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Bhopal News: स्टाम्प फर्जीवाड़ा रैकेट उजागर, उपयोग किए स्टाम्प बेचकर सरकार को लगाया लाखों का चूना, 4 गिरफ्तार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: भोपाल ब्यूरो
Updated Thu, 20 Nov 2025 08:52 AM IST
सार
फर्जी और उपयोग हो चुके स्टाम्प बेचकर शासन को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है जबकि सात आरोपी अब भी फरार हैं।
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स्टाम्प फर्जीवाड़ा उजागर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
फर्जी और उपयोग हो चुके स्टाम्प बेचकर शासन को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है जबकि सात आरोपी अब भी फरार हैं।
एमपी नगर पुलिस ने फर्जी और उपयोग किए जा चुके स्टाम्प बेचकर शासन को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाने वाले संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि सात आरोपी अभी फरार हैं। गिरोह पिछले कई वर्षों से फर्जी स्टाम्प, कोरे स्टाम्प पेपर और नोटरी की जाली सील का दुरुपयोग कर अवैध कमाई कर रहा था।
पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली थी कि बोर्ड ऑफिस चौराहा स्थित सारनाथ कॉम्प्लेक्स में मामा चैम्बर्स और एएम इंटरप्राइजेस उपयोग हो चुके चिपकाने वाले स्टाम्प की बिक्री करते हैं। सूचना के बाद पुलिस ने एएम इंटरप्राइजेस पर छापा मारा। दुकान में प्रीतम प्रजापति मिला, जिसके कब्जे से उपयोग हो चुके स्टाम्प, स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू के स्टाम्प पेपर्स, नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी व पवन प्रकाश शर्मा के हस्ताक्षर किए हुए कोरे, हरे और सफेद स्टाम्प पेपर, नोटरी की सील और स्टाम्प रजिस्टर जब्त किए गए।
पूछताछ में प्रीतम ने बताया कि दुकान आकाश साहू और विकास साहू की है। सुषमा साहू स्टाम्प वेंडर है और नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी तथा पवन प्रकाश शर्मा कोरे स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर कर देते थे। दुकान में उपयोग हो चुके स्टाम्प को कूटरचित कर दोबारा बेचकर शासन को राजस्व दिए बिना आर्थिक लाभ कमाया जाता था।
ये भी पढ़ें: Indore: अलफलाह यूनिवर्सिटी के कर्ताधर्ता जवाद का मकान होगा जमींदोज, महू परिषद ने दिया नोटिस
इसके बाद पुलिस मामा उर्फ गणेश प्रसाद लोंगरे की दुकान मामा चैम्बर्स पर पहुंची, जहां दुकान बंद मिली। बाहर मौजूद कर्मचारी नरेश शहरिया ने बताया कि वह एक साल से यहां काम कर रहा है। दुकान के मालिक गणेश लोंगरे, उनके बेटे रोहित लोंगरे और वह स्वयं मिलकर उपयोग हो चुके स्टाम्प को कूटरचित कर बेचते थे और बिना राजस्व जमा किए अवैध रूप से लाभ कमाते थे।
इसके बाद पुलिस एएम इंटरप्राइजेस, पुरानी विधानसभा के सामने पहुंची। यहां दुकान पर उपस्थित कर्मचारी जतिन साहू मिला। दुकान से उपयोग हो चुके चिपकाने वाले स्टाम्प, सुषमा साहू के स्टाम्प पेपर्स, नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी और पवन प्रकाश शर्मा के हस्ताक्षर वाले कोरे स्टाम्प पेपर, हरे व सफेद पेपर, नोटरी सील और स्टाम्प रजिस्टर जब्त किए गए। जतिन ने भी आकाश साहू और विकास साहू द्वारा फर्जी स्टाम्प बेचने और बिना राजस्व जमा किए आर्थिक लाभ लेने की पुष्टि की।
गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस आरिफ अफजल अली के 10 नंबर स्थित घर पर पहुंची। यहां भी उपयोग हो चुके स्टाम्प, चिपकाने वाले स्टाम्प, स्टाम्प पेपर्स की फोटोकॉपी, कूटरचित दस्तावेज और स्टाम्प रजिस्टर बरामद किए गए।
ये भी पढ़ें: Anuppur News: न्यायाधीश के घर पत्थरबाजी मामला, तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
आरिफ अफजल ने बताया कि वह पिछले 30 वर्षों से अपने घर से स्टाम्प बेचने का काम कर रहा है। वह उपयोग हो चुके स्टाम्प और फोटोकॉपी स्टाम्प को नकली रूप से असली की तरह तैयार कर बेचकर बिना राजस्व जमा किए अवैध लाभ कमाता था। पुलिस ने सभी जब्त सामग्री को कब्जे में लिया और संबंधित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपियों में प्रीतम प्रजापति, नरेश शहरिया, जतिन साहू और आरिफ अफजल शामिल हैं। जबकि आकाश साहू, विकास साहू, स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू, नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी, नोटरी एडवोकेट पवन प्रकाश शर्मा, मामा उर्फ गणेश लोंगरे, रोहित लोंगरे अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
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एमपी नगर पुलिस ने फर्जी और उपयोग किए जा चुके स्टाम्प बेचकर शासन को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाने वाले संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि सात आरोपी अभी फरार हैं। गिरोह पिछले कई वर्षों से फर्जी स्टाम्प, कोरे स्टाम्प पेपर और नोटरी की जाली सील का दुरुपयोग कर अवैध कमाई कर रहा था।
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पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली थी कि बोर्ड ऑफिस चौराहा स्थित सारनाथ कॉम्प्लेक्स में मामा चैम्बर्स और एएम इंटरप्राइजेस उपयोग हो चुके चिपकाने वाले स्टाम्प की बिक्री करते हैं। सूचना के बाद पुलिस ने एएम इंटरप्राइजेस पर छापा मारा। दुकान में प्रीतम प्रजापति मिला, जिसके कब्जे से उपयोग हो चुके स्टाम्प, स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू के स्टाम्प पेपर्स, नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी व पवन प्रकाश शर्मा के हस्ताक्षर किए हुए कोरे, हरे और सफेद स्टाम्प पेपर, नोटरी की सील और स्टाम्प रजिस्टर जब्त किए गए।
पूछताछ में प्रीतम ने बताया कि दुकान आकाश साहू और विकास साहू की है। सुषमा साहू स्टाम्प वेंडर है और नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी तथा पवन प्रकाश शर्मा कोरे स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर कर देते थे। दुकान में उपयोग हो चुके स्टाम्प को कूटरचित कर दोबारा बेचकर शासन को राजस्व दिए बिना आर्थिक लाभ कमाया जाता था।
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इसके बाद पुलिस एएम इंटरप्राइजेस, पुरानी विधानसभा के सामने पहुंची। यहां दुकान पर उपस्थित कर्मचारी जतिन साहू मिला। दुकान से उपयोग हो चुके चिपकाने वाले स्टाम्प, सुषमा साहू के स्टाम्प पेपर्स, नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी और पवन प्रकाश शर्मा के हस्ताक्षर वाले कोरे स्टाम्प पेपर, हरे व सफेद पेपर, नोटरी सील और स्टाम्प रजिस्टर जब्त किए गए। जतिन ने भी आकाश साहू और विकास साहू द्वारा फर्जी स्टाम्प बेचने और बिना राजस्व जमा किए आर्थिक लाभ लेने की पुष्टि की।
गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस आरिफ अफजल अली के 10 नंबर स्थित घर पर पहुंची। यहां भी उपयोग हो चुके स्टाम्प, चिपकाने वाले स्टाम्प, स्टाम्प पेपर्स की फोटोकॉपी, कूटरचित दस्तावेज और स्टाम्प रजिस्टर बरामद किए गए।
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आरिफ अफजल ने बताया कि वह पिछले 30 वर्षों से अपने घर से स्टाम्प बेचने का काम कर रहा है। वह उपयोग हो चुके स्टाम्प और फोटोकॉपी स्टाम्प को नकली रूप से असली की तरह तैयार कर बेचकर बिना राजस्व जमा किए अवैध लाभ कमाता था। पुलिस ने सभी जब्त सामग्री को कब्जे में लिया और संबंधित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपियों में प्रीतम प्रजापति, नरेश शहरिया, जतिन साहू और आरिफ अफजल शामिल हैं। जबकि आकाश साहू, विकास साहू, स्टाम्प वेंडर सुषमा साहू, नोटरी एडवोकेट हैमेन्द्र तिवारी, नोटरी एडवोकेट पवन प्रकाश शर्मा, मामा उर्फ गणेश लोंगरे, रोहित लोंगरे अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।