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कफ सिरप कांड: रंगनाथन की दस दिन की रिमांड के बाद भी SIT को नहीं मिला सबूत, जांच पर उठे सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Sat, 18 Oct 2025 07:39 PM IST
सार
पुलिस को कंपनी के आर्थिक लेनदेन और अन्य कागजात मिले हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं जो सीधे तौर पर रंगनाथन को बच्चों की मौतों से जोड़ सके। अब रंगनाथन को न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी है
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नकली कफ सिरप (सांकेतिक)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जिले में जहरीले कफ सिरप से हुई 24 बच्चों की मौतों के बाद पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित कर जांच शुरू की थी। शुरुआती दिनों में माना जा रहा था कि पुलिस की यह टीम जल्द ही कोई बड़ा खुलासा करेगी। आरोपी रंगनाथन को दस दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस ने गहन पूछताछ भी की, लेकिन जांच के दस दिन पूरे होने के बाद भी अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।
एसआईटी की टीम ने चेन्नई जाकर रंगनाथन के ठिकानों और कंपनी से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। टीम की गतिविधियों से यह उम्मीद जगी थी कि जांच में कुछ नया सामने आएगा, लेकिन अब तक की कार्रवाई औषधि विभाग की रिपोर्ट से आगे बढ़ती नहीं दिख रही। इससे लोगों में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पुलिस ने दस दिन की रिमांड में क्या पाया।
पुलिस और एसआईटी अधिकारी अब इस पूरे प्रकरण पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। सामान्य मामलों में मीडिया से खुलकर बात करने वाले अधिकारी इस बार लगातार बचते दिख रहे हैं। इससे जांच को लेकर संशय का माहौल बन गया है।
ये भी पढ़ें- भैंस की वजह से नवविवाहिता ने तेजाब पीकर दी जान, ससुराल वालों पर FIR दर्ज; जानें मामला
सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने जांच के दौरान कंपनी से जुड़े कई दस्तावेज और आर्थिक लेनदेन से संबंधित जानकारी जुटाई है, लेकिन अब तक कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जो सीधे तौर पर रंगनाथन को बच्चों की मौतों से जोड़ सके। लोगों का कहना है कि जिस तरह से जांच को हाई प्रोफाइल दिशा देने की कोशिश हुई, उससे उम्मीदें बढ़ी थीं, लेकिन अब ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ जैसी स्थिति बनती दिख रही है।
फिलहाल रंगनाथन को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है, जबकि जिले में लोग अब भी यह जानना चाहते हैं कि 24 मासूमों की मौत के पीछे की असल वजह और जिम्मेदार कौन है, इसका जवाब कब मिलेगा।
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एसआईटी की टीम ने चेन्नई जाकर रंगनाथन के ठिकानों और कंपनी से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। टीम की गतिविधियों से यह उम्मीद जगी थी कि जांच में कुछ नया सामने आएगा, लेकिन अब तक की कार्रवाई औषधि विभाग की रिपोर्ट से आगे बढ़ती नहीं दिख रही। इससे लोगों में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पुलिस ने दस दिन की रिमांड में क्या पाया।
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पुलिस और एसआईटी अधिकारी अब इस पूरे प्रकरण पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। सामान्य मामलों में मीडिया से खुलकर बात करने वाले अधिकारी इस बार लगातार बचते दिख रहे हैं। इससे जांच को लेकर संशय का माहौल बन गया है।
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सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने जांच के दौरान कंपनी से जुड़े कई दस्तावेज और आर्थिक लेनदेन से संबंधित जानकारी जुटाई है, लेकिन अब तक कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जो सीधे तौर पर रंगनाथन को बच्चों की मौतों से जोड़ सके। लोगों का कहना है कि जिस तरह से जांच को हाई प्रोफाइल दिशा देने की कोशिश हुई, उससे उम्मीदें बढ़ी थीं, लेकिन अब ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ जैसी स्थिति बनती दिख रही है।
फिलहाल रंगनाथन को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है, जबकि जिले में लोग अब भी यह जानना चाहते हैं कि 24 मासूमों की मौत के पीछे की असल वजह और जिम्मेदार कौन है, इसका जवाब कब मिलेगा।

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