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MP High Court: आर्थिक रूप से कमजोर सभी वर्ग को मिलना चाहिए EWS का लाभ, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Tue, 15 Oct 2024 10:41 PM IST
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सार
आर्थिक रूप से कमजोर सभी वर्गों को ईडब्ल्यू का लाभ मिलना चाहिए। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सभी वर्गों के गरीब अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का लाभ दिए जाने की मांग करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग और मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
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सागर निवासी सोमवती पटेल व कटनी निवासी मीनुल कुशवाहा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि आयोग द्वारा विज्ञान परीक्षा के लिए विज्ञापित पदों पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण में ओबीसी, एससी और एसटी के अभ्यर्थियों को पृथक कर दिया गया है। याचिका में कहा गया था कि 103वें संविधान संशोधन के द्वारा प्रत्येक वर्ग के गरीबों को अधिकतम 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने का उपबंध किया गया है।
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याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि याचिका में उठाए गए मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने जनहित अभियान की तरफ से दायर याचिका में जवाब दिया जा चुका है। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि जनहित अभियान विरुद्ध भारत संघ 2023 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण को संविधान सम्मत माना है। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 16 (6) के अनुसार, प्रत्येक वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। विवादित पॉलिसी के द्वारा राज्य सरकार द्वारा ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों को इस आरक्षण से वंचित किया है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।