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MP News: हरित ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम: सीएम डॉ. यादव बोले-मध्यप्रदेश बनेगा ग्रीन एनर्जी का हब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 12 Nov 2025 09:49 PM IST
सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हरित ऊर्जा मध्यप्रदेश के भविष्य की दिशा तय करेगी। उन्होंने रिलायंस ग्रीन एनर्जी कंपनी के भोपाल, इंदौर और सतना में बने तीन कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए कहा कि यह “कचरे से ऊर्जा” बनाने की बड़ी पहल है।
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सीएम डॉ. मोहन यादव अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हरित ऊर्जा आज की जरूरत है और इसी दिशा में मध्यप्रदेश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिलायंस ग्रीन एनर्जी कंपनी द्वारा भोपाल, इंदौर और सतना में स्थापित तीन कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) प्लांट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ये अत्याधुनिक संयंत्र “कचरे से ऊर्जा” बनाने का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इससे पराली जलाने जैसी घटनाओं में कमी आएगी और प्रदूषण भी घटेगा। उन्होंने कहा कि निजी भागीदारी के साथ राज्य सरकार मध्यप्रदेश को हरित ऊर्जा का हब बनाएगी।
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उन्होंने बताया कि इन तीनों संयंत्रों का भूमिपूजन वर्ष 2023-24 में किया गया था और अब उनका लोकार्पण हो गया है। रिलायंस कंपनी द्वारा प्रदेश में कुल 6 संयंत्रों की स्थापना की जा रही है, जिनमें लगभग 700 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इनकी संयुक्त उत्पादन क्षमता 45 हजार टन प्रतिवर्ष है। इन संयंत्रों से हर साल लगभग 17 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। भोपाल के आदमपुर छावनी क्षेत्र में बने मध्यप्रदेश के सबसे बड़े CBG प्लांट से प्रतिदिन 22.5 टन बायोगैस का उत्पादन होगा। इसके लिए 260 टन कृषि अवशेष, पराली और नेपियर घास का उपयोग किया जाएगा। इस प्लांट से लगभग 2000 वाहनों को बायो-CNG ईंधन उपलब्ध होगा और 250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
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यह संयंत्र “जीरो लिक्विड डिस्चार्ज” तकनीक पर आधारित है और पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल है। इसमें भारत और जर्मनी की संयुक्त तकनीक का उपयोग किया गया है। प्लांट से प्रतिदिन 90 टन जैविक खाद (Fermented Organic Manure) तैयार होगी, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय मिलेगी और मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी। रिलायंस कंपनी जल्द ही जबलपुर, बालाघाट और सीहोर में भी ऐसे संयंत्र शुरू करेगी। पहले चरण में 100 संयंत्र लगाने की योजना है, जिनसे 500 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वेस्ट टू वेल्थ” और “नेट जीरो कार्बन एमिशन” विज़न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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उन्होंने बताया कि इन तीनों संयंत्रों का भूमिपूजन वर्ष 2023-24 में किया गया था और अब उनका लोकार्पण हो गया है। रिलायंस कंपनी द्वारा प्रदेश में कुल 6 संयंत्रों की स्थापना की जा रही है, जिनमें लगभग 700 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इनकी संयुक्त उत्पादन क्षमता 45 हजार टन प्रतिवर्ष है। इन संयंत्रों से हर साल लगभग 17 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। भोपाल के आदमपुर छावनी क्षेत्र में बने मध्यप्रदेश के सबसे बड़े CBG प्लांट से प्रतिदिन 22.5 टन बायोगैस का उत्पादन होगा। इसके लिए 260 टन कृषि अवशेष, पराली और नेपियर घास का उपयोग किया जाएगा। इस प्लांट से लगभग 2000 वाहनों को बायो-CNG ईंधन उपलब्ध होगा और 250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
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यह संयंत्र “जीरो लिक्विड डिस्चार्ज” तकनीक पर आधारित है और पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल है। इसमें भारत और जर्मनी की संयुक्त तकनीक का उपयोग किया गया है। प्लांट से प्रतिदिन 90 टन जैविक खाद (Fermented Organic Manure) तैयार होगी, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय मिलेगी और मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी। रिलायंस कंपनी जल्द ही जबलपुर, बालाघाट और सीहोर में भी ऐसे संयंत्र शुरू करेगी। पहले चरण में 100 संयंत्र लगाने की योजना है, जिनसे 500 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वेस्ट टू वेल्थ” और “नेट जीरो कार्बन एमिशन” विज़न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।