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Indore: धार-झाबुआ और आलीराजपुर में रही भदौरिया की पोस्टिंग, अवैध शराब के सिंडिकेट से लिंक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अभिषेक चेंडके Updated Thu, 16 Oct 2025 11:26 AM IST
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सार

भदौरिया की ज्यादातर पोस्टिंग धार-झाबुआ, आलीराजपुर जिले में रही। प्रदेश में यह आदिवासी जिले आर्थिक रुप से कमजोर माने जाते है, गुजरात बार्डर समीप होने के कारण यहां अवैध शराब का कारोबार खूब जोरों पर चलता है।

Indore: Bhadoria was posted in Hindhar-Jhabua and Alirajpur, linked to illegal liquor syndicate
पूर्व अबकारी अधिकारी। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आबकारी विभाग के सेवानिवृत अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया अकूत संपत्ति का मालिक निकला। लोकायुक्त छापे में उसके पास से चार किलो सोना, सात किलो चांदी और दो करोड़ रुपये के अलावा करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति मिली है। गुरुवार को अफसर उसके बैंक लाॅकर खोलेंगे, वहां से भी बेशकिमती वस्तुएं मिलने की उम्मीद है। अफसरों को जांच के दौरान विभाग के दस्तावेज मिले है। उसकी भी जांच की जा रही है।

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भदौरिया की ज्यादातर पोस्टिंग धार-झाबुआ, आलीराजपुर जिले में रही। प्रदेश में यह आदिवासी जिले आर्थिक रुप से कमजोर माने जाते है, लेकिन गुजरात बार्डर समीप होने के कारण यहां अवैध शराब का कारोबार खूब जोरों पर चलता है। आबकारी विभाग के अधिकारी यहां पोस्टिंग के लिए खूब प्रयास करते है। भदौरिया बड़े अफसरों के अच्छे संबंधों के कारण हमेशा इन इलाकों में ही नौकरी करता रहा। वर्ष 2020 में शराब के ठेकों में देरी के कारण उसे निलंबित किया गया था।

जंगल वाली बार्डर में है कई चोर रास्ते

गुजरात में शराब प्रतिबंधित है, लेकिन मध्य प्रदेश की बार्डर करीब होने के कारण यहां से अवैध शराब खूब सप्लाई होती है। इस सीमा पर मध्य प्रदेश और गुजरात के जंगल वाले इलाके है। इस कारण कई चोर रास्ते है। अवैध शराब माफिया इन रास्तों का उपयोग कर अवैध शराब गुजरात पहुंचाते है। माफिया आबकारी विभाग के अफसरों से भी सेंटिंग करके रखते है। भदौरिया भी अवैध शराब के सिंडिकेट से जुड़ा था। इस कारण अवैध कमाई भी खूब की। अपने सेवाकाल में भदौरिया की तनख्वाह दो करोड़ रुपये थी, लेकिन उसके पास 18 करोड की चल-अचल संपत्ति लोकायुक्त पुलिस को मिली है। भदौरिया ने अपने बेटे और बेटी के नाम पर भी संपत्ति खरीद रखी है।

गनमैन के साथ चलता है भदौरिया

नौकरी में रहते वह शराब कारोबारियों का अघोषित साझेदार भी हो गया था। इस कारण उसकी कई शराब ठेकेदारों व अफसरों से दुश्मनी भी चल रही थी। सेवानिवृत होने के बाद उसने अपनी सुरक्षा के लिए चार गनमैन भी रखे थे।

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