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MP News: ऑर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस (एआई) से होगी अवैध खनन की निगरानी, प्रदेश की 7502 खदानों की हुई जियो टेगिंग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 27 Apr 2025 06:50 AM IST
सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिये नवीन तकनीक एआई पर आधारित मानव-रहित चेक-गेट पूरे प्रदेश में स्थापित की जा रही है। प्रदेश में 41 ऐसे स्थल चिन्हांकित किये गये हैं, जहां से खनिज परिवहन करने वाले वाहनों का सर्वाधिक आगमन होता है। 

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MP News: Illegal mining will be monitored through Artificial Intelligence (AI), 7502 mines of the state have b
एआई से खनन भंडारण और परिवहन की निगरानी - फोटो : AI
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विस्तार
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मध्य प्रदेश में अवैध खनन भंडारण एवं परिवहन की रोकथाम के लिये ऑर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस (एआई)का उपयोग कर खनन निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है। इस प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश की समस्त स्वीकृत 7502 खदानों की जियो टेगिंग कर खदान क्षेत्र का सीमांकन किया जा चुका है। सैटेलाइट इमेज एवं रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी की सहायता से प्रदेश में हो रहे अवैध उत्खनन एवं भंडारण पर निगरानी रखी जायेगी। यह प्रणाली खदान क्षेत्र के बाहर हो रहे अवैध उत्खनन का पता लगाने में सक्षम होगी। इसके अंतर्गत एक निश्चित समय अंतराल पर सतत रूप से प्राप्त सेटेलाइट इमेजेस का विश्लेषण कर सिस्टम द्वारा राज्य एवं जिला प्रशासन को अलर्ट भेजे जायेंगे। क्षेत्रीय अमले द्वारा मोबाइल ऐप से परीक्षण एवं निरीक्षण कर पोर्टल अथवा मोबाइल ऐप पर रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया जायेगा। आवश्यकता पड़ने पर खदान या उसके बाहर ड्रोन सर्वे कर वॉल्युमेट्रिक एनालिसिस से वास्तविक उत्खनित मात्रा का पता लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कर अर्थदण्ड अधिरोपित करने की परियोजना भी प्रक्रियाधीन है।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिये नवीन तकनीक एआई पर आधारित मानव-रहित चेक-गेट पूरे प्रदेश में स्थापित की जा रही है। प्रदेश में 41 ऐसे स्थल चिन्हांकित किये गये हैं, जहां से खनिज परिवहन करने वाले वाहनों का सर्वाधिक आगमन होता है। चेक-गेट स्थापित करने के लिये टेण्डर के माध्यम से रेल टेल कॉर्पोरेशन को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल के आस-पास 4 स्थानों पर ई-चेकगेट स्थापित किये गये हैं। निगरानी के लिये राज्य स्तर पर भोपाल में कमाण्ड एवं कंट्रोल सेंटर और जिला स्तर पर भोपाल एवं रायसेन में जिला स्तरीय कमाण्ड सेंटर स्थापित किया गया है। ई-चेकगेट में वेरीफोकल कैमरा, आर.एफ.आई.डी. रीडर, ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडर की सहायता से खनिज परिवहन में संलग्न वाहन की जाँच के प्रावधान हैं।
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प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के अंतर्गत विभाग की गतिविधियों को ऑनलाइन करने के लिये एनआईसी द्वारा वेब पोर्टल (ई-खनिज) बनाया गया है। ई-खनिज पोर्टल को परिवहन विभाग के पोर्टल साथ लिंक किया गया है। इससे पट्टेदार/ट्रांसपोर्टर खनिज परिवहन करने के लिये ऑनलाइन वाहनों का रजिस्ट्रेशन ई-खनिज पोर्टल पर कर सकते हैं। डिजिटल इण्डिया अंतर्गत विभाग द्वारा ई-खनिज पोर्टल से खनिजों के परिवहन के लिये ऑनलाइन परिवहन पारपत्र (e-TP) की सेवाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत कोई भी पट्टेदार रॉयल्टी एवं अन्य राशि का भुगतान करने के बाद ई-टीपी प्राप्त कर सकता है। खनिजों के परिवहन में संलग्न वाहनों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है।

प्रदेश के 55 जिलों में ई-खनिज पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ई-टीपी सेवाओं को लागू किया जा चुका है। ई-टीपी की व्यवस्था लागू होने से पट्टेदार द्वारा ऑनलाइन रॉयल्टी का भुगतान किया जा रहा है। खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये खनिज परिवहन किये जाने वाले वाहनों का ई-रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। नवीन पोर्टल ई-खनिज 2.0 सुशासन से एवं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत विभिन्न प्रक्रियाओं को सरलीकृत किया जा रहा है। पट्टेदारों एवं नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिये ऑनलाइन प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराया जायेगा।
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