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Jabalpur News: मजदूर की कंपनी को ठेका देकर 30 लाख का घोटाला, उप वन मंडलाधिकारी सहित चार पर केस दर्ज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Thu, 27 Nov 2025 08:03 AM IST
सार
जांच में पता चला कि वनपाल चेतराम के बेटे सुशील चौबे को फर्जी मजदूर बनाकर 2.71 लाख रुपये दिए गए, जबकि उसकी कंपनी अवनी कंस्ट्रक्शन को बाउंड्रीवाल सहित अन्य निर्माण कार्यों के नाम पर 23.21 लाख रुपये का भुगतान किया गया। सीसीटीवी और डीवीआर इंस्टॉलेशन में भी 52 हजार रुपये की अनियमितता पकड़ी गई।
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अपराध। (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
वनपाल के बेटे को फर्जी मजदूर बताते हुए उसके वेतन के नाम पर राशि आवंटित जारी की गई। इस दौरान फर्जी मजदूरी की कंपनी को ठेका देकर लाखों रुपये का गबन किया गया। एक मजदूर को एक ही कार्य के लिए दो-दो बार भुगतान किया गया। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने 30 लाख के घोटाले के मामले में उप वन मंडलाधिकारी सहित चार व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायत प्राप्त हुई थी कि कैम्पा योजना साल 2015 से 2018 के बीच छिंदवाड़ा पश्चिमी वन मंडल परासिया में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि वन पाल के पद पर पदस्थ चेतराम के पुत्र सुशील चौबे को फर्जी मजबूर बताकर 2 लाख 71 हजार रुपये का भुगतान किया गया। एक ही मजदूरों को दो बार भुगतान किया गया। फर्जी सुनील चौबे की कंपनी अवनी कंस्ट्रक्शन को बाउंड्रीवाल सहित अन्य निर्माण कार्य का ठेका देकर 23 लाख 21 हजार रुपये का भुगतान किया गया। वन मंडल परासिया में 4 कमरों में डीव्हीआर व सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए कोटेशन से 52 हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान किया गया।
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इसके अलावा सांवरी परिक्षेत्र में बाउंड्रीवाल निर्माण का कार्य 15 लाख रुपये में स्वीकृत किया गया था, जिसमें से सिर्फ 6 लाख 97 लाख रुपये के देयक पाये गये। शेष राशि का गबन किया गया। उक्त कार्य बिना स्वीकृति लिये गया था और स्वीकृति मिलने के बाद 2 लाख 22 हजार रुपये का भुगतान किया गया। उक्त भुगतान भण्डार क्रय नियम व शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश के विपरीत किया गया।
इस दौरान चेतराम वनमण्डल में वनपाल के पद पर पदस्थ थे। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद उप वन मंडलाधिकारी परासिया अनादि बुधोलिया, परिक्षेत्र अधिकारी सांवरी कीर्ति बाला, वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल तथा वनपाल चेतराम के पुत्र सुशील चौबे के खिलाफ आपराधिक साजिश रचकर पद का दुरुपयोग कर शासकीय राशि गबन करने के आरोप में धारा 409, 120 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। उप वन मंडलाधिकारी 19 साल की सेवा में 17 साल से एक ही स्थान पर पदस्थ रहे हैं।
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आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायत प्राप्त हुई थी कि कैम्पा योजना साल 2015 से 2018 के बीच छिंदवाड़ा पश्चिमी वन मंडल परासिया में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि वन पाल के पद पर पदस्थ चेतराम के पुत्र सुशील चौबे को फर्जी मजबूर बताकर 2 लाख 71 हजार रुपये का भुगतान किया गया। एक ही मजदूरों को दो बार भुगतान किया गया। फर्जी सुनील चौबे की कंपनी अवनी कंस्ट्रक्शन को बाउंड्रीवाल सहित अन्य निर्माण कार्य का ठेका देकर 23 लाख 21 हजार रुपये का भुगतान किया गया। वन मंडल परासिया में 4 कमरों में डीव्हीआर व सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए कोटेशन से 52 हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान किया गया।
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इसके अलावा सांवरी परिक्षेत्र में बाउंड्रीवाल निर्माण का कार्य 15 लाख रुपये में स्वीकृत किया गया था, जिसमें से सिर्फ 6 लाख 97 लाख रुपये के देयक पाये गये। शेष राशि का गबन किया गया। उक्त कार्य बिना स्वीकृति लिये गया था और स्वीकृति मिलने के बाद 2 लाख 22 हजार रुपये का भुगतान किया गया। उक्त भुगतान भण्डार क्रय नियम व शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश के विपरीत किया गया।
इस दौरान चेतराम वनमण्डल में वनपाल के पद पर पदस्थ थे। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद उप वन मंडलाधिकारी परासिया अनादि बुधोलिया, परिक्षेत्र अधिकारी सांवरी कीर्ति बाला, वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल तथा वनपाल चेतराम के पुत्र सुशील चौबे के खिलाफ आपराधिक साजिश रचकर पद का दुरुपयोग कर शासकीय राशि गबन करने के आरोप में धारा 409, 120 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। उप वन मंडलाधिकारी 19 साल की सेवा में 17 साल से एक ही स्थान पर पदस्थ रहे हैं।