो रहा है। ये बेहद चिंता की बात है। यह घटना प्रदेश में कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान चलाया गया था। आज सरकार से मांग करता हूं कि प्रदेश में बिक रही सभी दवाओं की जांच करवाई जाए और खाने-पीने की वस्तुओं पर भी सख्त निगरानी रखी जाए।
यह भी पढ़ें-दवा ही दे रही मौत! क्या 'कफ सिरप' में है इंजन और ग्रीस वाला केमिकल? किडनी कर रहा फेल
कांग्रेस का भोपाल में विरोध
कांग्रेस ने छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल की तस्वीर पर प्रतीकात्मक रूप से कफ सिरप उड़ेलते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को नींद से जगाना जरूरी है। जब जांच पूरी भी नहीं हुई है, तब स्वास्थ्य विभाग ने कफ सिरप को कैसे क्लीन चिट दे दी? मध्य प्रदेश के अस्पताल अब यमदूतों का केंद्र बन चुके हैं। बरोलिया ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं और बच्चों की मौतों पर संवेदनहीनता दिखा रहे हैं।
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उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि,अब तक करीब 12 प्रकार की दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 3 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें किसी घातक रसायन की पुष्टि नहीं हुई है। शेष 9 सैंपलों की रिपोर्ट आज शाम तक आने की संभावना है। जांच NEERI और भारत सरकार की प्रयोगशालाओं में हो रही है। अंतिम रिपोर्ट के आधार पर ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।”
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कांग्रेस का दावा डायएथिलीन ग्लाइकोल से बच्चों की किडनी फेल
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कफ सिरप के कुछ सैंपल में डायएथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) की मौजूदगी पाई गई है, जो एक औद्योगिक सॉल्वेंट होता है। इसका उपयोग पेंट, ब्रेक ऑयल और वार्निश जैसी वस्तुओं में किया जाता है। इस रसायन के कारण बच्चों की किडनी फेल होने की आशंका जताई जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- यह बेहद दर्दनाक
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक है कि छिंदवाड़ा में कफ सिरप के कारण अब तक 7 बच्चों की जान जा चुकी है। यह वही रसायन है जिससे गाम्बिया और इंडोनेशिया में भी बच्चों की मौतें हो चुकी हैं। सवाल यह है कि क्या MP की मोहन सरकार को इस हादसे की जानकारी है?”
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