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MYH का चूहाकांड: अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल कंपनी का ठेका निरस्त, आर्किटेक्ट की टीम बनाई, बड़े बदलाव शुरू

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Sat, 06 Sep 2025 11:38 PM IST
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सार

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कहा कि अब अस्पताल में कई स्तर पर सुधार प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए आर्किटेक्ट टीम गठित की गई है, जो स्पेस प्लानिंग, मरीजों के प्रवाह, संक्रमण नियंत्रण, तकनीकी उन्नयन और सुरक्षा सुधार पर काम करेगी।

MYH rat case: Pest control company's contract cancelled in the hospital
चूहाकांड में एमवाय अस्पताल प्रबंधन की भी लापरवाही। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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इंदौर के एमवाय अस्पताल में दो नवजात बच्चियों के शरीर चूहों द्वारा कुतरे जाने और उनकी मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने पेस्ट कंट्रोल कंपनी एंजिल को दोषी माना है। कंपनी से पेस्ट कंट्रोल का ठेका छीन लिया गया है। इसके साथ एंजिल कंपनी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
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कई स्तर पर सुधार प्रक्रिया की जाएगी
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि एंजिल कंपनी का पेस्ट कंट्रोल कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया गया है। अब एमवायएच में कई स्तर पर सुधार की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस प्रक्रिया में चूहों को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए नए प्रावधान किए जाएंगे। साथ ही, अतिरिक्त इलेक्ट्रिक वर्क, सफाई, मरम्मत और अन्य सुधार कार्य भी होंगे। इन कामों के लिए आर्किटेक्ट की टीम बनाई गई है। इसके साथ कई अन्य विभागों की भी मदद ली जाएगी। घनघोरिया ने कहा कि यह टीमें कई बदलाव करेंगी। इन बदलावों का उद्देश्य मरीजों को बेहतर देखभाल प्रदान करना और अस्पताल के संचालन में सुधार करना है।
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आर्किटेक्ट टीम अस्पताल में निम्नलिखित बदलाव करेगी:
1. स्पेस प्लानिंग: जगह का कुशल उपयोग।
2. फ्लो और लेआउट: मरीजों के प्रवाह में सुधार।
3. संक्रमण नियंत्रण: संक्रमण रोकने के उपाय।
4. सुविधाओं का उन्नयन: आराम और सुविधा में वृद्धि।
5. प्रौद्योगिकी एकीकरण: नवीनतम तकनीक का समावेश।
6. सुरक्षा और सुरक्षा उपाय: सुरक्षा मानकों में सुधार।

एक ही कंपनी पर मेहरबानी महंगी पड़ी
आमतौर पर काम प्रभावित न हो, इसलिए अलग-अलग एजेंसियों को हायर किया जाता है, लेकिन एमवाय अस्पताल प्रबंधन एक ही कंपनी पर मेहरबान था। उसे सफाई, पेस्ट कंट्रोल और सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। बताया जाता है कि कंपनी ने स्टाफ भी काफी कम रखा था, जिसके कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही थीं। डेटा एंट्री ऑपरेटर कम होने से कई बार पर्चियां बनाने के लिए अस्पताल में लंबी कतारें लग जाती थीं। कंपनी अस्पताल बिल्डिंग के कुछ हिस्सों में ही पेस्ट कंट्रोल करती थी, जबकि परिसर में हजारों की संख्या में चूहों के बिल हैं। परिसर से चूहों को भगाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

कांग्रेस ने की अधीक्षक और डीन को हटाने की मांग
पेस्ट कंट्रोल से पहले कंपनी ने कभी वार्डों को भी खाली नहीं कराया। आपको बता दें कि "चूहाकांड" के बाद एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो मामले की जांच कर रही है। वहीं कांग्रेस अभी भी अधीक्षक और डीन को हटाने की मांग कर रही है।
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