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Mandsaur News: मंदसौर के एक एएसआई व तीन पुलिसकर्मी सहित पांच पर प्रतापगढ़ में एफआईआर दर्ज, झूठा केस बनाया था
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंदसौर
Published by: मंदसौर ब्यूरो
Updated Tue, 08 Jul 2025 02:17 PM IST
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सार
मंदसौर के भावगढ़ थाने के एएसआई और तीन आरक्षकों सहित पांच पर प्रतापगढ़ कोर्ट के आदेश पर झूठे केस में फंसाने का मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उन्होंने राजस्थान के शराब व्यवसायी पारसमल को अगवा कर 85 पेटी शराब के साथ फर्जी प्रकरण बनाया। अब मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

थाना भावगढ़
विस्तार
मंदसौर जिले के भावगढ़ थाने में पदस्थ एएसआई सुरेश निनामा, आरक्षक देवेंद्रकुमार लवाना, यशवंत सिंह, करन सिंह और संविदा कर्मचारी मुकेश कुमावत के खिलाफ राजस्थान के प्रतापगढ़ कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में केस दर्ज किया है। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने 10 फरवरी 2025 को राजस्थान निवासी एक शराब व्यापारी पारसमल मेवाड़ा को अवैध रूप से अगवा कर 85 पेटी देशी शराब के साथ झूठे केस में फंसा दिया था।
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पारसमल मेवाड़ा को भावगढ़ पुलिस ने अवैध शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वे 8 अप्रैल को इंदौर हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हुए। इसके बाद उन्होंने प्रतापगढ़ की कोर्ट में परिवाद दायर कर पूरी घटना का विवरण दिया। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ IPC की धाराएं 140(3), 142, 61(2), 312 के तहत केस दर्ज किया है।
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परिवाद में लगाए गंभीर आरोप
पारसमल ने बताया कि उनकी पुत्री सरोज मेवाड़ा के नाम से प्रतापगढ़ जिले के खेरोट गांव में लाइसेंसी वाइन शॉप है। 10 फरवरी को उनका चालक दशरथ मीणा अधिकृत वाहन RJ 35 UA 0639 से शराब लेकर लाइसेंसी गोदाम जा रहा था। इस दौरान अखेपुर गांव के पास दो अज्ञात बाइक सवारों ने हथियार दिखाकर चालक को भगा दिया और पारसमल को अगवा कर लिया। इसके बाद भावगढ़ पुलिस ने उन्हें झूठे शराब तस्करी के केस में फंसा दिया।
भावगढ़ पुलिस ने दर्ज किया था प्रकरण
भावगढ़ थाना पुलिस ने 10 फरवरी को पारसमल को थार वाहन RJ 35 UA 0639 में 85 पेटी देशी शराब के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया था। उनके खिलाफ मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत प्रकरण दर्ज कर 27 मार्च को चालान कोर्ट में पेश किया था। यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है।
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एसपी बोले—हमें नहीं सुना गया, करेंगे अपील
मंदसौर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद ने कहा कि इस मामले में हमें सुने बिना कार्रवाई की गई है। हम इसके खिलाफ जल्द ही अपील करेंगे। भावगढ़ पुलिस ने विधिसम्मत तरीके से कार्रवाई की और कोर्ट में चालान पेश किया है।
कॉल डिटेल से खुल सकती है सच्चाई
परिवाद में पारसमल ने मांग की है कि आरोपी पुलिसकर्मियों की कॉल डिटेल खंगाली जाए, जिससे यह साबित किया जा सके कि वे घटना के दिन राजस्थान की सीमा में मौजूद थे। इससे पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सकता है।