मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में सात हार्ट मरीजों की मौत के आरोपी डॉ. एन जॉन कैम को आज कोर्ट में पेश किया गया। जहां, उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी डॉक्टर का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। अब पुलिस आरोपी डॉ. एन जॉन कैम से पूछताछ करेगी, इस दौरान कई बड़े खुलासे होंगे। अब तक की जांच में आरोपी की ज्यादातर डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं, उसकी एमबीबीएस की डिग्री की जांच की जा रही है। अगर, उसकी यह डिग्री भी फर्जी पाई जाती है तो आरोपी एन जॉन कैम द्वारा अब तक की गईं सभी सर्जरी गैरकानूनी मानी जाएंगी।
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दमोह में सात मरीजों की मौतों का जिम्मेदार माने जाने वाला फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम पांच दिन की पुलिस रिमांड पर है। वह जो वेबसाइट चलता था, उस पर कई बड़े दावे किए गए हैं। उसके अनुसार उसने अब तक 18,000 से अधिक जटिल कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी की हैं।
असली प्रोफेसर जॉन कैम क्या बोले?
आरोपी एन जॉन कैम सिर्फ एक फर्जी डॉक्टर ही नहीं है, बल्कि वह बड़ा शातिर भी है। उसने जिस विदेशी डॉक्टर की पहचान चुराई वह असल में प्रोफेसर जॉन कैम हैं। जॉन कैम लंदन के सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल कार्डियोलॉजी के एमेरिटस प्रोफेसर हैं। आरोपी एन जॉन कैम (नरेंद्र विक्रमादित्य यादव) की सच्चाई सामने आने के बाद फेक्ट-चेक वेबसाइट बूम ने असली जॉन कैम से मामले को लेकर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उनकी पहचान का दुरुपयोग कर रहा था। वह उनके njohncamm.com नाम से एक वेबसाइट भी चलाता था और @njohncamm नाम से उसका एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल भी था। हालांकि, अब इसे सस्पेंड कर दिया गया है।
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एन जॉन केम की वेबसाइट पर बड़ा दावा
दमोह में सात मरीजों की मौतों का जिम्मेदार माने जाने वाला डॉक्टर एन जॉन कैम जो वेबसाइट चलता था, उस पर कई बड़े दावे किए गए हैं। वेबसाइट के अनुसार उसने एमबीबीएस और एमडी की डिग्री भारत से की है। वहीं, 2001 में सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल लंदन (यूके) से एमआरसीपी (Member, Royal College of Physicians) की डिग्री पूरी की। 2002 में सेंट जॉर्जेस हॉस्पिटल, लंदन में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में ज्वाइन किया और प्रशिक्षण लिया। इसके बाद ब्रिटिश हार्ट एसोसिएशन की सदस्यता मिली और फिर उसे ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में समीक्षा बोर्ड का संपादक नियुक्त किया गया। 2004 में आरएफयूएमएस नॉर्थ शिकागो में डॉ जेफरी बी लैकियर के अंडर में फेलोशिप भी पूरी की। साथ ही अब तक लेफ्ट मेजर, TVDs, ब्रांचिंग, CTO और प्राइमरी एंजियोप्लास्टी समेत 18,000 से अधिक जटिल कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी की हैं।
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2023 में किया था यह ट्वीट
आरोपी फर्जी डॉक्टर डॉ. एन जॉन कैम @njohncamm नाम से सोशल मीडिया अकाउंट चलाता था। जुलाई 2023 उसने इस अकाउंट से एक एक्स (ट्वीट) किया था, जिसमें उसने लिखा था- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फ्रांस में दंगों को '24 घंटे के भीतर' ही नियंत्रित कर सकते हैं। यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, इसके लेकर कई खबरें भी सामने आई थीं। हालांकि, उस दौरान अकाउंट पर फेक होने के आरोप लगे थे। जिसके बाद पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था।
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पांच दिन की रिमांड, पुलिस पूछेगी यह अहम सवाल
कोर्ट ने आरोपी डॉ. एन जॉन कैम को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इस दौरान आरोपी से सख्ती से पूछताछ की जाएगी। पुलिस आरोपी डॉ. कैम से उसकी निजी जिंदगी के बारे में सवाल जवाब करेगी। वह कहां का रहने वाला हैं, कहां कहां के अस्पताल में उसने नौकरी की है। किसकी मदद से फर्जी डिग्रियां तैयार कराईं और इनका कहां-कहां इस्तेमाल किया। अब तक कहां कितने ऑपरेशन किए? इस तरह के तमाम सवाल पुलिस की टीम उससे करेगी। इस पूछताछ में आरोपी के कई राज सामने आ सकते हैं।
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