MP News: देश का पहला अत्याधुनिक पंचकर्म सेंटर भोपाल में शुरू, यहां मिलेगी फाइव स्टार जैसी सुविधाएं
मध्यप्रदेश में देश का पहला अत्याधुनिक पंचकर्म सेंटर भोपाल में शुरू हो गया है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रामकिशोर कांवरे और भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहीं।
विस्तार
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, स्वास्थ्य की जो विधा आयुर्वेद में है, वह एलोपैथी में नहीं है। अंग्रेजी दवाएं लिखने वाले डॉक्टर एक के बाद एक दवा लिखते रहते हैं। प्रदेश का खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय एमपी में ही नहीं, देश भर में अपने कामों के चलते चर्चा में है।
यह बात सीएम चौहान ने मंगलवार को खुशीलाल आयुर्वेदिक महाविद्यालय में कही। शिवराज सिंह ने यहां 50 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक पंचकर्म सिस्टम और वेलनेस सेंटर का लोकार्पण किया। इस आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद प्रज्ञा ठाकुर और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा भी मौजूद रहे।
50 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक पंचकर्म सेंटर...
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल के आयुर्वेद महाविद्यालय में 50 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक पंचकर्म सिस्टम और वैलनेस सेंटर का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा, आयुर्वेद ऐसी विधा है कि आने वाले दिनों में पूरी दुनिया से अपनाएगी। इसमें घायलों की भी त्वरित इलाज की व्यवस्था को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए सीएम चौहान ने कहा कि आयुर्वेद में रिसर्च खत्म हो रहे हैं, यह काम रुकना नहीं चाहिए।
कोविड के बाद आयुर्वेद का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। #COVID19 में एक ही रास्ता दिखा "आयुर्वेद और योग"।
अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है भारत।5000 साल से ज्यादा तो ज्ञात इतिहास है हमारा। जब दुनिया में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था तब हमारे यहां वेदों की रचना रच दी गई थी। https://t.co/eOXNC0c7qV pic.twitter.com/SZQLEQbwqU— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 6, 2022
मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं...
पंडित खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज परिसर में बने पंचकर्म एवं वैलनेस सेंटर में केरल के थेरेपिस्ट पंचकर्म करेंगे। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने केरल से थेरेपिस्ट नियुक्त किए हैं। बताया जा रहा है, आने वाले दिनों में केरल के स्टाफ की संख्या और अधिक बढ़ाई जा सकती है। इससे भोपाल में ही लोगों को केरल जैसी सुविधाएं मिलने लग जाएंगी।
आयुर्वेद के माध्यम से गांव में ही जड़ी-बूटियों से बीमारियों का इलाज...
सीएम ने कहा कि कोविड के बाद आयुर्वेद का डंका पूरी दुनिया में फिर से बज रहा है। जब कोविड ने अपना असर बढ़ाया, तो आयुर्वेद के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं सूझा। जब दुनिया भर में सभ्यता का उदय भी नहीं हुआ था, तब भारत में चार वेद रच दिए गए और पांचवा वेद है आयुर्वेद। भारत के गांव-गांव में इलाज के लिए आयुर्वेद पर ही विश्वास किया गया। आयुर्वेद के माध्यम से गांव में ही जड़ी-बूटियों से बीमारियों का इलाज आसानी से होता रहा है। हमारे वैद्य इतने कुशल होते हैं कि नाड़ी से ही बीमारी का पता लगाकर इलाज करते हैं।