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Jabalpur News: बेलखेड़ी पंचायत में 23 लाख का विकास कार्य घोटाला, सरपंच-सचिव पर मामला दर्ज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Thu, 27 Nov 2025 08:13 AM IST
सार
सीसी रोड, चौपाल निर्माण, पुलिया-नाली निर्माण और पंचायत भवन मरम्मत जैसे कार्यों के नाम पर 22.87 लाख रुपये की सरकारी राशि का गबन किया गया। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर पद का दुरुपयोग किया। ईओडब्ल्यू ने दोनों के खिलाफ धारा 420, 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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अपराध। (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पंचायत में विकास कार्य करवाये बिना ही सरपंच और सचिव ने सरकार के द्वारा आवंटित 23 लाख रुपये का गबन कर लिया। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
ईओडब्ल्यू से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के ग्राम बेलखेड़ी में साल 2014 से 2022 की बीच तत्कालीन सरपंच बीरन सिंह काकोडिया तथा सचिव मिथलेश उददे के द्वारा आर्थिक अनियमितता की शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया था कि इस अवधि के दौरान सरकार ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए राशि आवंटित की थी। तत्कालीन सरपंच और सचिव ने 9 विकास कार्य सिर्फ कागजों में करवाये। वास्तव में विकास कार्य हुए ही नहीं थे और उन्होंने राशि का उनके द्वारा दुरुपयोग किया गया।
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ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि सरपंच और सचिव के द्वारा अपने 6 वर्षों के कार्यकाल में गांव में सीसी रोड, चौपाल सभा निर्माण, पुलिया एवं नाली निर्माण, पंचायत भवन मरम्मत सहित 9 प्रकार के कार्यों के नाम पर 22 लाख 87 हजार रुपये की शासकीय राशि का गबन किया गया है। यह कार्य वास्तव में नहीं हुए थे और कागजों में दिखाये गये थे। उनके द्वारा विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज पेश किये गये थे। ईओडब्ल्यू ने जांच के पाया कि दोनों आरोपियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय राशि का दुरुपयोग किया है। ईओडब्ल्यू ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ धारा 420,120 बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
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ईओडब्ल्यू से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के ग्राम बेलखेड़ी में साल 2014 से 2022 की बीच तत्कालीन सरपंच बीरन सिंह काकोडिया तथा सचिव मिथलेश उददे के द्वारा आर्थिक अनियमितता की शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया था कि इस अवधि के दौरान सरकार ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए राशि आवंटित की थी। तत्कालीन सरपंच और सचिव ने 9 विकास कार्य सिर्फ कागजों में करवाये। वास्तव में विकास कार्य हुए ही नहीं थे और उन्होंने राशि का उनके द्वारा दुरुपयोग किया गया।
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ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि सरपंच और सचिव के द्वारा अपने 6 वर्षों के कार्यकाल में गांव में सीसी रोड, चौपाल सभा निर्माण, पुलिया एवं नाली निर्माण, पंचायत भवन मरम्मत सहित 9 प्रकार के कार्यों के नाम पर 22 लाख 87 हजार रुपये की शासकीय राशि का गबन किया गया है। यह कार्य वास्तव में नहीं हुए थे और कागजों में दिखाये गये थे। उनके द्वारा विकास कार्यों के फर्जी दस्तावेज पेश किये गये थे। ईओडब्ल्यू ने जांच के पाया कि दोनों आरोपियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय राशि का दुरुपयोग किया है। ईओडब्ल्यू ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ धारा 420,120 बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।