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Bhopal News: गोपाष्टमी पर भोपाल में उमड़ा गौभक्तों का सैलाब, उमा भारती बोलीं- हर लाड़ली बहन को मिले एक गाय
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 29 Oct 2025 07:49 PM IST
सार
गोपाष्टमी पर्व पर राजधानी में श्रद्धा और संकल्प का अनोखा संगम देखने को मिला। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने गौभक्तों की मौजूदगी में गौपूजन कर घोषणा की कि वे 2029 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, ताकि गौवंश और गंगा संरक्षण के अधूरे कार्य पूरे कर सकें।
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गोपाष्टमी पर्व पर कार्यक्रम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर राजधानी भोपाल के दशहरा मैदान (अयोध्या बायपास) में बुधवार को गौभक्तों का विराट समागम हुआ। काफी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री साध्वी उमा भारती ने गौपूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सभा में कन्यापूजन और गौ स्तुति वाचन के साथ वातावरण धार्मिक और भावनात्मक हो उठा। इस मौके पर उमा भारती ने केंद्र और राज्य सरकारों के गौसंवर्धन और कृषि सुधार प्रयासों की सराहना की और कहा कि जब तक देश में गायों की रक्षा और गंगा का संरक्षण नहीं होगा, तब तक राम का कार्य अधूरा रहेगा। उमा भारती ने कहा कि “गाय केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक और पर्यावरणीय शक्ति का आधार है।
लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए
सभा के दौरान साध्वी उमा भारती ने दोबारा राजनीति में सक्रिय होने के संकेत दिए। उन्होंने कहा मां गंगा और गौवंश से जुड़े कार्यों को और गति देने के लिए मैं 2029 में लोकसभा चुनाव लड़ूंगी। गाय और गंगा के बिना राष्ट्र निर्माण अधूरा है। उन्होंने कहा कि “राम का काम अब गौ संवर्धन पर केंद्रित है।” साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे गंगा और गौसंवर्धन के अधूरे कार्यों को अपने हाथों से पूरा करें।
गौसेवा को राष्ट्रीय हित बताया, दिए व्यावहारिक सुझाव
- लाड़ली बहनों को एक-एक गाय देने की योजना बने।
- शहरों में जहां पालतू कुत्ते-बिल्लियों की अनुमति है, वहां गाय रखने की भी अनुमति दी जाए।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर फेंसिंग के साथ-साथ चारागाह (गोचर भूमि) विकसित किए जाएं ताकि आवारा गौवंश सड़कों पर न आए।
- बंजर भूमि पर नए चारागाह क्षेत्र विकसित किए जाएं।
11 प्रस्ताव पारित, गौ आधारित कृषि पर विशेष जोर
सभा के संयोजक अशोक त्रिपाठी ने इस आयोजन को “धर्मसभा और ईश्वरीय कार्य” बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम गौवंश और कृषि के संरक्षण का राष्ट्रीय संकल्प है। सभा में 11 प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें गोचर भूमि संरक्षण, गौशालाओं का आधुनिकीकरण, दूध आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन और हर किसान के पास एक गाय रखने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले डेढ़ वर्ष तक गौ आधारित कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर चलाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें-एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से, चार बैठकें होगी, विपक्ष बोला- सरकार चर्चा से बच रही है
मंत्री और विधायकगण की रही विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में पर्यटन व संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र सिंह, विधायक पवई प्रहलाद सिंह, पिछोर विधायक प्रीतम सिंह, बंडा विधायक वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे और प्रद्युम्न लोधी सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।मनोज जादौन, राम नेता और उनकी टीम ने व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली, जबकि पूर्व बीडीए उपाध्यक्ष संध्या शर्मा और शशि शर्मा (संघ) की भी सक्रिय भूमिका रही।
यह भी पढ़ें-एसआईआर से 50 लाख वोटर्स के नाम काटने की साजिश, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
प्रदेशभर से पहुंचे सैकड़ों गौभक्त
प्रदेश के लगभग सभी जिलों से, विशेष रूप से राजगढ़, कुरावर और सुठालिया जैसे क्षेत्रों से, दर्जनों वाहनों में सवार होकर सैकड़ों गौभक्त इस धर्मसभा में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे और प्रद्युम्न लोधी ने किया। पूरे आयोजन में संघ और किसान संघ से जुड़े पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम पूर्णत: शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ। सभा के अंत में गौपालकों ने उमा भारती के नेतृत्व में यह संकल्प लिया कि वे गौवंश संवर्धन को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएंगे।
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लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए
सभा के दौरान साध्वी उमा भारती ने दोबारा राजनीति में सक्रिय होने के संकेत दिए। उन्होंने कहा मां गंगा और गौवंश से जुड़े कार्यों को और गति देने के लिए मैं 2029 में लोकसभा चुनाव लड़ूंगी। गाय और गंगा के बिना राष्ट्र निर्माण अधूरा है। उन्होंने कहा कि “राम का काम अब गौ संवर्धन पर केंद्रित है।” साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे गंगा और गौसंवर्धन के अधूरे कार्यों को अपने हाथों से पूरा करें।
गौसेवा को राष्ट्रीय हित बताया, दिए व्यावहारिक सुझाव
- लाड़ली बहनों को एक-एक गाय देने की योजना बने।
- शहरों में जहां पालतू कुत्ते-बिल्लियों की अनुमति है, वहां गाय रखने की भी अनुमति दी जाए।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर फेंसिंग के साथ-साथ चारागाह (गोचर भूमि) विकसित किए जाएं ताकि आवारा गौवंश सड़कों पर न आए।
- बंजर भूमि पर नए चारागाह क्षेत्र विकसित किए जाएं।
11 प्रस्ताव पारित, गौ आधारित कृषि पर विशेष जोर
सभा के संयोजक अशोक त्रिपाठी ने इस आयोजन को “धर्मसभा और ईश्वरीय कार्य” बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम गौवंश और कृषि के संरक्षण का राष्ट्रीय संकल्प है। सभा में 11 प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें गोचर भूमि संरक्षण, गौशालाओं का आधुनिकीकरण, दूध आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन और हर किसान के पास एक गाय रखने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले डेढ़ वर्ष तक गौ आधारित कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर चलाए जाएंगे।
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मंत्री और विधायकगण की रही विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में पर्यटन व संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र सिंह, विधायक पवई प्रहलाद सिंह, पिछोर विधायक प्रीतम सिंह, बंडा विधायक वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे और प्रद्युम्न लोधी सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।मनोज जादौन, राम नेता और उनकी टीम ने व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली, जबकि पूर्व बीडीए उपाध्यक्ष संध्या शर्मा और शशि शर्मा (संघ) की भी सक्रिय भूमिका रही।
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प्रदेशभर से पहुंचे सैकड़ों गौभक्त
प्रदेश के लगभग सभी जिलों से, विशेष रूप से राजगढ़, कुरावर और सुठालिया जैसे क्षेत्रों से, दर्जनों वाहनों में सवार होकर सैकड़ों गौभक्त इस धर्मसभा में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे और प्रद्युम्न लोधी ने किया। पूरे आयोजन में संघ और किसान संघ से जुड़े पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम पूर्णत: शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ। सभा के अंत में गौपालकों ने उमा भारती के नेतृत्व में यह संकल्प लिया कि वे गौवंश संवर्धन को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएंगे।