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MP News: बांग्लादेश की व्यथा पर MCU की पहल का विमोचन कल, छात्रों ने किया गहन शोध, मानवीय पीड़ा का दस्तावेजीकरण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sun, 14 Dec 2025 09:22 PM IST
सार
एमसीयू के जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने बांग्लादेश की व्यथा पर केंद्रित प्रायोगिक अख़बार ‘पहल’ का विशेषांक तैयार किया है। आठ पृष्ठों के इस शोधपूर्ण अंक का विमोचन 15 दिसंबर को बांग्लादेश विजय दिवस की पूर्व संध्या पर किया जाएगा
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एमसीयू भोपल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बांग्लादेश विजय दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने अपने प्रायोगिक अखबार ‘पहल’ का विशेषांक बांग्लादेश की व्यथा को समर्पित किया है। आठ पृष्ठों का यह विशेषांक बांग्लादेश के अतीत, वर्तमान हालात, सामाजिक-राजनीतिक उथल-पुथल और मानवीय संकट को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। इस विशेषांक का विमोचन बांग्लादेश विजय दिवस की पूर्व संध्या पर 15 दिसंबर को अपरान्ह 3 बजे विश्वविद्यालय परिसर स्थित तक्षशिला भवन के लता मंगेशकर सभागार में होगा। कार्यक्रम में बीबीसी के पूर्व पत्रकार सलमान रावी और बंगाली एसोसिएशन के महासचिव सलिल चटर्जी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और ‘पहल’ का लोकार्पण करेंगे।
विद्यार्थियों ने एक माह तक गहन शोध किया
एमसीयू के मीडिया हेड डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस विशेषांक को तैयार करने में 50 से अधिक विद्यार्थियों ने लगभग एक माह तक गहन शोध किया। विद्यार्थियों ने बांग्लादेश के अतीत और वर्तमान से जुड़े संदर्भों का अध्ययन किया, 10 से अधिक पुस्तकों को खंगाला और ढाका, कोलकाता, दिल्ली सहित देशभर के 12 विशेषज्ञों से राजनीतिक, आर्थिक और मजहबी मुद्दों पर विस्तृत साक्षात्कार किए।
यह भी पढ़ें-भोपाल में IAS संतोष वर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल
मानवीय संवेदना के साथ प्रस्तुत किया गया
विशेषांक में बांग्लादेश की स्थिति को केवल ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कश्मीर और अब बांग्लादेश जैसे क्षेत्रों में अपने पूर्वजों की भूमि से लगातार विस्थापित हो रहे भारतीय समुदाय की पीड़ा को भी रेखांकित किया गया है। विद्यार्थियों ने रिपोर्ट, विश्लेषण और फीचर के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे राजनीतिक और मजहबी तनाव आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें-वर्ल्ड चैंपियन बेटियों का भोपाल में सम्मान, खेल मंत्री ने कहा-MP की खेल ताकत का प्रतीक हैं ये खिलाड़ी
तथ्यपरक पत्रकारिता का उदाहरण
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, एमसीयू में यह पहली बार है जब किसी ज्वलंत अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर विद्यार्थियों ने इतना शोधपूर्ण और व्यापक प्रायोगिक प्रकाशन तैयार किया है। ‘पहल’ का यह विशेषांक न केवल अकादमिक अभ्यास का हिस्सा है, बल्कि संवेदनशील, जिम्मेदार और तथ्यपरक पत्रकारिता का उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
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विद्यार्थियों ने एक माह तक गहन शोध किया
एमसीयू के मीडिया हेड डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस विशेषांक को तैयार करने में 50 से अधिक विद्यार्थियों ने लगभग एक माह तक गहन शोध किया। विद्यार्थियों ने बांग्लादेश के अतीत और वर्तमान से जुड़े संदर्भों का अध्ययन किया, 10 से अधिक पुस्तकों को खंगाला और ढाका, कोलकाता, दिल्ली सहित देशभर के 12 विशेषज्ञों से राजनीतिक, आर्थिक और मजहबी मुद्दों पर विस्तृत साक्षात्कार किए।
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मानवीय संवेदना के साथ प्रस्तुत किया गया
विशेषांक में बांग्लादेश की स्थिति को केवल ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कश्मीर और अब बांग्लादेश जैसे क्षेत्रों में अपने पूर्वजों की भूमि से लगातार विस्थापित हो रहे भारतीय समुदाय की पीड़ा को भी रेखांकित किया गया है। विद्यार्थियों ने रिपोर्ट, विश्लेषण और फीचर के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे राजनीतिक और मजहबी तनाव आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।
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तथ्यपरक पत्रकारिता का उदाहरण
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, एमसीयू में यह पहली बार है जब किसी ज्वलंत अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर विद्यार्थियों ने इतना शोधपूर्ण और व्यापक प्रायोगिक प्रकाशन तैयार किया है। ‘पहल’ का यह विशेषांक न केवल अकादमिक अभ्यास का हिस्सा है, बल्कि संवेदनशील, जिम्मेदार और तथ्यपरक पत्रकारिता का उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

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