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Gwalior News: तहसीलदार पर दुष्कर्म की FIR निरस्त, हाईकोर्ट ने कहा- शिकायत के आधार शपथ पत्रों से मेल नहीं खाते
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर
Published by: ग्वालियर ब्यूरो
Updated Fri, 28 Nov 2025 04:18 PM IST
सार
ग्वालियर हाईकोर्ट ने तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान पर दर्ज दुष्कर्म की एफआईआर खारिज की। शिकायतकर्ता के पहले दिए बयानों और एफआईआर में विरोधाभास—विशेषकर बच्चे के पितृत्व के दो अलग दावों—को आधार बनाकर कोर्ट ने कहा कि मामला न्याय प्रक्रिया का दुरुपयोग है, इसलिए एफआईआर जारी नहीं रह सकती।
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विस्तार
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म की एफआईआर निरस्त कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जिन आधारों पर मामला दर्ज कराया था, वे खुद उसके पहले दिए गए शपथ पत्रों और बयानों से मेल नहीं खाते। एक ही समय में एक बच्चे की दो पितृत्व कहानियां हैं। ऐसे में विरोधाभास दिखता है। एफआईआर को जारी रखना न्याय की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।
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दरअसल शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि शत्रुघ्न सिंह चौहान ने 2008 से 2013 के बीच शादी का भरोसा देकर उसके साथ संबंध बनाए और बाद में छोड़ दिया। एफआईआर में दावा किया गया कि साल 2014 में आरोपी से एक बच्चा भी हुआ, लेकिन न्यायालय में जो रिकॉर्ड पेश किया गया, उसमें स्थिति बिल्कुल उलट सामने आई।
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शिकायतकर्ता 2010 से 2020 तक अपने पति अमित यादव के साथ रह रही थी, उसने न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्वीकार किया था कि 2014 में जन्मा बेटा पति अमित का है, जबकि एफआईआर में उसी बच्चे का पिता शत्रुघ्न सिंह चौहान को बताया गया। इसके साथ ही कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने एफआईआर से पहले शिकायतकर्ता और उसके परिवार पर ब्लैक मेलिंग का आरोप लगाकर की शिकायत की थी।