Indore: स्वच्छता के पैमाने पर इस बार शुद्ध हवा के भी मिलेंगे अंक, इंदौर का दावा फिर मजबूत
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केंद्र सरकार ने मापदंड जारी कर दिए है।, जिसमें अब शहरों की रैंकिंग तय करने में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। स्वच्छता में लगातार कीर्तिमान स्थापित करने वाला इंदौर फिर तैयार है
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स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 व 2026 के नए मापदंड जारी हुए हैं। इस बार स्वच्छ शहरों को 173 बिंदुओं पर काम करना होगा। सबसे अहम एयर क्वालिटी इंडेक्स भी होगा। नए मापदंडों के हिसाब से इंदौर नगर निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बार भी इंदौर का दावा मजबूत है। इंदौर में वायु प्रदूषण दूसरे शहरों की तुलना में कम है। इंदौर का एक्यूआई मंगलवार को 178 है। दूसरे कई बड़े शहरों का एक्यूआई 200 से ऊपर चल रहा है।
सर्वेक्षण की टूलकिट में कचरा सेग्रिगेशन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच, जल प्रबंधन, स्वच्छता अभियान, सफाई कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं, नागरिकों की प्रतिक्रिया और शिकायत निवारण शामिल है। इस बार सफाई सड़कों पर नहीं बल्कि स्कूल परिसर, पर्यटन स्थल, सार्वजनिक स्थानों पर भी देखी जाएगी। यदि वहां गंदगी मिलती है तो फिर नंबर कम हो सकते हैं। इसके लिए नगर निगम दूसरे सरकारी विभागों को भी स्वच्छता अभियान से जोड़ेगा। खाली प्लॉटों पर बिखरा मलबा, वर्षों से खड़े पुराने वाहनों को हटाने पर भी अफसरों का जोर रहेगा।
बैकलेन में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे फिलहाल शहर में बैकलेन में कचरा होने की समस्या ज्यादा बढ़ गई है। रहवासी कचरा वाहनों तक कचरा पहुंचाने के बजाय बैकलेन में कचरा फेंक रहे हैं। इसे लेकर निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव ने रहवासियों की मदद से बैकलेन में सीसीटीवी कैमरे लगाने और गेट लगवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कर्मचारियों को भी कचरा फेंकने वालों के चालान बनाने के लिए कहा है।
प्रदूषण कम करने के लिए क्या-क्या जतन
इंदौर में प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम कई तरह के जतन करता आ रहा है। इंदौर में इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा से ज्यादा संचालन पर जोर दिया जा रहा है। होटलों में कोयला जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा चौराहों पर रुकने वाले वाहन चालकों को भी वाहनों का इंजन बंद करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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