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MP News: चुनाव के लिए हर वक्त तैयार हूं उमा बोली- व्यापमं घोटाले के दौरान उनका नाम घसीटने का प्रयास किया गया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Sat, 19 Jul 2025 06:47 PM IST
सार
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए साफ कहा कि वे आज भी चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं और भाजपा की निष्ठावान सिपाही हैं। उन्होंने राजनीति में शुचिता की तारीफ की, लेकिन अफसरशाही में भ्रष्टाचार पर चिंता जताई। साथ ही गंगा, गौमाता और शराबबंदी को लेकर अपने जीवनभर के संघर्ष को दोहराया। व्यापमं प्रकरण में अपना नाम घसीटे जाने को लेकर उन्होंने पीड़ा जाहिर की और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की शराबबंदी को लेकर सराहना की।
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पूर्व सीएम उमा भारती (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि राजनीति में अब शुचिता आ चुकी है, लेकिन अफसरशाही में इसकी अभी भी भारी कमी है। उन्होंने कहा कि अगर अफसरशाही में भी राजनीतिक शुचिता जैसा व्यवहार आ जाए, तो देश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भी पारदर्शिता और जनसेवा की भावना से कार्य करना चाहिए। अपने राजनीतिक भविष्य पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे अब भी चुनाव लड़ने और किसी भी भूमिका के लिए तैयार हैं, यदि पार्टी आदेश देती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भाजपा की निष्ठावान सिपाही हैं और पार्टी का नेतृत्व चाहे जो भी हो, वह उनके साथ खड़ी रहेंगी।
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व्यापमं घोटाले में नाम घसीटा गया
उमा भारती ने कहा कि उन्हें पहली बार 1990 से 1992 के बीच प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी, जब उनके भाइयों पर लूट, डकैती और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे थे। उन्होंने बताया कि ये सभी आरोप झूठे साबित हुए और सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। इसके बाद 2013 में व्यापमं घोटाले के दौरान उनका नाम घसीटने का प्रयास किया गया, जो उनके लिए मानसिक प्रताड़ना से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरी मां की मृत्यु के बाद इस तरह का आरोप लगना सबसे पीड़ादायक था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मेरा नाम इसलिए जोड़ा गया ताकि असली दोषियों को बचाया जा सके?
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राजनीति में सक्रिय, लेकिन परिवार से दूरी
उन्होंने कहा कि वह अब अपने परिवार से पूरी तरह अलग हो रही हैं और जीवन के शेष हिस्से को गंगा, गौमाता और शराबबंदी जैसे सामाजिक अभियानों को समर्पित करेंगी। उन्होंने दोहराया कि इन तीनों मुद्दों पर उनका संघर्ष आजीवन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी और अमित शाह उनसे नाराज नहीं रहते और भाजपा से कोई उन्हें अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद की चर्चा में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया क्योंकि अब वे शारीरिक रूप से सक्रिय भूमिका नहीं निभा सकतीं।
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शराबबंदी की दिशा में प्रयासों को सराहा
उमा भारती ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें 'महाकाल का प्रसाद' बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यादव ने कई जगहों पर शराबबंदी लागू की है, जो सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जबकि राजनीतिक स्तर पर शुचिता आ चुकी है। अब जरूरत है कि प्रशासनिक ढांचे में भी इसी तरह की ईमानदारी और पारदर्शिता लाई जाए।
संघ के 75 वर्ष के रिटायरमेंट फॉर्मूले पर टिप्पणी से इनकार
75 वर्ष की उम्र के बाद राजनीति से रिटायरमेंट की संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर उमा भारती ने कहा कि मेरी उम्र अभी 75 वर्ष नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस बयान को लेकर जो बातें फैल रही हैं, वे पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने इस विषय पर कोई सीधी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह रिटायरमेंट तकनीकी रूप से कुर्सी से जुड़ा है, ज्ञान से नहीं। उन्होंने कहा कि जैसे डॉक्टर, कलाकार, लेखक रिटायर्ड नहीं होते, वैसे ही राजनेता भी जनता की जरूरत पर खड़े होते हैं।
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व्यापमं घोटाले में नाम घसीटा गया
उमा भारती ने कहा कि उन्हें पहली बार 1990 से 1992 के बीच प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी, जब उनके भाइयों पर लूट, डकैती और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे थे। उन्होंने बताया कि ये सभी आरोप झूठे साबित हुए और सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। इसके बाद 2013 में व्यापमं घोटाले के दौरान उनका नाम घसीटने का प्रयास किया गया, जो उनके लिए मानसिक प्रताड़ना से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरी मां की मृत्यु के बाद इस तरह का आरोप लगना सबसे पीड़ादायक था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मेरा नाम इसलिए जोड़ा गया ताकि असली दोषियों को बचाया जा सके?
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उन्होंने कहा कि वह अब अपने परिवार से पूरी तरह अलग हो रही हैं और जीवन के शेष हिस्से को गंगा, गौमाता और शराबबंदी जैसे सामाजिक अभियानों को समर्पित करेंगी। उन्होंने दोहराया कि इन तीनों मुद्दों पर उनका संघर्ष आजीवन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मोदी और अमित शाह उनसे नाराज नहीं रहते और भाजपा से कोई उन्हें अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद की चर्चा में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया क्योंकि अब वे शारीरिक रूप से सक्रिय भूमिका नहीं निभा सकतीं।
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शराबबंदी की दिशा में प्रयासों को सराहा
उमा भारती ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें 'महाकाल का प्रसाद' बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यादव ने कई जगहों पर शराबबंदी लागू की है, जो सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जबकि राजनीतिक स्तर पर शुचिता आ चुकी है। अब जरूरत है कि प्रशासनिक ढांचे में भी इसी तरह की ईमानदारी और पारदर्शिता लाई जाए।
संघ के 75 वर्ष के रिटायरमेंट फॉर्मूले पर टिप्पणी से इनकार
75 वर्ष की उम्र के बाद राजनीति से रिटायरमेंट की संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर उमा भारती ने कहा कि मेरी उम्र अभी 75 वर्ष नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस बयान को लेकर जो बातें फैल रही हैं, वे पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने इस विषय पर कोई सीधी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह रिटायरमेंट तकनीकी रूप से कुर्सी से जुड़ा है, ज्ञान से नहीं। उन्होंने कहा कि जैसे डॉक्टर, कलाकार, लेखक रिटायर्ड नहीं होते, वैसे ही राजनेता भी जनता की जरूरत पर खड़े होते हैं।