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MP News: पद्मश्री पाने वाले जगदीश जोशीला, देश के इकलौते निमाड़ी साहित्यकार...दादा माखनलाल ने रखा था नाम; कहानी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: शबाहत हुसैन Updated Mon, 27 Jan 2025 07:41 AM IST
सार

Padmashree Award: अपने नाम को लेकर उन्होंने बताया कि वैसे तो उनका नाम जगदीश सिसोदिया है, लेकिन देश के प्रसिद्ध साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी जिन्हें देशभर में माखन दादा के नाम से जाना जाता है, उनके द्वारा ही उन्हें करीब 50 साल पहले जोशीला उपनाम दिया गया था।

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The story of Jagdish Joshila, the only writer from Niman who received Padma Shri
जगदीश जोशीला - फोटो : अमर उजाला

देश भर में पद्मश्री के लिए नामित पुरस्कारों की घोषणा होने के साथ ही मध्य प्रदेश के निर्माण अंचल खरगोन जिले में भी जश्न का माहौल है। जिले के गोगावा क्षेत्र के उपन्यासकार जगदीश जोशीला को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया है।


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The story of Jagdish Joshila, the only writer from Niman who received Padma Shri
जगदीश जोशीला - फोटो : अमर उजाला
इसके बाद से उन्हें इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि वे बीते 50 सालों से हिंदी के साथ ही निमाड़ी साहित्य के लिए अपनी सेवाएं दे रहे थे और माना जाता है की निमाड़ी साहित्य लिखने वाले वह एक मात्र उपन्यासकार हैं। निमाड़ी बोली में लिखे गए उनके उपन्यासों के चलते ही उन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया है।

 
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जगदीश जोशीला - फोटो : अमर उजाला

वहीं अपने नाम को लेकर उन्होंने बताया कि, वैसे तो उनका नाम जगदीश सिसोदिया है। लेकिन देश के प्रसिद्ध साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी जिन्हें देशभर में माखन दादा के नाम से जाना जाता है, उनके द्वारा ही उन्हें करीब 50 साल पहले जोशीला उपनाम दिया गया था। जिसके बाद से वे जगदीश जोशीला के नाम से प्रसिद्ध हुए, और इसी नाम से वे अपने साहित्य लिखते रहे।

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जगदीश जोशीला - फोटो : अमर उजाला
देश के इकलौते निमाड़ी के साहित्यकार
वहीं इस उपलब्धि के बाद जगदीश जोशीला ने बताया कि आज तक कोई भी साहित्यकार विभिन्न विधाओं की 28 पुस्तकें निमाड़ी में नहीं लिख पाया है। हालांकि निमाड़ के प्रसिद्ध संत सिंगाजी महाराज ने अपने समय में करीब 10 से 11 पद्द विधा के ग्रंथ लिखे हैं, या पुस्तक लिखी थी। जिसके बाद देश में निमाड़ी के एकमात्र अब वही उपन्यासकार हैं। उनसे पहले और ना ही अभी उनके अलावा कोई उपन्यास कार निमाड़ी का हुआ है, जिसके चलते उन्हें निमाड़ी गद्द साहित्य विधा का जनक भी कहा जाता है। वहीं उन्होंने निमाड़ी में कुल 28 उपन्यास लिखे हैं।


 
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जगदीश जोशीला - फोटो : अमर उजाला
निमाड़ के चार संतों पर भी लिखे उपन्यास
पदम् श्री अवार्ड ने नवाजे गए जगदीश जोशीला ने बताया कि, संत सिंगाजी महाराज पर 778 पेज का उनका प्रमाणिक शोध का उपन्यास आया हुआ है, तो वहीं निमाड़ में भगवान की तरफ पूजे जाने वाले टंट्या मामा पर भी उन्होंने उपन्यास लिखा है। इसके साथ ही निमाड़ की देवी अहिल्याबाई पर भी दो भागों का उनका उपन्यास आया हुआ है, जिसका इंग्लिश वर्जन भी जल्द ही पब्लिश होकर सामने आने वाला है, साथ ही निमाड़ में सनातन का प्रचार करने आये संत शंकराचार्य जी पर भी उन्होंने उपन्यास लिखा है। इस तरह निमाड़ के इन चारों संतों पर हिंदी भाषा के उनके उपन्यास प्रमुख हैं।

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