सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Jabalpur News ›   Prepare the policy in four weeks as per the order of the Supreme Court

Jabalpur: चार सप्ताह में तैयार करें पॉलिसी, वन्य प्राणियों के मामले में हाईकोर्ट सख्त; इस आदेश का दिया हवाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Tue, 25 Nov 2025 02:22 PM IST
सार

रायपुर निवासी नितिन सिंघवी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जंगली हाथियों को पकड़ने का कदम अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए।

विज्ञापन
Prepare the policy in four weeks as per the order of the Supreme Court
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार चार सप्ताह में तैयार करें पॉलिसी
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि केरल व उत्तर प्रदेश की तरह मानव-वन्यजीव के संघर्ष को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में रखा जाए। सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेशानुसार पॉलिसी बनाई जाए और चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है।
Trending Videos


'किसानों की फसलें बर्बाद होती हैं'
रायपुर निवासी नितिन सिंघवी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जंगली हाथियों को पकड़ने का कदम अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पहले विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ से जंगली हाथियों के झुंड मध्य प्रदेश के जंगलों में प्रवेश करते हैं। जिससे किसानों की फसलें बर्बाद होती हैं और घरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। कुछ मामलों में जंगली हाथियों द्वारा किए गए हमलों में लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है।
विज्ञापन
विज्ञापन


'हाथियों को यातनाओं का सामना करना पड़ता है'
जंगली हाथियों को प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) वाइल्डलाइफ के आदेश पर ही पकड़ा जा सकता है। जंगली हाथी संरक्षित वन्य प्राणियों की प्रथम सूची में आते हैं, और पकड़े जाने के बाद उन्हें टाइगर रिजर्व में भेजकर प्रशिक्षण दिया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान हाथियों को यातनाओं का सामना करना पड़ता है।

वर्ष 2017 से अब तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया था कि पिछले 30 वर्षों में पकड़े गए हाथियों का पूरा विवरण पेश किया जाए। सरकार की तरफ से पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया था कि वर्ष 2017 से अब तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया है,जिसमें से दो हाथियों को विदेश से बुलाई गयी कॉलर आईडी पहनाकर छोड़ दिया गया है। हाथियों को कंट्रोल करने के लिए गठित 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी के सेंटर ऑफ एलिफेंट स्टेडी कॉलेज ऑफ वेटरनरी एनिमल साइंस के प्रोफेसर राजीव टी.एस को शामिल किया गया है।

बचाव के लिए फैला देते हैं करंट
याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि कान्हा में रखा गया एक हाथी को छोड़ दिया गया है। युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा टी एन गोदावर्मन के मामले में पारित आदेशानुसार पॉलिसी बनाई जाये। जिसकी स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाये। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि लोग फसलों व मकान सहित स्वयं की वन्य प्राणियों से सुरक्षा करने करंट फैला देते हैं।

ये भी पढ़ें-Jabalpur News: कटनी विधायक संजय पाठक को हाईकोर्ट का नोटिस, अब विधानसभा सचिव के माध्यम से तामील के निर्देश

करंट से वन्य प्राणियों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश का स्थान देष में पहला है। वन्य प्राणियों द्वारा क्षति पहुंचाने पर तहसीलदार स्तर पर मुआवजा निर्धारित किया जाता है। पीड़ित को क्षति के 20 प्रतिशत तक का मुआवजा मिलता है। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा उठाये गये मुद्दे को भी सरकार को विचार करने के आदेष दिये है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed