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Jabalpur News: वृद्ध को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 76 लाख की ठगी, सुप्रीम कोर्ट के नाम पर बड़ा साइबर फ्रॉड
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Sun, 30 Nov 2025 08:39 AM IST
सार
वृद्ध को CBI अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट किया गया। उन पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में संदिग्ध होने का आरोप लगाकर वीडियो कॉल पर नजर रखी गई और सुप्रीम कोर्ट में जमा करने के नाम पर अपनी सभी एफडी तुड़वाकर बैंक खाते में पैसा जमा करवाया गया। इसके बाद 76 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिये गए।
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डिजिटल अरेस्ट।
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
सर्वोच्च न्यायालय का पत्र भेजकर बताया था ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में संदिग्ध होने का पत्र भेजकर कथित आईपीएस तथा सीबीआई अधिकारी ने वृद्ध को दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट किया। इसके बाद एक बैंक खाते में सारी रकम एकत्र करते हुए उससे 76 लाख रुपये पार कर दिये। वृद्ध को ठगे जाने का अहसास होने पर उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने कथित आईपीएस तथा सीबीआई अधिकारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए उसके संबंध में पतासाजी प्रारंभ कर दी है।
क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी शैलेश मिश्रा से प्राप्त जानकारी के अनुसार संजीवनी नगर निवासी अनिल कुमार नन्हौरया उम्र 72 साल के पास 22 नवंबर 25 की सुबह करीब 10.30 बजे कॉल आया था। कॉल करने वाले ने बताया कि वह डिपार्टमेंट एंड टेलीकम से बोल रहा हूं और आपके नाम से जारी सिम का उपयोग कर लोगों को डराया धमकाया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट दिल्ली थाना में दर्ज हुई है। आपको दिल्ली आकर थाना में स्टेटमेंट दर्ज करना होगा। निवेदन करने पर उसने कहा कि दिल्ली नहीं आकर आप अपने स्टेटमेंट ऑनलाइन दर्ज करवा सकते है। उन्हाेंने इसके लिए उन्हें दिल्ली थाने के फोन क्रमांक 9573352514 पर बात करनी होगी।
उक्त नम्बर पर फोन लगाने पर सामने वाले व्यक्ति ने खुद का नाम आईपीएस विजय कुमार बताया था। इसके बाद कथित आईपीएस अधिकारी विजय कुमार ने सुबह 11.21 बजे वीडियो कॉल से बात की और वाट्सअप पर दर्ज केस की जानकारी दी। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे पुनः वीडियो कॉल करते हुए बताया कि आप सीबीआई में दर्ज सदाकत खान ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में संदिग्ध हैं। सदाकत खान के पास आपके नाम का एटीएम कार्ड मिला है जो केनरा बैंक, मुंबई का है। वृद्ध के संदिग्ध होने का सर्वोच्च न्यायालय के पत्र की प्रति भी व्हाट्सएप पर भेजी गई।
सीक्रेट मिशन का खुलासा करने पर पांच साल की सजा
कथित आईपीएस विजय कुमार ने वृध्द से कहा कि यह सीक्रेट मिशन है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसे चलाया जा रहा है और इस संबंध में किसी को जानकारी देने पर तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना का प्रावधान है। सजा के डर से पीड़ित ने यह बात किसी से भी साझा नहीं की। जालसाजों ने प्रत्येक तीन घंटे में व्हाट्सएप पर अपनी लोकेशन, एक्टिविटी बताने के निर्देश दिये। इसके बाद वीडियो कॉल कर सूचित किया कि आपके नाम का अरेस्ट वारंट व जब्ती की तुरंत कार्यवाही के आदेश हैं, इनमे छूट के लिए पायोरिटी इन्वेस्टीगेशन करना होगा। जिसके लिए कथित सीबीआई अधिकारी कीर्ति सान्याल के माध्यम से अनुमति प्राप्त करना होगी।
ये भी पढ़ें- शराब चालान घोटाले में 70 करोड़ की संपत्ति जब्त, ईडी ने इंदौर, मंदसौर और खरगोन में की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट में जमा करने होगी खातों की राशि
जालसाजों ने फिर से पीड़ित को काल कर बताया कि प्रायोरिटी इन्वेस्टीगेशन की अनुमति मिल गई है। आपको अपने सभी डिपजिट (फिक्स्ड डिपजिट भी) तुड़वाकर पूरी राषि सुप्रीम कोर्ट के खाते में आज ही जमा करना होगा। जो वेरिफिकेशन के बाद आपको वापस कर दी जायेगी। वृद्ध ने समय पूर्व अपनी एफडी का तुडवाते हुए अपने भारतीय स्टेट बैंक कमला नेहरू नगर शाखा जबलपुर खाता क्रमांक 32331112190 में जमा किए। इसके बाद इसी खाते से 76 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर हो गये, जो कि वापस नहीं आये। क्राईम बांच ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनके संबंध में पतासाजी प्रारंभ कर दी है।
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उक्त नम्बर पर फोन लगाने पर सामने वाले व्यक्ति ने खुद का नाम आईपीएस विजय कुमार बताया था। इसके बाद कथित आईपीएस अधिकारी विजय कुमार ने सुबह 11.21 बजे वीडियो कॉल से बात की और वाट्सअप पर दर्ज केस की जानकारी दी। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे पुनः वीडियो कॉल करते हुए बताया कि आप सीबीआई में दर्ज सदाकत खान ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में संदिग्ध हैं। सदाकत खान के पास आपके नाम का एटीएम कार्ड मिला है जो केनरा बैंक, मुंबई का है। वृद्ध के संदिग्ध होने का सर्वोच्च न्यायालय के पत्र की प्रति भी व्हाट्सएप पर भेजी गई।
सीक्रेट मिशन का खुलासा करने पर पांच साल की सजा
कथित आईपीएस विजय कुमार ने वृध्द से कहा कि यह सीक्रेट मिशन है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसे चलाया जा रहा है और इस संबंध में किसी को जानकारी देने पर तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना का प्रावधान है। सजा के डर से पीड़ित ने यह बात किसी से भी साझा नहीं की। जालसाजों ने प्रत्येक तीन घंटे में व्हाट्सएप पर अपनी लोकेशन, एक्टिविटी बताने के निर्देश दिये। इसके बाद वीडियो कॉल कर सूचित किया कि आपके नाम का अरेस्ट वारंट व जब्ती की तुरंत कार्यवाही के आदेश हैं, इनमे छूट के लिए पायोरिटी इन्वेस्टीगेशन करना होगा। जिसके लिए कथित सीबीआई अधिकारी कीर्ति सान्याल के माध्यम से अनुमति प्राप्त करना होगी।
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सुप्रीम कोर्ट में जमा करने होगी खातों की राशि
जालसाजों ने फिर से पीड़ित को काल कर बताया कि प्रायोरिटी इन्वेस्टीगेशन की अनुमति मिल गई है। आपको अपने सभी डिपजिट (फिक्स्ड डिपजिट भी) तुड़वाकर पूरी राषि सुप्रीम कोर्ट के खाते में आज ही जमा करना होगा। जो वेरिफिकेशन के बाद आपको वापस कर दी जायेगी। वृद्ध ने समय पूर्व अपनी एफडी का तुडवाते हुए अपने भारतीय स्टेट बैंक कमला नेहरू नगर शाखा जबलपुर खाता क्रमांक 32331112190 में जमा किए। इसके बाद इसी खाते से 76 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर हो गये, जो कि वापस नहीं आये। क्राईम बांच ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनके संबंध में पतासाजी प्रारंभ कर दी है।
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