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MP: बुजुर्ग दंपती से मारपीट करने वाले छतरपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर को किया बर्खास्त, सिविल सर्जन निलंबित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 20 Apr 2025 08:13 PM IST
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सार

छतरपुर जिला अस्पताल में बुजुर्ग दंपती से मारपीट और अमानवीय व्यवहार मामले में संविदा डॉक्टर डॉ. राजेश मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं लापरवाही बरतने पर सिविल सर्जन डॉ. जी.एल. अहिरवार को निलंबित कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है। डॉ. मिश्रा पर FIR भी दर्ज की गई है।

MP: Chhatarpur district hospital doctor who beat up elderly couple dismissed, civil surgeon suspended
मंत्रालय - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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छतरपुर जिला चिकित्सालय में पदस्थ संविदा पीजीएमओ डॉ. राजेश कुमार मिश्रा को बुजुर्ग दंपती के साथ मारपीट और अभद्रता के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक छतरपुर जिला अस्पताल डॉ. जी.एल. अहिरवार को भी निलंबित कर दिया गया है।  बुजुर्ग दंपती से मारपीट और उन्हें घसीटने का वीडियो वायरल होने के बाद जिला कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने गंभीर रुख अपनाते हुए संबंधित डॉक्टर के खिलाफ मिशन संचालक को कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा था।
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इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉ. मिश्रा की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके साथ ही संचालक, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग दिनेश श्रीवास्तव ने सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक छतरपुर जिला अस्पताल डॉ. जी.एल. अहिरवार को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कलेक्टर जैसवाल के प्रस्ताव पर श्रीवास्तव ने यह कार्रवाई की। दंपती से मारपीट की घटना 17 अप्रैल की बताई जा रही है। 77 वर्षीय उद्धव लाल जोशी अपनी 70 वर्षीय पत्नी का इलाज कराने नौगांव से जिला अस्पताल छतरपुर आए थे। अस्पताल में मौजूद डॉक्टर राजेश मिश्रा द्वारा दंपती के साथ अभद्रता और मारपीट की गई। जोशी के साथ मारपीट कर उन्हें घसीटा गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
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सिविल सर्जन ने रिपोर्ट समय पर नहीं दी थी
कलेक्टर ने तत्काल सिविल सर्जन डॉ. जी.एल.अहिरवार को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्देशों के बावजूद रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं करने को प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कलेक्टर ने पूछा है कि उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। इसके बाद राज्य शासन ने अहिरवार को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।  मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम छतरपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर तुरंत प्रतिवेदन मांगा गया था। जांच में पाया गया कि डॉक्टर राजेश मिश्रा एवं रेडक्रॉस कर्मचारी राजेंद्र खरे द्वारा मरीज के साथ अनुचित व्यवहार किया गया। इस आधार पर कलेक्टर ने मिशन संचालक भोपाल को अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा था।

कदाचरण माना गया
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संविदा मानव संसाधन नीति 2025 के अंतर्गत डॉ. मिश्रा के कृत्य को कदाचरण की श्रेणी में माना गया है। मिशन संचालक डॉ. सलौनी सिडाना ने डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह कृत्य मिशन की छवि को धूमिल करने वाला है और इसके लिए डॉक्टर स्वयं जिम्मेदार हैं।

एफआईआर दर्ज
इसी मामले में डॉक्टर राजेश मिश्रा के खिलाफ नौगांव थाना में बीएनएस की धाराओं 115(2), 296, 3(5), 351(3) के तहत जीरो पर एफआईआर दर्ज कर प्रकरण को कोतवाली छतरपुर स्थानांतरित कर दिया गया है।
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