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सरकारी शिक्षक भर्ती में घोटाला: फर्जी डीएड डिग्री गिरोह की जांच का दायरा बढ़ा, आधा दर्जन और शिकायतें मिलीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Thu, 20 Nov 2025 09:30 AM IST
सार
सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती में बड़ा डिग्री घोटाला सामने आया है, जिसमें फर्जी डीएड अंकसूचियों के आधार पर नौकरी दिलाने का संगठित नेटवर्क सक्रिय पाया गया है। एसटीएफ अब फर्जी डिग्री बनाने वालों के साथ-साथ नियुक्ति और सत्यापन से जुड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी भी जांच रही है।
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फर्जीवाड़ा।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के नाम पर हुआ डिग्री घोटाला अब बड़े नेटवर्क के रूप में सामने आ रहा है। एसटीएफ ने पता लगाया है कि फर्जी डीएड अंकसूचियां बनाकर उम्मीदवारों को शिक्षक की नौकरी दिलाने वाला संगठित गिरोह लंबे समय से सक्रिय रहा है। वहीं, सत्यापन के नाम पर जारी की गई जांच रिपोर्ट भी फर्जी जारी की गई। अब एसटीएफ फर्जी डिग्री उपलब्ध कराने वाले गिरोह, नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल समिति और सत्यापन रिपोर्ट जारी कराने वाले जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका खंगाल रही है। जांच टीम ने उन लोगों की पहचान पर खास ध्यान केंद्रित किया है, जिन्होंने दस्तावेजों को असली बताते हुए नौकरी की फाइलों को मंजूरी दिलवाई।
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बैतूल, गुना, शाजापुर से भी मिली शिकायतें
इस मामले में जांच आगे बढ़ने के बाद बैतूल, शाजापुर, धार, गुना और अन्य जिलों से भी शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को मिलाकर एसटीएफ अब अलग-अलग वर्षों की भर्ती फाइलों और सत्यापन दस्तावेजों की तुलना कर रही है। टीम का मानना है कि पूरे प्रदेश में इस नेटवर्क के जड़ें हो सकती हैं।
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पहले मिले 34 शिक्षक, अब और नाम जुड़ने की संभावना
पहले चरण में 34 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इनमें से सात ग्वालियर के थे। अब संकेत मिल रहे हैं कि जैसे-जैसे पुराने दस्तावेजों की जांच आगे बढ़ेगी, आरोपियों की सूची और लंबी हो सकती है। एसपी एसटीएफ ग्वालियर राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि विभिन्न वर्षों के दस्तावेजों की जांच जारी है। नियुक्ति से लेकर सत्यापन तक जिस-जिस की भूमिका पाई जाएगी, वह जांच के दायरे में आएगा। दोषियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
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बैतूल, गुना, शाजापुर से भी मिली शिकायतें
इस मामले में जांच आगे बढ़ने के बाद बैतूल, शाजापुर, धार, गुना और अन्य जिलों से भी शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को मिलाकर एसटीएफ अब अलग-अलग वर्षों की भर्ती फाइलों और सत्यापन दस्तावेजों की तुलना कर रही है। टीम का मानना है कि पूरे प्रदेश में इस नेटवर्क के जड़ें हो सकती हैं।
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पहले मिले 34 शिक्षक, अब और नाम जुड़ने की संभावना
पहले चरण में 34 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इनमें से सात ग्वालियर के थे। अब संकेत मिल रहे हैं कि जैसे-जैसे पुराने दस्तावेजों की जांच आगे बढ़ेगी, आरोपियों की सूची और लंबी हो सकती है। एसपी एसटीएफ ग्वालियर राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि विभिन्न वर्षों के दस्तावेजों की जांच जारी है। नियुक्ति से लेकर सत्यापन तक जिस-जिस की भूमिका पाई जाएगी, वह जांच के दायरे में आएगा। दोषियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।