{"_id":"6846f2f4c85aad8124009410","slug":"mp-news-finance-minister-deora-said-there-is-no-fake-employee-the-system-told-the-salary-was-stuck-due-to-d-2025-06-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP News: वित्त मंत्री देवड़ा बोले- कोई फर्जी कर्मचारी नहीं, डाटा अपडेट में देरी से सिस्टम ने बताया अटका वेतन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: वित्त मंत्री देवड़ा बोले- कोई फर्जी कर्मचारी नहीं, डाटा अपडेट में देरी से सिस्टम ने बताया अटका वेतन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Mon, 09 Jun 2025 08:29 PM IST
सार
मध्यप्रदेश में लगभग 50 हजार सरकारी कर्मचारियों के वेतन आहरण में देरी को लेकर उठे सवालों पर अब सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि जांच में किसी भी कर्मचारी को संदिग्ध नहीं पाया गया है, और न ही किसी को नियम विरुद्ध वेतन या लाभ प्राप्त हुआ है। देरी का मुख्य कारण डीडीओ द्वारा समय पर कर्मचारियों के डाटा का अपडेट न किया जाना है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विज्ञापन
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
प्रदेश के 44 हजार से अधिक कर्मचारियों का वेतन आहरित नहीं होने के मामले में अब सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि जांच में कोई भी कर्मचारी संदिग्ध नहीं पाया गया है और न ही किसी को नियम विरुद्ध लाभ मिला है। देरी का मुख्य कारण डाटा अपडेट में लापरवाही रही है। उन्होंने सभी डीडीओ को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आगे से डाटा अपडेशन में किसी भी प्रकार की देरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपमुख्यमंत्री देवड़ा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के डाटा का सत्यापन एवं क्लीनिंग एक सतत प्रक्रिया है, जिसके तहत मृतक, प्रतिनियुक्ति पर गए, त्यागपत्र दे चुके या सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विवरण समय-समय पर अपडेट किए जाते हैं। इस प्रक्रिया के तहत अभी तक किसी भी कर्मचारी को नियमों के विपरीत वेतन भुगतान या लाभ प्राप्त होने की पुष्टि नहीं हुई है।
क्यों नहीं निकला वेतन?
स्टेट फाइनेंशियल इंटेलिजेंस सेल (एसएफआईसी) द्वारा आईएफएमआईएस प्रणाली के डाटा विश्लेषण में यह सामने आया था कि 36,026 नियमित तथा 8,784 गैर-नियमित कर्मचारियों का वेतन अप्रैल तक आहरित नहीं हुआ था। इस पर शासन ने विस्तृत कारणों की जांच कराई, जिसमें पाया गया कि इनमें से अधिकांश कर्मचारी सेवानिवृत्त, मृत, प्रतिनियुक्ति पर या त्यागपत्र देने वाले थे, जिनकी जानकारी डीडीओ द्वारा समय पर अपडेट नहीं की गई थी। देवड़ा ने कहा कि डाटा क्लीनिंग पूरी होने के बाद IFMIS NEXT GEN में डाटा माइग्रेशन अधिक सटीक और पारदर्शी तरीके से होगा। इससे फर्जी या गलत डाटा एंट्री की संभावना समाप्त होगी और वास्तविक समय पर शुद्ध वेतन भुगतान संभव होगा।
डीडीओ को चेतावनी, देरी की तो तय होगी जिम्मेदारी
राज्य शासन ने सभी डीडीओ को निर्देश दिए हैं कि वे एम्प्लाई कोड के समक्ष उपयुक्त फ्लैगिंग करें और एग्जिट एंट्री जैसी प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी करें। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि डाटा अपडेट में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को नियमों के विरुद्ध आर्थिक लाभ नहीं मिला है। यह मामला प्रक्रियागत लापरवाही का है, जिसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
वेतन के 230 करोड़ अटके पड़े रहे
बता दें, मध्य प्रदेश में करीब 50 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी दिसंबर 2024 से अब तक कोषालय से जारी नहीं की गई है, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में इनके कोड एक्टिव थे। ऐसे में 230 करोड़ रुपये का वेतन बजट खजाने में अटका पड़ा रहा, जिसे कभी भी आहरित किया जा सकता है। इस मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए। इसे 230 करोड़ का घोटाला बताया जा रहा था।
Trending Videos
क्यों नहीं निकला वेतन?
स्टेट फाइनेंशियल इंटेलिजेंस सेल (एसएफआईसी) द्वारा आईएफएमआईएस प्रणाली के डाटा विश्लेषण में यह सामने आया था कि 36,026 नियमित तथा 8,784 गैर-नियमित कर्मचारियों का वेतन अप्रैल तक आहरित नहीं हुआ था। इस पर शासन ने विस्तृत कारणों की जांच कराई, जिसमें पाया गया कि इनमें से अधिकांश कर्मचारी सेवानिवृत्त, मृत, प्रतिनियुक्ति पर या त्यागपत्र देने वाले थे, जिनकी जानकारी डीडीओ द्वारा समय पर अपडेट नहीं की गई थी। देवड़ा ने कहा कि डाटा क्लीनिंग पूरी होने के बाद IFMIS NEXT GEN में डाटा माइग्रेशन अधिक सटीक और पारदर्शी तरीके से होगा। इससे फर्जी या गलत डाटा एंट्री की संभावना समाप्त होगी और वास्तविक समय पर शुद्ध वेतन भुगतान संभव होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
डीडीओ को चेतावनी, देरी की तो तय होगी जिम्मेदारी
राज्य शासन ने सभी डीडीओ को निर्देश दिए हैं कि वे एम्प्लाई कोड के समक्ष उपयुक्त फ्लैगिंग करें और एग्जिट एंट्री जैसी प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी करें। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि डाटा अपडेट में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को नियमों के विरुद्ध आर्थिक लाभ नहीं मिला है। यह मामला प्रक्रियागत लापरवाही का है, जिसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
वेतन के 230 करोड़ अटके पड़े रहे
बता दें, मध्य प्रदेश में करीब 50 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी दिसंबर 2024 से अब तक कोषालय से जारी नहीं की गई है, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में इनके कोड एक्टिव थे। ऐसे में 230 करोड़ रुपये का वेतन बजट खजाने में अटका पड़ा रहा, जिसे कभी भी आहरित किया जा सकता है। इस मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए। इसे 230 करोड़ का घोटाला बताया जा रहा था।