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Bhopal News: भोपाल में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, नेता बोले-मनरेगा से गांधी का नाम हटाना देश की आत्मा पर चोट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sun, 21 Dec 2025 06:20 PM IST
सार
मनरेगा के नाम में बदलाव के खिलाफ भोपाल कांग्रेस कमेटी ने मिंटो हॉल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने इसे राष्ट्रपिता के सम्मान पर हमला बताते हुए केंद्र सरकार पर नाम बदलने की राजनीति करने का आरोप लगाया।
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कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना के नाम में बदलाव के फैसले को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। रविवार को भोपाल कांग्रेस कमेटी ने मिंटो हॉल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना-प्रदर्शन कर इस निर्णय को राष्ट्रपिता के सम्मान पर सीधा हमला बताया। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।धरने में भोपाल कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
नाम बदलने की राजनीति बंद करे सरकार
धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम किसी योजना से हटाना केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा और योगदान को कमजोर करने का प्रयास है।उन्होंने कहा, “मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गांधीजी के विचारों से जुड़ा सामाजिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है। कांग्रेस इसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देगी।”सक्सेना ने यह भी आरोप लगाया कि आज ज़मीनी सच्चाई यह है कि कई जगहों पर मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिल रही, लेकिन सरकार असल मुद्दों पर काम करने के बजाय नाम बदलने में ऊर्जा लगा रही है।
20 साल से गरीबों की ढाल रही है मनरेगा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि मनरेगा वर्ष 2005 से ग्रामीण भारत में गरीबों, आदिवासियों और श्रमिकों के लिए जीवनरेखा साबित हुई है।उन्होंने कहा, यह योजना केवल रोजगार देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने का काम किया है। भाजपा ने भी 11 साल तक इसी योजना के सहारे शासन चलाया, फिर अब इसे मिटाने की कोशिश क्यों? धनोपिया ने प्रधानमंत्री के पुराने बयान का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि अगर मनरेगा को स्मारक’ कहा गया था, तो फिर उसे खत्म करने या पहचान बदलने की जरूरत क्यों महसूस हुई।
यह भी पढ़ें-मध्यप्रदेश में कोहरे का कहर, ठंड ने तोड़े रिकॉर्ड, सीजन में पहली बार 3 डिग्री से नीचे पारा
गांधी बनाम राजनीति नहीं, सवाल सम्मान का है
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि भगवान राम देश की आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनके नाम पर महात्मा गांधी की पहचान को मिटाना अस्वीकार्य है। पार्टी का कहना है कि यह फैसला सामाजिक सौहार्द और ऐतिहासिक विरासत के खिलाफ है।धरना-प्रदर्शन में कांग्रेस सेवा दल अध्यक्ष अवनीश भार्गव, गोविंदपुरा विधानसभा प्रभारी नरेश सिंह, कार्यकर्ता विनीता साहू, अनोखी मान सिंह, राहुल सिंह राठौर सहित कई कांग्रेसजन मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें-राजधानी की रफ्तार बदली, एम्स से सुभाष नगर तक 30 मिनट में पहुंची मेट्रो
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग
- मनरेगा का नाम और उसकी मूल पहचान बरकरार रखी जाए
- योजना के तहत मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए
- राजनीतिक एजेंडे के लिए ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का इस्तेमाल बंद किया जाए
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नाम बदलने की राजनीति बंद करे सरकार
धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम किसी योजना से हटाना केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा और योगदान को कमजोर करने का प्रयास है।उन्होंने कहा, “मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गांधीजी के विचारों से जुड़ा सामाजिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है। कांग्रेस इसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देगी।”सक्सेना ने यह भी आरोप लगाया कि आज ज़मीनी सच्चाई यह है कि कई जगहों पर मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिल रही, लेकिन सरकार असल मुद्दों पर काम करने के बजाय नाम बदलने में ऊर्जा लगा रही है।
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20 साल से गरीबों की ढाल रही है मनरेगा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि मनरेगा वर्ष 2005 से ग्रामीण भारत में गरीबों, आदिवासियों और श्रमिकों के लिए जीवनरेखा साबित हुई है।उन्होंने कहा, यह योजना केवल रोजगार देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने का काम किया है। भाजपा ने भी 11 साल तक इसी योजना के सहारे शासन चलाया, फिर अब इसे मिटाने की कोशिश क्यों? धनोपिया ने प्रधानमंत्री के पुराने बयान का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि अगर मनरेगा को स्मारक’ कहा गया था, तो फिर उसे खत्म करने या पहचान बदलने की जरूरत क्यों महसूस हुई।
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गांधी बनाम राजनीति नहीं, सवाल सम्मान का है
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि भगवान राम देश की आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनके नाम पर महात्मा गांधी की पहचान को मिटाना अस्वीकार्य है। पार्टी का कहना है कि यह फैसला सामाजिक सौहार्द और ऐतिहासिक विरासत के खिलाफ है।धरना-प्रदर्शन में कांग्रेस सेवा दल अध्यक्ष अवनीश भार्गव, गोविंदपुरा विधानसभा प्रभारी नरेश सिंह, कार्यकर्ता विनीता साहू, अनोखी मान सिंह, राहुल सिंह राठौर सहित कई कांग्रेसजन मौजूद रहे।
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कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग
- मनरेगा का नाम और उसकी मूल पहचान बरकरार रखी जाए
- योजना के तहत मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए
- राजनीतिक एजेंडे के लिए ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का इस्तेमाल बंद किया जाए

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