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Chhindwara News:नौकरी बचाने चौथी संतान को दबा दिया पत्थरों के नीचे, गांव वालों ने बचाया
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Tue, 30 Sep 2025 09:15 PM IST
सार
चौथी संतान होने पर नौकरी जाने के डर से प्राथमिक शाला शिक्षक ने अपने पति के साथ तीन दिन के नवजात को जंगल में पत्थरों के नीचे दबा दिया। ग्रामीणों ने बच्चे को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया। अब मामला पुलिस के पास है।
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पत्थरों के नीचे दबाया नवजात, इनसेट में बेरहम मां-बाप
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और एम्बुलेंस टीम ने नवजात को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनोरा पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के शरीर पर चीटियों और अन्य कीड़ों के काटने के निशान थे और रातभर ठंड में रहने से संक्रमण भी हो गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया, जहां फिलहाल बच्चा सुरक्षित है।
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धनोरा पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी पिता बबलू डांडोलिया और मां राजकुमारी डांडोलिया मूलतः ग्राम सिधौली थाना तामिया निवासी हैं और वर्तमान में अमरवाड़ा में रह रहे थे। राजकुमारी नांदनवाड़ी प्राथमिक शाला में शिक्षक हैं। पूछताछ में सामने आया कि यह उनकी चौथी संतान थी। नौकरी जाने के डर से उन्होंने गर्भावस्था छुपाई और घर पर ही 23 सितंबर की रात 3 बजे प्रसव कराया।
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डिलीवरी के बाद जब राजकुमारी की तबीयत बिगड़ी तो उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरवाड़ा ले जाया गया। इलाज के बाद घर लौटने पर दोनों पति-पत्नी ने मिलकर बच्चे को जंगल में छोड़ने की षड्यंत्रकारी योजना बनाई।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को हल्के में लिया और सिर्फ धारा 93 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया, जबकि इस पर हत्या के प्रयास की धारा के तहत मामला दर्ज होना चाहिए था। उनका कहना है कि पुलिस केवल खानापूर्ति कर रही है और आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। धनोरा के लोगों ने चेतावनी दी है कि इस गंभीर घटना के खिलाफ वे शासन-प्रशासन को ज्ञापन देंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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