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Test: पर्थ टेस्ट दो दिन में खत्म, फिर भी ICC ने पिच को बताया बहुत अच्छा; भारतीय पिचें सिर्फ 'संतोषजनक' क्यों?
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, दुबई
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:30 AM IST
सार
इस फैसले ने क्रिकेट जगत में बड़ा सवाल खड़ा किया है कि क्या ICC पिच रेटिंग में डबल स्टैंडर्ड अपनाता है? क्या स्पिन-प्रधान पिचों को कमतर माना जाता है, जबकि तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिचों को बेहतर माना जाता है? अब सबकी नजर इस बात पर होगी कि कोलकाता में भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट की पिच को ICC क्या रेटिंग देता है।
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पर्थ पिच
- फोटो : ANI
टेस्ट क्रिकेट की पिचों को लेकर हाल के दिनों में बहस तेज हो गई है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पर्थ स्टेडियम में खेले गए दो दिवसीय एशेज टेस्ट की पिच को अपनी सर्वोच्च श्रेणी 'वेरी गुड' (बहुत अच्छी) रेटिंग दी है। दूसरी ओर, भारत में हाल ही में हुई टेस्ट सीरीज की पिचों को केवल 'सैटिसफैक्टरी' (संतोषजनक) दर्जा मिला। ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या आईसीसी की रेटिंग प्रणाली में असमानता है?
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ट्रेविस हेड
- फोटो : PTI
दो दिन में खत्म मैच, फिर भी ICC की तारीफ
पर्थ में मैच सिर्फ 847 गेंदों में खत्म हो गया। यह ऑस्ट्रेलिया में दूसरा सबसे छोटा और एशेज इतिहास का 1888 के बाद सबसे तेजी से खत्म होने वाला मुकाबला था। इसके बावजूद मैच रेफरी रंजन मदुगाले ने कहा कि पिच ने बैट और बॉल के बीच बेहतरीन संतुलन बनाया। पहले दिन ही 19 विकेट गिरे, लेकिन आईसीसी ने इसे खराब नहीं माना।
पर्थ में मैच सिर्फ 847 गेंदों में खत्म हो गया। यह ऑस्ट्रेलिया में दूसरा सबसे छोटा और एशेज इतिहास का 1888 के बाद सबसे तेजी से खत्म होने वाला मुकाबला था। इसके बावजूद मैच रेफरी रंजन मदुगाले ने कहा कि पिच ने बैट और बॉल के बीच बेहतरीन संतुलन बनाया। पहले दिन ही 19 विकेट गिरे, लेकिन आईसीसी ने इसे खराब नहीं माना।
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भारत बनाम वेस्टइंडीज
- फोटो : BCCI
भारत की पिचें क्यों मिली ‘संतोषजनक’ रेटिंग?
इसी दौरान भारत में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए अहमदाबाद और दिल्ली टेस्ट की पिचों को मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने 'संतोषजनक' रेटिंग दी। दिलचस्प बात यह है कि इन मैचों में मुकाबला तीन से पांच दिन तक चला, यानी समय पहले खत्म नहीं हुआ। फिर भी आईसीसी के मूल्यांकन में भारत पीछे रह गया।
इसी दौरान भारत में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए अहमदाबाद और दिल्ली टेस्ट की पिचों को मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने 'संतोषजनक' रेटिंग दी। दिलचस्प बात यह है कि इन मैचों में मुकाबला तीन से पांच दिन तक चला, यानी समय पहले खत्म नहीं हुआ। फिर भी आईसीसी के मूल्यांकन में भारत पीछे रह गया।
भारत बनाम वेस्टइंडीज
- फोटो : BCCI
आईसीसी की रेटिंग प्रणाली क्या कहती है?
आईसीसी के चार-स्तरीय मूल्यांकन पैमाने के मुताबिक-
पर्थ की पिच को अच्छा उछाल, सीम मूवमेंट और बाद में बेहतर हो जाने की वजह से बहुत अच्छा माना गया।
आईसीसी के चार-स्तरीय मूल्यांकन पैमाने के मुताबिक-
| ICC पिच की रेटिंग | मतलब |
|---|---|
| Very Good (बहुत अच्छी) | बल्लेबाजों और गेंदबाजों को बराबर मदद करने वाली पिच |
| Good (अच्छी) | खेल संतुलित, लेकिन थोड़ा एकतरफा रुझान वाली पिच |
| Satisfactory (संतोषजनक) | सामान्य पिच, जिसमें सुधार की जरूरत हो |
| Below Average (औसत से कम) | ऐसी पिच जो मैच पर नकारात्मक असर डाले |
पर्थ की पिच को अच्छा उछाल, सीम मूवमेंट और बाद में बेहतर हो जाने की वजह से बहुत अच्छा माना गया।
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मिचेल स्टार्क
- फोटो : PTI
पर्थ में तेज गेंदबाजों का कहर
पर्थ की पिच पर तेज गेंदबाजों ने मैच पर पूरी तरह से दबदबा बनाया। मिचेल स्टार्क ने 58 रन देकर सात विकेट लिए, जो कि उनके टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। स्कॉट बोलैंड ने इंग्लैंड की दूसरी पारी ढहा दी। वहीं, दूसरी ओर बेन स्टोक्स ने पांच विकेट लिए। लेकिन पिच के आलोचकों के लिए असली चर्चा तब शुरू हुई जब ट्रैविस हेड ने सिर्फ 83 गेंदों पर 123 रन ठोककर मैच खत्म कर दिया। इससे आईसीसी के मुताबिक, यह साबित हुआ कि पिच बल्लेबाजी के लिए असंभव नहीं थी।
पर्थ की पिच पर तेज गेंदबाजों ने मैच पर पूरी तरह से दबदबा बनाया। मिचेल स्टार्क ने 58 रन देकर सात विकेट लिए, जो कि उनके टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। स्कॉट बोलैंड ने इंग्लैंड की दूसरी पारी ढहा दी। वहीं, दूसरी ओर बेन स्टोक्स ने पांच विकेट लिए। लेकिन पिच के आलोचकों के लिए असली चर्चा तब शुरू हुई जब ट्रैविस हेड ने सिर्फ 83 गेंदों पर 123 रन ठोककर मैच खत्म कर दिया। इससे आईसीसी के मुताबिक, यह साबित हुआ कि पिच बल्लेबाजी के लिए असंभव नहीं थी।