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Cyber Crime: 'साहब' बेच रहे सस्ता सामान? बड़े अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल से ठगे जा रहे लोग, जानिए कैसे बचें

Arjun Richhariya अर्जुन रिछारिया
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:34 PM IST
सार

सायबर ठग प्रदेश के बड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर आम लोगों से ठगी कर रहे हैं। ये ठग सस्ते सामान बेचने, तबादले का झांसा देने या मदद के नाम पर पैसे ऐंठते हैं। 

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बड़े अधिकारियों के नाम पर ठगी, एक क्लिक में खाता खाली - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
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विस्तार
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सायबर ठग प्रदेश के बड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर आम लोगों से ठगी कर रहे हैं। ये ठग सस्ते सामान बेचने, तबादले का झांसा देने या मदद के नाम पर पैसे ऐंठते हैं। वर्तमान में मध्यप्रदेश के आईएएस और आईपीएस समेत कई ब्यूरोक्रेट्स की फेक आईडी सोशल मीडिया पर बनाई जा रही है। इन सबका मकसद लोगों को ठगना है। उनके साथ धोखाधड़ी करना है। डीपी में अधिकारी की फोटो देखकर लोग झांसे में आ जाते हैं और ठगे जाते हैं। इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और ये लोगों को किस तरह से नुकसान पहुंचाता है। इसके लिए पहले ये केस पढ़िए-
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केस 1. इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह की आईडी से मांगे पैसे
इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठग ने कई प्रभावशाली लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। बाद में वह उस प्रोफाइल से पैसों की डिमांड करने लगा। इंदौर की सायबर सेल ने तुरंत आईडी बंद करवाई। दीपक सिंह वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग में सचिव हैं।
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केस 2. अलीराजपुर कलेक्टर नीतू माथुर भी हुई शिकार
अलीराजपुर कलेक्टर नीतू माथुर के नाम से एक फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर कई लोगों से पैसे मांगने का मामला सामने आया। जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने तुरंत अपनी प्रोफाइल को बंद करवाया।

केस 3. उमरिया कलेक्टर की प्रोफाइल से बेच रहे थे सामान
उमरिया जिले में कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन के नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट का मामला सामने आया। इस अकाउंट से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट और मैसेज भेजे गए। फर्जी अकाउंट से भेजे जा रहे मैसेज में सामान बेचने और पैसों की बात की गई। जब लोगों के बीच इस बारे में चर्चा हुई, तो कलेक्टर ने यह प्रोफाइल बंद करवाई।

केस 4. सायबर सेल के प्रमुख भी नहीं बच सके
इंदौर में सायबर सेल और क्राइम ब्रांच के प्रमुख एडिशनल डीसीपी खुद भी ठगों का शिकार होने से नहीं बच पाए। अभी तक उनकी पांच प्रोफाइल बन चुकी हैं। ठग प्रोफाइल बनाकर सीधे पैसों की डिमांड करते हैं।

केस 5. उज्जैन एसपी की प्रोफाइल से बेच रहे थे फर्नीचर
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को ठगने की साजिश रची गई। ठगों ने लोगों से कहा कि सीआरपीएफ वाले एक दोस्त का ट्रांसफर हो रहा है उसके घर का फर्नीचर बहुत सस्ते में मिल जाएगा। इसके बाद लोगों से पैसे मांगे गए।

केस 6. इंदौर कलेक्टर की फेक प्रोफाइल
हाल ही में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से लोगों को ठगने का मामला सामने आया था। अमर उजाला को सबसे पहले इसकी जानकारी लगी और तुरंत कलेक्टर को यह बात संज्ञान में दिलाई गई। इसके बाद इंदौर सायबर क्राइम ब्रांच में इसकी जानकारी दी गई और 72 घंटे में वह प्रोफाइल बंद हुई।

किसी की भी फेक आईडी बनाना संभव
सायबर एक्सपर्ट सन्नी वाधवानी बताते हैं कि किसी की भी फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाना बेहद आसान है। सिर्फ उसकी कुछ फोटो चाहिए और एक मेल आईडी और एक नंबर। शुरुआती प्रोफाइल तो मेल से ही बन जाती है और कई कंपनियां फर्जी मेल आईडी बहुत आसानी से देती हैं। प्रभावशाली लोगों की फोटो आसानी से इंटरनेट पर उपलब्ध हो जाती है, इसलिए उनकी फर्जी प्रोफाइल बनाना तो और भी आसान है। ठीक इसी तरह किसी भी आम इंसान की फर्जी प्रोफाइल बनाई जा सकती है यदि इंटरनेट पर किसी भी प्लेटफार्म पर उसकी तस्वीरें उपलब्ध हैं।

फर्जी प्रोफाइल के साथ असली प्रोफाइल की लिंक भेजकर करें शिकायत
वाधवानी ने बताया कि सायबर सेल में शिकायत के बाद आप खुद भी उस प्रोफाइल को रिपोर्ट कर सकते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और सभी प्लेटफॉर्म पर प्रोफाइल को रिपोर्ट करने का विकल्प आता है। आप वहां पर जाकर उसे रिपोर्ट कर सकते हैं, इसके साथ सभी कंपनियों के हेल्पलाइन मेल होते हैं जिन पर फर्जी प्रोफाइल की लिंक के साथ अपनी असली प्रोफाइल की लिंक भेजकर आप उन्हें सही जानकारी दे सकते हैं। वहां से भी फर्जी प्रोफाइल बंद हो जाती है।

अधिकारियों की एक प्रोफाइल बंद होते ही दूसरी बन जाती है
अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल लगातार बन रही है। कई अधिकारियों की तो एक से अधिक प्रोफाइल हैं। मेरी खुद की कई प्रोफाइल बन चुकी हैं। पुलिस लगातार सायबर अपराधियों को पकड़ रही है लेकिन जनता को जागरूक होना होगा। कोई भी अधिकारी सामान खरीदने-बेचने की पोस्ट नहीं करेगा, न ही आपसे सहयोग में पैसों की डिमांड करेगा। किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन करने से पहले खुद चेक करना चाहिए कि हम किसे पैसे भेज रहे हैं।
-राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, इंदौर सायबर क्राइम ब्रांच

अधिकारियों की प्रोफाइल से कैसे ठगा रहे लोग
1. अधिकारियों की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर ठग सस्ते सामान बेचने की पोस्ट डालते हैं। पोस्ट में लिखा होता है कि एक मित्र अधिकारी का तबादला हो गया है इसलिए यह सामान बेहद कम दाम में बेचना है। साथ में एक नंबर होता है। लोग जैसे ही नंबर पर फोन करते हैं ठग एडवांस पैसे डालने का कहते हैं और ठगा जाते हैं।
2. अधिकारियों की प्रोफाइल बनाकर सायबर ठग प्रतिष्ठित लोगों को रिक्वेस्ट भेजते हैं। जुड़ने के बाद उन्हें कहते हैं कि यदि किसी का तबादला करवाना हो तो बता देना। इस तरह के प्रलोभन में कई लोग फंस जाते हैं।
3. इन प्रोफाइल से लोगों को पर्सनल मैसेज किए जाते हैं कि यह जरूरतमंद व्यक्ति है और इसकी मदद करने के लिए आप इसके खाते में अभी राशि भेज दो। मैं आपको किसी और से बाद में वापस करवा दूंगा।

कैसे पहचानें फर्जी प्रोफाइल
1. अधिकारियों की फर्जी प्रोफाइल में फ्रेंड बहुत कम होते हैं, क्योंकि यह प्रोफाइल बनते ही कुछ दिनों में बंद हो जाती हैं।
2. प्रोफाइल से जुड़े लोगों को देखकर भी पहचाना जा सकता है। इन प्रोफाइल में प्रतिष्ठित लोग नहीं जुड़े रहते हैं।
3. कोई भी अधिकारी सामान खरीदने-बेचने की पोस्ट सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर नहीं डालता है।

क्या करें
फ्रॉड होने पर तत्काल नेशनल हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें। स्थानीय हेल्पलाइन – 07312522111, इंदौर पुलिस साइबर हेल्पलाइन नंबर 7049124455 / 0731 2490373 पर शिकायत करें। नेशनल पोर्टल जैसे www.cybercrime.gov.in, ncrb.gov.in, UIDAI.GOV.IN पर शिकायत करें।
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