सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Damoh News ›   Damoh News: Two officers including Deputy Collector suspended in Rs 46 lakh scam

Damoh News: छात्रावास में 46 लाख का खरीदी घोटाला, डिप्टी कलेक्टर सहित दो अधिकारी निलंबित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Fri, 05 Dec 2025 08:50 AM IST
सार

एडीएम मीना मसराम की जांच में नियम-विरुद्ध भुगतान, रिकॉर्ड में हेरफेर और कथित कमीशन के लेनदेन के प्रमाण मिले। कलेक्टर ने इस पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की, जिसके बाद निलंबन आदेश जारी हुए।

विज्ञापन
Damoh News: Two officers including Deputy Collector suspended in Rs 46 lakh scam
दमोह कलेक्ट्रेट। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दमोह जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में एससी वर्ग के छात्रावासों के लिए करीब 46 लाख रुपये की खरीदी में उजागर हुई। अनियमितताओं के मामले में सागर संभागायुक्त अनिल सुचारी ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने दमोह कलेक्टर के प्रतिवेदन पर डिप्टी कलेक्टर बृजेंद्र सिंह, आदिम जाति कल्याण विभाग की तत्कालीन जिला संयोजक रिया जैन और विभाग के लेखापाल महेंद्र अहिरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
Trending Videos


इन अधिकारियों ने असली सामग्री के नाम पर राशि खर्च कर दी और हॉस्टलों में नकली और घटिया सामग्री की खरीदी कराकर भिजवा दी। यह गड़बड़ी एडीएम की जांच में प्रक्रिया के दौरान गंभीर गड़बड़ी, नियम-विरुद्ध भुगतान और रिकॉर्ड में हेराफेरी स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुई थी। फिलहाल इस मामले में क्रय समिति में शामिल जिला पंचायत सीईओ, अतिरिक्त महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी राष्ट्रीय सूचना केंद्र और जिला कोषालय अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि खरीदी के लिए इसी समिति ने स्वीकृति दी थी।
विज्ञापन
विज्ञापन


दरअसल मामला वर्ष 2024-25 में एससी छात्रावासों के लिए की गई सामग्री खरीदी से जुड़ा है। विभाग ने जेम पोर्टल के माध्यम से घटिया क्वालिटी के किट, स्टेशनरी, बर्तन,
गर्म कपड़े और दैनिक उपयोग की सामग्री खरीदी थी। जांच में सामने आया कि खरीदी में शामिल अधिकारियों ने मूल्यांकन प्रक्रिया को दरकिनार कर सामान की वास्तविक मात्रा और गुणवत्ता का सत्यापन किए बिना भुगतान जारी कर दिया। जिन वस्तुओं के बिल विभाग को प्रस्तुत किए गए, उनमें कई वस्तुओं की आपूर्ति वास्तविकता में छात्रावासों तक पहुंची ही नहीं। इसमें खरीदी करने की अनुमति से लेकर सप्लाई करने वालों के बीच में कमीशन का खेल चला।

ये भी पढ़ें- आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के बयान पर अदालत ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी, 20 जनवरी तक पेश करने के निर्देश

कलेक्टर ने इन गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए एडीएम मीना मसराम के नेतृत्व में विस्तृत जांच कराई। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि खरीदी की पूरी प्रक्रिया डिप्टी कलेक्टर की निगरानी में संचालित हुई, जबकि जिला संयोजक स्तर पर सत्यापन और प्रमाणीकरण की जिम्मेदारी थी, जिसे निभाया नहीं गया। लेखापाल महेंद्र अहिरवार ने भुगतान किया था।
रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने सागर संभागायुक्त को प्रतिवेदन भेजते हुए कहा कि तीनों अधिकारियों की भूमिका घोटाले में सीधे तौर पर जिम्मेदार पाई गई है और उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद कमिश्नर ने सभी तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए आगे विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि मामले के प्रस्ताव अलग अलग भेजे गए थे। जिनके आधार पर यह कार्रवाई हुई है। इस मामले में अभी और कार्रवाई भी होगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed