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MP News: सौरभ शर्मा मामले में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ किसके? तीन माह बाद भी तीन जांच एजेंसियां खाली हाथ

न्यूज डेस्क, भोपाल, मध्य प्रदेश Published by: आनंद पवार Updated Sun, 16 Mar 2025 07:47 PM IST
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सार

परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के आवासीय परिसर पर छापेमारी के बाद एक फॉर्म हाउस पर खड़ी कार में मिले 52 किलो सोने और 11 करोड़ नकद को लेकर तीन जांच एजेंसियां तीन माह बाद भी खाली हाथ हैं। इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। 

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सौरभ शर्मा - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के करोड़पति पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और ऑफिस पर छापे के बाद मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकदी किसका है, इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। तीन माह से मामले की जांच कर रही लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग की टीम अभी भी खाली हाथ है। तीनों एजेंसियों ने जेल में बंद सौरभ शर्मा और उसके करीबी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौड़ से पूछताछ के बाद भी कुछ पता नहीं लगा पाई है। 
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तीनों ने किया इनकार, चेतन ने कबूला कार उसकी
तीनों ने ही सोना और नकदी से संबंध होने से इंकार किया है। हालांकि, चेतन सिंह गौर यह स्वीकार कर चुका है कि जिस गाड़ी में सोना और नकदी मिली है, वह उसके नाम पर रजिस्टर्ड है, लेकिन उसका उपयोग सौरभ शर्मा करता था। हालांकि, अब एजेंसियां सीसीटीवी फुटेज से इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास कर रही है। साथ ही यह भी जवाब ढूंढा जा रहा है कि सोना और नकदी कहां से प्राप्त की और इसे कहां भेजा जा रहा था। बता दें, इस मामले में लोकायुक्त ने मामले में सौरभ शर्मा, उसकी पत्नी दिव्या शर्मा के साथ ही शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर को आरोपी बनाया है। 
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सड़क से सदन तक गूंजेगा मुद्दा-कटारे 
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने अब परिवहन विभाग के कई अधिकारियों को निशाना पर लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि परिवहन घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं! मेरे पास पुख्ता जानकारी है कि परिवहन विभाग के कई अधिकारियों और आरटीआई/आरटीओ ने बिना अनुमति या फर्जी अनुमति के विदेश यात्राएं कीं। दुबई और आसपास के देशों में इन अधिकारियों का आना-जाना किस मकसद से हुआ? किसने सौरभ शर्मा को वहां स्थापित करने में मदद की? सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकारी नौकरी में रहते हुए इतनी बेहिसाब संपत्ति कैसे अर्जित की गई? बच्चे अमेरिका में पढ़ रहे हैं, खुद विदेशी दौरों का आनंद ले रहे हैं, और जनता को जवाबदेही से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि अब इन सवालों के जवाब देने का वक्त आ गया है! जनता जानना चाहती है- यह धन कहां से आया? कौन से भ्रष्टाचार के रास्तों से विदेशों में निवेश किया गया? जवाब देना होगा और अगर जवाब नहीं दिया गया, तो सवाल सड़क से सदन तक गूंजेगा! जवाबदेही तय होगी और भ्रष्टाचार की हर परत बेनकाब होगी।
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