MP Election 2023: धार ग्राउंड रिपोर्ट-बागी बिगाड़ रहे खेल, वोट कटने के नफे नुकसान में उलझी भाजपा कांग्रेस
भाजपा ने तीन बार की विधायक रही नीना वर्मा को फिर मौका दिया है। क्षेत्र में उनके खिलाफ एंटी इकंमबेंसी नजर आती है, लेकिन उनकी उम्मीद भाजपा के परंपरागत वोट बैंक पर टिकी है।
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मध्य प्रदेश की धार सीट पर मुकाबला सीधे दो दलों के बीच में नहीं है। यहां कांग्रेस और भाजपा के बागी दमदारी से चुनाव लड़ रहे है। प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार अपने भाषणों में एक दूसरे को आड़े हाथों लेने के साथ बागियों को भी कोस रहे है। मतदाता भी मुकाबले को एकतरफा नहीं बता रहे है। त्रिमूर्ती चौराहा के व्यापारी विष्णु प्रसाद राठौर कहते है कि दोनो दलों के बागी मैदान में है। वे कितने वोट ले जाएंगे और उससे किसे नुकसान होगा। यह इस चुनाव का महत्वपूर्ण फेक्टर होगा।
भाजपा ने तीन बार की विधायक रही नीना वर्मा को फिर मौका दिया है। वर्मा परिवार की प्रतिष्ठा दाव पर है। नीना के खिलाफ एंटी इकंमबेंसी नजर आती है, लेकिन उनकी उम्मीद भाजपा के परंपरागत वोट बैंक पर टिकी है। नीना वर्मा के पति व पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा की धार में एक फैन फालोइंग है। वे भी नीना के लिए मददगार साबित होती है।
उधर भाजपा के बागी राजू यादव भगवा झंडे के साथ नीना वर्मा की बेटी का धार की वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने का मुद्दा भी उठा रहे है। वे चुनाव लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है, हालांकि धार की राजनीति को समझने वालों का मानना है कि भाजपा के बागी कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचाएंगे,क्योकि वर्मा से नाराज रहने वाला धड़ा चुनाव में कांग्रेस के लिए मददगार साबित होता था, वह राजू की तरफ शिफ्ट हो सकता है। कांग्रेस नेता बालमुकुंद गौतम की पत्नी प्रभा को कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के बागी कुलदीप बुंदेला को वे लोग मदद कर रहे है, जिनकी गौतम परिवार से राजनीतिक अदावत है।
विक्रम ने अंतिम दौर में खेला इमोश्नल कार्ड
भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा ने चुनाव के अंतिम दौर में इमोश्नल कार्ड खेला है। चुनाव प्रचार थमने के पहले हुई सभा में इमोश्नल अंदाज में कहा कि वे 80 साल के हो चुके है। यह उनका आखिरी चुनाव है, उनकी पत्नी व भाजपा प्रत्याशी नीना का कहना है कि संगठन जो फैसला करेगा। वे उसे मानेंगीं। कुल मिलाकर धार में मुकाबला रोचक मोड़ पर है। बागियों का माहौल शहरी क्षेत्र में ज्यादा है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में किस उम्मीदवार की पकड़ है। यह भी मायने रखेगा।