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Harda News: आरोपी हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार करने की मांग, पीड़िता के साथ भीम आर्मी ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरदा
Published by: हरदा ब्यूरो
Updated Tue, 26 Nov 2024 11:18 AM IST
सार
हरदा एएसपी आरडी प्रजापति ने बताया कि दो पड़ोसियों का विवाद है। प्रधान आरक्षक चौरे के खिलाफ उनके पड़ोस में रहने वाले परिवार ने शिकायत दी थी। दोनों पक्षों की शिकायत पर एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें अभी जांच चल रही है। जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार करने को लेकर प्रदर्शन
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विस्तार
मध्यप्रदेश के हरदा जिले के कोतवाली थाने के हेड कांस्टेबल शिवशंकर चौरे के खिलाफ बीते दिनों दर्ज हुए मामले में कार्रवाई को लेकर अब भीम आर्मी सहित दूसरे सामाजिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। इन संगठनों के सदस्यों ने पीड़िता और उसके पति के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट गेट के बाहर सोमवार को करीब दो घंटे तक धरना दिया। इस दौरान पीड़िता के पति के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई।
बता दें कि, आरोपी हेड कांस्टेबल शिवशंकर चौरे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पीड़िता करीब डेढ़ माह से अधिकारियों के चक्कर लगा रही थी। लेकिन सुनवाई नहीं होने से परेशान होकर उसने आत्महत्या का प्रयास भी किया। जिसके बाद 18 नवंबर को देर रात आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ महिला थाने में मामला दर्ज किया गया। लेकिन, इसके अगले दिन ही पुलिस ने काउंटर केस दर्ज करते हुए पीड़िता के पति पर भी मामला दर्ज कर लिया था।
पीड़िता बोली, एसपी ने मांगे एविडेंस
पीड़िता के पति के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को झूठा बताकर सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने एसपी से मिलने की मांग रखी। इसके बाद पहुंचे एएसपी आर.डी. प्रजापति को वापस लौटाने के बाद डीएसपी सुनील लाटा को उन्होंने ज्ञापन सौंपा। इसमें एससी-एसटी संगठन के राहुल पवार ने 5 सूत्रीय मांग करते हुए आरोपी हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दूसरे जिले में ट्रांसफर करने, उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने और आरोपी की पत्नी की झूठी एफआईआर को निरस्त करने की मांग की।
इस दौरान पीड़िता ने सभी के सामने रोते हुए आरोप लगाया कि जब वह शिकायत करने पहुंची तो एसपी साहब ने उससे ही एविडेंस मांगे। जबकि, हेड कांस्टेबल खुलेआम घूम रहा है। वह हमें डरा-धमका रहा है और उससे परिवार को खतरा है। उससे कोई एविडेंस नहीं मांगा जा रहा। मेरा दुष्कर्म हो जाता, क्या पुलिस यही चाहती थी? मेरी आवाज नहीं दबा सकते।
कलेक्टर और एसपी के खिलाफ भी लगे नारे
पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर ही धरना दे दिया। इस दौरान डीएसपी सुनील लाटा और एएसपी आरडी प्रजापति ने पीड़िता और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, वे नहीं माने। लोगों ने एसपी अभिनव चौकसे को ही मौके पर बुलाने की मांग की। जब पुलिस ने नहीं सुनी तो लोगों ने पुलिस के सामने ही कलेक्टर-एसपी के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे माहौल गर्मा गया।
इधर, कलेक्टर-एसपी के मुर्दाबाद के नारे के बाद पुलिसकर्मी भी आक्रोशित हो गए। डीएसपी सुनील लाटा और सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अनिल गुर्जर नारे लगाने वाले भीम आर्मी के संयोजक महेंद्र काशिव को पकड़ने के लिए डंडा लेकर भीड़ में घुस गए। वहीं, ट्रैफिक प्रभारी संदीप सुनेश ने माइक छीनकर उसे बंद करने की कोशिश की। पुलिस के आक्रोशित होते ही, पीड़िता और सदस्यों ने नारेबाजी की। हालांकि, गनीमत नहीं रही कि मामला शांत हो गया।
षड्यंत्रपूर्वक केस दर्ज किया
वहीं, इस मामले में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के संभागीय अध्यक्ष महेंद्र काशिव मेहरा ने बताया कि हरदा की अनुसूचित जाति की एक महिला पर जो अत्याचार हुआ, उसे लेकर महिला थाने में मामला दर्ज हुआ था। लेकिन, पुलिस द्वारा षड्यंत्रपूर्वक उनके पति पर भी एक काउंटर केस दर्ज कर दिया गया। यह सब पुलिस अपने विभाग के व्यक्ति को बचाने के लिए प्रयास कर रही है। इसका विरोध दर्ज कराने हम एसपी से मिलने यहां आए हैं, लेकिन यहां एसपी साहब बाहर नहीं आ रहे।
जांच के बाद ही होगी वैधानिक कार्रवाई
हरदा एएसपी आरडी प्रजापति ने बताया कि दो पड़ोसियों का विवाद है। प्रधान आरक्षक चौरे के खिलाफ उनके पड़ोस में रहने वाले परिवार ने शिकायत दी थी। दोनों पक्षों की शिकायत पर एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें अभी जांच चल रही है। जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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बता दें कि, आरोपी हेड कांस्टेबल शिवशंकर चौरे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पीड़िता करीब डेढ़ माह से अधिकारियों के चक्कर लगा रही थी। लेकिन सुनवाई नहीं होने से परेशान होकर उसने आत्महत्या का प्रयास भी किया। जिसके बाद 18 नवंबर को देर रात आरोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ महिला थाने में मामला दर्ज किया गया। लेकिन, इसके अगले दिन ही पुलिस ने काउंटर केस दर्ज करते हुए पीड़िता के पति पर भी मामला दर्ज कर लिया था।
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पीड़िता बोली, एसपी ने मांगे एविडेंस
पीड़िता के पति के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को झूठा बताकर सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने एसपी से मिलने की मांग रखी। इसके बाद पहुंचे एएसपी आर.डी. प्रजापति को वापस लौटाने के बाद डीएसपी सुनील लाटा को उन्होंने ज्ञापन सौंपा। इसमें एससी-एसटी संगठन के राहुल पवार ने 5 सूत्रीय मांग करते हुए आरोपी हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दूसरे जिले में ट्रांसफर करने, उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने और आरोपी की पत्नी की झूठी एफआईआर को निरस्त करने की मांग की।
इस दौरान पीड़िता ने सभी के सामने रोते हुए आरोप लगाया कि जब वह शिकायत करने पहुंची तो एसपी साहब ने उससे ही एविडेंस मांगे। जबकि, हेड कांस्टेबल खुलेआम घूम रहा है। वह हमें डरा-धमका रहा है और उससे परिवार को खतरा है। उससे कोई एविडेंस नहीं मांगा जा रहा। मेरा दुष्कर्म हो जाता, क्या पुलिस यही चाहती थी? मेरी आवाज नहीं दबा सकते।
कलेक्टर और एसपी के खिलाफ भी लगे नारे
पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर ही धरना दे दिया। इस दौरान डीएसपी सुनील लाटा और एएसपी आरडी प्रजापति ने पीड़िता और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, वे नहीं माने। लोगों ने एसपी अभिनव चौकसे को ही मौके पर बुलाने की मांग की। जब पुलिस ने नहीं सुनी तो लोगों ने पुलिस के सामने ही कलेक्टर-एसपी के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे माहौल गर्मा गया।
इधर, कलेक्टर-एसपी के मुर्दाबाद के नारे के बाद पुलिसकर्मी भी आक्रोशित हो गए। डीएसपी सुनील लाटा और सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अनिल गुर्जर नारे लगाने वाले भीम आर्मी के संयोजक महेंद्र काशिव को पकड़ने के लिए डंडा लेकर भीड़ में घुस गए। वहीं, ट्रैफिक प्रभारी संदीप सुनेश ने माइक छीनकर उसे बंद करने की कोशिश की। पुलिस के आक्रोशित होते ही, पीड़िता और सदस्यों ने नारेबाजी की। हालांकि, गनीमत नहीं रही कि मामला शांत हो गया।
षड्यंत्रपूर्वक केस दर्ज किया
वहीं, इस मामले में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के संभागीय अध्यक्ष महेंद्र काशिव मेहरा ने बताया कि हरदा की अनुसूचित जाति की एक महिला पर जो अत्याचार हुआ, उसे लेकर महिला थाने में मामला दर्ज हुआ था। लेकिन, पुलिस द्वारा षड्यंत्रपूर्वक उनके पति पर भी एक काउंटर केस दर्ज कर दिया गया। यह सब पुलिस अपने विभाग के व्यक्ति को बचाने के लिए प्रयास कर रही है। इसका विरोध दर्ज कराने हम एसपी से मिलने यहां आए हैं, लेकिन यहां एसपी साहब बाहर नहीं आ रहे।
जांच के बाद ही होगी वैधानिक कार्रवाई
हरदा एएसपी आरडी प्रजापति ने बताया कि दो पड़ोसियों का विवाद है। प्रधान आरक्षक चौरे के खिलाफ उनके पड़ोस में रहने वाले परिवार ने शिकायत दी थी। दोनों पक्षों की शिकायत पर एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें अभी जांच चल रही है। जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।




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