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Gwalior News: खेड़ापति मंदिर में मर्यादित कपड़े पहनने वाले को मिलेगा प्रवेश, स्कर्ट-मिनी टॉप पर प्रतिबंध
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर
Published by: ग्वालियर ब्यूरो
Updated Tue, 02 Dec 2025 04:49 PM IST
सार
प्रबंधन का कहना है कि भड़कीले और छोटे कपड़े मंदिर की गरिमा और आध्यात्मिक वातावरण के अनुकूल नहीं हैं। निर्णय श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के लिए लिया गया है, जिसकी कई लोग सराहना कर रहे हैं।
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खेड़ापति हनुमान मंदिर में लिखा संदेश।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ग्वालियर के प्रसिद्ध खेड़ापति हनुमान जी मंदिर में अब मर्यादित कपड़े पहनने वाले श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा। अब मंदिर श्रद्धालु आस्था के केंद्रों पर स्कर्ट मिनी टॉप पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया। मंदिर प्रबंधन ने परिसर में पोस्टर लगाए हैं, जिनमें साफ लिखा गया है कि शालीन और पूरे कपड़े पहनने वालों को ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
बता दें शहर के दो प्रमुख आस्था के केंद्रों खेड़ापति हनुमान मंदिर और बालाजी धाम सरकार पर श्रद्धालुओं के लिए शालीन और पूरे वस्त्र पहनकर आने के निर्देश प्रबंधन ने दिए हैं उनका कहना है कि आस्था के इन केंद्रों पर स्कर्ट मिनी टॉप या कटे-फटे कपड़े पहनकर अक्सर युवा आते हैं जो मंदिर की गरिमा के प्रतिकूल है।
मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए परिसर में पोस्टर भी लगाए हैं और उनसे नियमों के पालन की अपेक्षा की गई है। संभावना है कि अन्य मंदिर प्रबंधन भी इसका अनुसरण करेंगे।लोग मंदिर प्रबंधन के इस प्रयास की तारीफ भी कर रहे हैं, क्योंकि आस्था के केंद्रों पर मन को एकाग्र करने वाले कपड़े पहने चाहिए न कि भड़कीले परिधानों का प्रदर्शन करना चाहिए। इससे वहां का आध्यात्मिक वातावरण भी प्रदूषित होता है।
ये भी पढ़ें- किसानों के मुद्दों पर कांग्रेस ने सरकार पर किया प्रहार, चिड़िया चुग गई खेत की झांकी के साथ पहुंचे विधायक
मंदिर समिति द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर स्पष्ट रूप से लिखा है, मंदिर में मर्यादित वस्त्र ही पहनकर आएं। समिति के सदस्यों ने बताया कि कई बार देखा गया था कि कुछ भक्त कटे-फटे या छोटे वस्त्र पहनकर मंदिर आते थे, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को असहजता महसूस होती थी। इसी कारण यह निर्णय लिया गया है कि मंदिर परिसर में मर्यादित वस्त्रों में ही प्रवेश और दर्शन किए जाएं। मंदिर समिति के इस निर्णय और लगाए गए पोस्टरों की श्रद्धालु सराहना कर रहे हैं। कई लोगों ने इसे उचित कदम बताया है, जबकि कुछ का कहना है कि सनातन धर्म में भी वस्त्रों की मर्यादा पर जोर दिया गया है। श्रद्धालुओं ने ऐसी पहल को अन्य धार्मिक स्थलों पर भी लागू करने का सुझाव दिया है।
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बता दें शहर के दो प्रमुख आस्था के केंद्रों खेड़ापति हनुमान मंदिर और बालाजी धाम सरकार पर श्रद्धालुओं के लिए शालीन और पूरे वस्त्र पहनकर आने के निर्देश प्रबंधन ने दिए हैं उनका कहना है कि आस्था के इन केंद्रों पर स्कर्ट मिनी टॉप या कटे-फटे कपड़े पहनकर अक्सर युवा आते हैं जो मंदिर की गरिमा के प्रतिकूल है।
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मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए परिसर में पोस्टर भी लगाए हैं और उनसे नियमों के पालन की अपेक्षा की गई है। संभावना है कि अन्य मंदिर प्रबंधन भी इसका अनुसरण करेंगे।लोग मंदिर प्रबंधन के इस प्रयास की तारीफ भी कर रहे हैं, क्योंकि आस्था के केंद्रों पर मन को एकाग्र करने वाले कपड़े पहने चाहिए न कि भड़कीले परिधानों का प्रदर्शन करना चाहिए। इससे वहां का आध्यात्मिक वातावरण भी प्रदूषित होता है।
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मंदिर समिति द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर स्पष्ट रूप से लिखा है, मंदिर में मर्यादित वस्त्र ही पहनकर आएं। समिति के सदस्यों ने बताया कि कई बार देखा गया था कि कुछ भक्त कटे-फटे या छोटे वस्त्र पहनकर मंदिर आते थे, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को असहजता महसूस होती थी। इसी कारण यह निर्णय लिया गया है कि मंदिर परिसर में मर्यादित वस्त्रों में ही प्रवेश और दर्शन किए जाएं। मंदिर समिति के इस निर्णय और लगाए गए पोस्टरों की श्रद्धालु सराहना कर रहे हैं। कई लोगों ने इसे उचित कदम बताया है, जबकि कुछ का कहना है कि सनातन धर्म में भी वस्त्रों की मर्यादा पर जोर दिया गया है। श्रद्धालुओं ने ऐसी पहल को अन्य धार्मिक स्थलों पर भी लागू करने का सुझाव दिया है।