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MP News: चार महीने की जांच के बाद जिंदल अस्पताल के प्रबंधक, सर्जन-नर्सिंग स्टाफ पर FIR, महिला की हुई थी मौत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: उदित दीक्षित
Updated Sat, 06 Sep 2025 12:42 PM IST
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सार
चार महीने पहले भोपाल के जिंदल अस्पताल में इलाज के दौरान बरती लापरवाही से 25 वर्षीय महिला की मौत हो गई। महिला ने तड़पते-तड़पते दम तोड़ दिया था। मामले में अब पुलिस ने केस दर्ज किया है।

घुटने के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी महिला।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भोपाल की अयोध्यानगर पुलिस ने जिंदल अस्पताल के प्रबंधक, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और एचडीयू वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह एफआईआर इलाज के दौरान हुई महिला की मौत के चार महीने चली जांच के बाद हुई है। जांच में कहा गया कि रात करीब पौने दो बजे नर्स ने महिला को एक इंजेक्शन दिया था, जिसके बाद उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई।

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अयोध्यानगर थाने के एसआई सुनील देशमुख ने बताया कि छोला निवासी 25 वर्षीय शालू यादव को गत 1 मई को अयोध्यानगर बायपास स्थित जिंदल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई। मर्ग की जांच में पाया गया कि शालू के घुटने में पुरानी चोट थी, जिसमें मवाद बन रहा था। शालू के परिजनों ने जिंदल अस्पताल में जांच कराई, जहां उन्हें बताया गया कि घुटने की सर्जरी करने से मवाद बनना बंद हो जाएगा और दर्द भी खत्म हो जाएगा। इसी वजह से शालू को भर्ती कराया गया। शाम 5 बजे शालू का घुटने का ऑपरेशन किया गया और उसके बाद उसे एचडीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया। रात 1 बजकर 37 मिनट पर एक नर्स ने उन्हें इंजेक्शन दिया और वहां से चली गई। नर्स के जाने के बाद पूरे एचडीयू वार्ड में न तो कोई ड्यूटी डॉक्टर था और न ही कोई नर्सिंग स्टाफ।
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इंजेक्शन लगाने के बाद बिगड़ी तबियत
इंजेक्शन लगने के थोड़े ही समय बाद शालू की तबियत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। मौत से पहले वह तड़पती रही, लेकिन वार्ड में किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। सुबह करीब 4 बजे जब शालू की मां वार्ड में पहुंची, तो उन्होंने देखा कि शालू का शरीर बिल्कुल स्थिर था। उन्होंने जोर-जोर से आवाज लगाई, तब स्टाफ वहां पहुंचा। उन्हें CPR दिया गया, लेकिन तब तक शालू की मौत हो चुकी थी।
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फुटेज और डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
जांच के दौरान पुलिस ने एचडीयू वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे, जिसमें स्पष्ट रूप से दिखा कि शालू तड़प रही थी, लेकिन उस समय वार्ड में कोई ड्यूटी डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ मौजूद नहीं था। गलत इलाज की पुष्टि के लिए पुलिस ने जेपी अस्पताल से अभिमत मांगा। जेपी अस्पताल के डॉक्टरों की समिति ने सभी कागजात देखने के बाद बताया कि इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई, जिससे मरीज की मौत हुई। फुटेज और समिति की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जिंदल अस्पताल के प्रबंधक, सर्जन शुभम उपाध्याय, ऑन-ड्यूटी डॉक्टर तथा नर्स के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
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