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कफ सिरप कांड: चेन्नई में ईडी की बड़ी कार्रवाई, जी. रंगनाथन और उनके परिवार की 2.04 करोड़ रुपये की कुर्क
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Thu, 04 Dec 2025 03:23 PM IST
सार
कुर्क की गई संपत्तियों में चेन्नई के कोडंबक्कम स्थित दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं, जिन्हें पीएमएलए 2002 के तहत अस्थायी रूप से अटैच किया गया है। एमपी और चेन्नई पुलिस की एफआईआर के आधार पर हुई कार्रवाई में खुलासा हुआ कि कंपनी के कफ सिरप में जहरीला ग्लाइकोल मिला था।
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कफ़ सिरप कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छिंदवाड़ा में मिलावटी कफ सिरप पीने से 20 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। ईडी ने कफ सिरप बनाने वाली कंपनी मैसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर के मालिक जी. रंगनाथन और उनके परिवार से जुड़ी 2.04 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है। ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक कुर्क की गई अचल संपत्तियों में चेन्नई के कोडंबक्कम स्थित दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं। इन संपत्तियों को पीएमएलए 2002 के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है।
दो एफआईआर के आधार पर कार्रवाई
ईडी ने यह कार्रवाई एमपी पुलिस और चेन्नई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की है। छिंदवाड़ा में दर्ज एफआईआर में आरोप है कि कंपनी द्वारा बनाए गए कोल्ड्रिफ कफ सिरप में जहरीला ग्लाइकोल मिला हुआ था। इस जहरीले सिरप के सेवन के बाद बच्चों में किडनी फेल होने की कई घटनाएं सामने आई थीं। जांच एजेंसियों का कहना है कि कफ सिरप के सेवन से छिंदवाड़ा जिले में 20 से अधिक बच्चों की मौत हुई। इसी के चलते कंपनी मालिक जी. रंगनाथन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS-2023) की धारा 105 (पहले आईपीसी की 304) के तहत गंभीर मामला दर्ज किया गया है।
ये भी पढ़ें- इंटरनेशनल चीता दिवस: कूनो नेशनल पार्क में तीन चीतों को छोड़ेंगे CM मोहन यादव, पार्क में हैं कुल 29 चीते
मिलावटी सिरप की वजह से मौतें, कार्रवाई तेज
जांच में सामने आया कि कंपनी द्वारा बनाया गया सिरप गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा। बच्चों की मौत के बाद सिरप के सैंपल जांचे गए, जिनमें जहरीले केमिकल ग्लाइकोल की पुष्टि हुई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और फूड एवं ड्रग्स विभाग के साथ-साथ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गईं।
ईडी अब खंगालेगी वित्तीय लेनदेन
संपत्ति कुर्क होने के बाद माना जा रहा है कि ईडी अब कंपनी के आर्थिक लेनदेन, बैंक खातों, मशीनरी खरीद और कच्चे माल की सप्लाई चेन की विस्तृत जांच करेगी। एजेंसी यह भी पता लगाएगी कि मुनाफे के लिए किस तरह मिलावटी दवा को बाजार में उतारा गया। छिंदवाड़ा के इस मामले ने एक बार फिर मिलावटखोरी और अवैध दवा निर्माण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ईडी की कार्रवाई के बाद अब इस पूरे नेटवर्क के उजागर होने की उम्मीद बढ़ गई है।
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दो एफआईआर के आधार पर कार्रवाई
ईडी ने यह कार्रवाई एमपी पुलिस और चेन्नई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की है। छिंदवाड़ा में दर्ज एफआईआर में आरोप है कि कंपनी द्वारा बनाए गए कोल्ड्रिफ कफ सिरप में जहरीला ग्लाइकोल मिला हुआ था। इस जहरीले सिरप के सेवन के बाद बच्चों में किडनी फेल होने की कई घटनाएं सामने आई थीं। जांच एजेंसियों का कहना है कि कफ सिरप के सेवन से छिंदवाड़ा जिले में 20 से अधिक बच्चों की मौत हुई। इसी के चलते कंपनी मालिक जी. रंगनाथन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS-2023) की धारा 105 (पहले आईपीसी की 304) के तहत गंभीर मामला दर्ज किया गया है।
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जांच में सामने आया कि कंपनी द्वारा बनाया गया सिरप गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा। बच्चों की मौत के बाद सिरप के सैंपल जांचे गए, जिनमें जहरीले केमिकल ग्लाइकोल की पुष्टि हुई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और फूड एवं ड्रग्स विभाग के साथ-साथ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गईं।
ईडी अब खंगालेगी वित्तीय लेनदेन
संपत्ति कुर्क होने के बाद माना जा रहा है कि ईडी अब कंपनी के आर्थिक लेनदेन, बैंक खातों, मशीनरी खरीद और कच्चे माल की सप्लाई चेन की विस्तृत जांच करेगी। एजेंसी यह भी पता लगाएगी कि मुनाफे के लिए किस तरह मिलावटी दवा को बाजार में उतारा गया। छिंदवाड़ा के इस मामले ने एक बार फिर मिलावटखोरी और अवैध दवा निर्माण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ईडी की कार्रवाई के बाद अब इस पूरे नेटवर्क के उजागर होने की उम्मीद बढ़ गई है।
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