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MP News: MP में अब भी खाद की मारामारी, कहीं सुबह लाइन में लगने की मजबूरी तो कहीं खाकी के साये में बंट रही बोरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह/हरदा Published by: दिनेश शर्मा Updated Wed, 30 Oct 2024 05:14 PM IST
सार

मध्य प्रदेश में अब भी किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। कई जिलों में खाद का संकट गहरा है। अधिकारियों का दावा है कि खाद की कमी नहीं है, पर हकीकत में किसान एक-एक बोरी के लिए सुबह से शाम तक लाइन में लग रहे हैं तो कहीं पुलिस के साये में खाद बांटना पड़ रही है।

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MP News: There is still a fight over fertilizer in MP, sacks are being distributed under the shadow of khaki.
दमोह इलाके में खाद के लिए लग रही कतारें - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्य प्रदेश में अब भी किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। कई जिलों में खाद का संकट गहरा है। अधिकारियों का दावा है कि खाद की कमी नहीं है, पर हकीकत में किसान एक-एक बोरी के लिए सुबह से शाम तक लाइन में लग रहे हैं तो कहीं पुलिस के साये में खाद बांटना पड़ रही है।
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दमोह जिले में रबी फसलों की बुआई का काम शुरू हो गया है और वर्तमान में जिले भर में पर्याप्त मात्रा में खाद का भंडारण है, इसके बावजूद भी किसानों को सुबह 5 बजे से खाद विक्रय केंद्र के बाहर कतारें लगानी पड़ रहीं हैं। दिनभर की मशक्कत के बाद देर शाम तक खाद मिल पा रहा है। जिला मुख्यालय स्थित डबल लाक केंद्र में चार अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं। जहां पर पुलिस बैरिकेड्स लगाए गए हैं। किसानों की अधिक भीड़ और कर्मचारियों की उदासीनता के चलते परेशानी बनी है। किसान टोकन लेकर कतार के बाहर जमीन में बैठकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं।
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वर्तमान में जिले में 1507 मेट्रिक टन डीएपी, 4058 टन यूरिया एवं 1760 टन एनपीके उपलब्ध है। वहीं नैनो डीएपी की 5815 शीशी व नैनो यूरिया की 6309 शीशियां उपलब्ध है। दमोह जिले में रवि सीजन का रकवा 3 लाख 20 हजार हेक्टेयर है और अभी करीब 40 प्रतिशत बोनी हो चुकी है क्योंकि जिन ब्लाक में धान की फसल बोई गई है वहां अभी कटाई चल रही है। जिला विपणन अधिकारी इंद्रपाल सिंह राजपूत ने बताया बोवनी का काम चल रहा है। जिससे केंद्रों पर भीड़ देखी जा रही है। किसानों की सुविधा के लिए चार काउंटर बनाए गए हैं, ताकि उन्हें लंबी कतारों में न लगना पड़े और उसी दिन खाद उपलब्ध हो सके।

 

MP News: There is still a fight over fertilizer in MP, sacks are being distributed under the shadow of khaki.
दमोह में सुबह से कतार में लग रहे किसान - फोटो : अमर उजाला
इंदौर में कांग्रेस नेता लगा रहे भेदभाव के आरोप
दीपावली के त्यौहार के समय किसान खाद के लिए कतार लगा रहे है, लेकिन इंदौर में अफसरों की माने तो खाद की ज्यादा किल्लत नहीं है। दो माह में खाद के दस ज्यादा रैक इंदौर आ चुके है और किसानों को कतार लगाने की जरुरत नहीं पड़ रही है, लेकिन कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे है कि खाद देने में भेदभाव किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की सोसाइटियों में खाद पहुंच ही नहीं रहती तो कतार कहां लगेगी। वहां पहुंचने से पहले खाद कुछ खास लोगों के यहां जा रहा है। खाद बांटने में भी विभाग भेदभाव कर रहे है।

हरदा में पुलिस की निगरानी में बंट रहा खाद
हरदा जिले के हरदा, टिमरनी, और खिरकिया ब्लॉक सहित 9 सहकारी समितियों से बीते दिनों पुलिस की निगरानी में डीएपी खाद बांटा जा रहा है । यहां खाद के लिए हरदा डीएमओ ऑफिस के बाहर बैरिकेड्स में लाइन लगाकर किसानों ने खाद ली। दीपोत्सव पर्व पर भी सुबह करीब 7 बजे से ही जिले के किसानों को खाद के लिए लाइन लगाते देखा गया। इन लाइनों में महिलाएं भी लगी रहीं। इसके बाद यहां पहुंचे किसानों को 10-10 बोरी प्रति किसान के मान से डीएपी दिया गया। शाम तक जिलेभर के 2796 किसानों को कुल 22026 बोरी खाद दिया गया था, क्योंकि करीब 1101 मेट्रिक टन था। इस दौरान डीडीए संजय यादव, जिला विपणन अधिकारी योगेश मालवीय, टीआई प्रहलाद मर्सकोले सहित बड़ी संख्या में पुलिस जवानों के बीच किसानों ने खाद ली। वहीं जिले की सभी 9 सोसाइटियों से मंगलवार को भी डीएपी का वितरण किया गया। इन सोसायटियों में लगभग 500 मैट्रिक टन खाद का स्टाफ अभी बांटने के लिए मौजूद है। 

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जिले भर में इस साल करीब 1 लाख 91 हजार हैकटेयर क्षेत्र में बोवनी होने का अनुमान है। जिसमें से 95 हजार हेक्टेयर में गेहूं और करीब 92 हजार हेक्टेयर में चने की फसल लगाए जाने का अंदेशा है । इधर जिले की भूमि की बात करें तो यहां की मिट्टी उपजाऊ है और यह पूरा सिंचित भूमि का क्षेत्र है। 

टीकमगढ़ में लंबी-लंबी लाइन
टीकमगढ़ जिले में प्रतिवर्ष 44000 मीट्रिक टन खाद लगता है, लेकिन इस बार खाद समय से ना आने के कारण टीकमगढ़ शहर के कृषि उपज मंडी में बने खाद्य केंद्र पर लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। टीकमगढ़ जिले के जिला कृषि अधिकारी एके शर्मा कहते हैं कि टीकमगढ़ जिले में अभी तक एक रेक यूरिया और एक रेक डीएपी की आई है, जिसका वितरण किया जा रहा है। 
 
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