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Bhopal Metro: भोपाल मेट्रो में दूसरे ही दिन घटे यात्री, देखने वालों की भीड़ ज्यादा,सफर करने वाले कम, नियम सख्त
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Mon, 22 Dec 2025 09:15 PM IST
सार
भोपाल मेट्रो का शुरुआती उत्साह दूसरे दिन ही कम नजर आया। किराया ज्यादा होने और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यात्रियों ने सवाल उठाए। वहीं, मेट्रो में सख्त नियम लागू हैं। थूकने और बिना वजह इमरजेंसी बटन दबाने पर भारी जुर्माना, शराब की सीमित अनुमति और पेट्स पर पूरी पाबंदी।
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मेट्रो में खाली सीटें
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी भोपाल में शुरू हुई मेट्रो सेवा को लेकर शुरुआती उत्साह दूसरे दिन ही ठंडा पड़ता नजर आया। मेट्रो संचालन के दूसरे दिन यात्रियों की संख्या में साफ गिरावट देखने को मिली। पहले दिन अवकाश होने के चलते बड़ी संख्या में लोग केवल मेट्रो देखने और अनुभव लेने पहुंचे थे, लेकिन दूसरे दिन सामान्य कार्यदिवस में यात्री कम नजर आए। भोपाल मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए कड़े नियम और पाबंदियां लागू की गई हैं। सार्वजनिक स्वच्छता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेट्रो प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ट्रेन या स्टेशन परिसर में थूकने पर जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, बिना किसी वजह इमरजेंसी बटन दबाने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
दूसरे दिन यात्रियों की संख्या आधे से भी कम
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार मेट्रो के शुभारंभ के दूसरे दिन केवल 2896 यात्रियों ने सफर किया, जिससे करीब 89,380 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं, पहले दिन 6 हजार से अधिक यात्रियों ने मेट्रो में यात्रा की थी, जिससे दूसरे दिन यात्रियों की संख्या में साफ गिरावट दर्ज की गई।
किराया अपेक्षाकृत ज्यादा
मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों का कहना है कि किराया अपेक्षाकृत ज्यादा होने के कारण लोग मेट्रो से दूरी बना रहे हैं। एक यात्री ने बताया कि सुभाष नगर से एम्स तक सिटी बस का किराया 20 से 30 रुपए है, जबकि इसी रूट पर मेट्रो का किराया 40 रुपए रखा गया है। ऐसे में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों के लिए मेट्रो महंगी साबित हो रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल
कुछ यात्रियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अन्य बड़े शहरों में मेट्रो की सुरक्षा सीआईएसएफ के जिम्मे होती है, जबकि भोपाल मेट्रो में फिलहाल प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात हैं, जिससे यात्रियों में पूरी तरह भरोसा नहीं बन पा रहा है। कुल मिलाकर, दूसरे दिन की स्थिति से यह साफ है कि भोपाल मेट्रो को नियमित यात्रियों से जोड़ने के लिए किराया संरचना और सुरक्षा व्यवस्था पर दोबारा विचार करना जरूरी होगा, ताकि शुरुआती उत्साह को स्थायी यात्री संख्या में बदला जा सके।
यह भी पढ़ें-68 करोड़ ई-मेल-पासवर्ड लीक! एमपी स्टेट साइबर सेल की चेतावनी, तुरंत रीसेट करें पासवर्ड; एडवाइजरी जारी
शराब की सीमित अनुमति, पेट्स पर पूरी पाबंदी
मेट्रो में यात्री अधिकतम दो बोतल शराब ले जा सकेंगे, लेकिन शर्त यह होगी कि बोतलें पूरी तरह सीलबंद हों। इसके अलावा, पालतू जानवरों या पक्षियों के साथ सफर की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा नियमों के तहत मेट्रो में पेट्रोल-डीजल, हथियार, खुले बीड़ी-सिगरेट, माचिस या लाइटर, गुटखा, तंबाकू और सूखा नाश्ता ले जाने की मनाही है। मोबाइल फोन और स्मार्ट वॉच की अनुमति रहेगी, लेकिन ड्रोन, सैटेलाइट फोन, रेडियो संचार उपकरण और कैमरा ले जाना प्रतिबंधित रहेगा।
यह भी पढ़ें-नर्सिंग घोटाले को लेकर एनएसओ संगठन का अल्टीमेटम, कार्रवाई नहीं तो सड़क से कोर्ट तक लड़ेंगे लड़ाई
स्वास्थ्य और व्यवहार से जुड़े नियम
संक्रामक बीमारी से पीड़ित, अत्यधिक नशे में, मानसिक रूप से असंतुलित या असंयमित व्यवहार करने वाले यात्रियों को मेट्रो में सफर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वहीं हवाई यात्रा की तरह मेट्रो में भी सामान की सीमा तय की गई है। यात्री अपने साथ अधिकतम 25 किलो तक का सामान ही ले जा सकेंगे।
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दूसरे दिन यात्रियों की संख्या आधे से भी कम
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार मेट्रो के शुभारंभ के दूसरे दिन केवल 2896 यात्रियों ने सफर किया, जिससे करीब 89,380 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं, पहले दिन 6 हजार से अधिक यात्रियों ने मेट्रो में यात्रा की थी, जिससे दूसरे दिन यात्रियों की संख्या में साफ गिरावट दर्ज की गई।
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किराया अपेक्षाकृत ज्यादा
मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों का कहना है कि किराया अपेक्षाकृत ज्यादा होने के कारण लोग मेट्रो से दूरी बना रहे हैं। एक यात्री ने बताया कि सुभाष नगर से एम्स तक सिटी बस का किराया 20 से 30 रुपए है, जबकि इसी रूट पर मेट्रो का किराया 40 रुपए रखा गया है। ऐसे में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों के लिए मेट्रो महंगी साबित हो रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल
कुछ यात्रियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अन्य बड़े शहरों में मेट्रो की सुरक्षा सीआईएसएफ के जिम्मे होती है, जबकि भोपाल मेट्रो में फिलहाल प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात हैं, जिससे यात्रियों में पूरी तरह भरोसा नहीं बन पा रहा है। कुल मिलाकर, दूसरे दिन की स्थिति से यह साफ है कि भोपाल मेट्रो को नियमित यात्रियों से जोड़ने के लिए किराया संरचना और सुरक्षा व्यवस्था पर दोबारा विचार करना जरूरी होगा, ताकि शुरुआती उत्साह को स्थायी यात्री संख्या में बदला जा सके।
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शराब की सीमित अनुमति, पेट्स पर पूरी पाबंदी
मेट्रो में यात्री अधिकतम दो बोतल शराब ले जा सकेंगे, लेकिन शर्त यह होगी कि बोतलें पूरी तरह सीलबंद हों। इसके अलावा, पालतू जानवरों या पक्षियों के साथ सफर की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा नियमों के तहत मेट्रो में पेट्रोल-डीजल, हथियार, खुले बीड़ी-सिगरेट, माचिस या लाइटर, गुटखा, तंबाकू और सूखा नाश्ता ले जाने की मनाही है। मोबाइल फोन और स्मार्ट वॉच की अनुमति रहेगी, लेकिन ड्रोन, सैटेलाइट फोन, रेडियो संचार उपकरण और कैमरा ले जाना प्रतिबंधित रहेगा।
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स्वास्थ्य और व्यवहार से जुड़े नियम
संक्रामक बीमारी से पीड़ित, अत्यधिक नशे में, मानसिक रूप से असंतुलित या असंयमित व्यवहार करने वाले यात्रियों को मेट्रो में सफर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वहीं हवाई यात्रा की तरह मेट्रो में भी सामान की सीमा तय की गई है। यात्री अपने साथ अधिकतम 25 किलो तक का सामान ही ले जा सकेंगे।

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